काँग्रेस के अंदरखाने में खदबदाने लगे असंतोष के सुर!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। जनता का काम भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में नहीं किया गया उसके बाद भी मतदाताओं ने भाजपा को जी भर कर जनादेश दिया है तो काँग्रेस अब जनता के काम क्यों करे! इस तरह की बातें काँग्रेस के संगठन के अंदर तेजी से चलने लगी हैं।
दरअसल, प्रदेश में काँग्रेस को सत्तारूढ़ हुए छः माह का समय बीत जाने के बाद भी जिले में बेलगाम अफसरशाही पर अंकुश लगाने में काँग्रेस पूरी तरह नाकाम ही दिख रही है जिससे जनता में रोष और असंतोष पनपने लगा है। आम जनता के द्वारा अब काँग्रेस के नेताओं की ओर आस लगाने वाली नज़रें लगाये जाने से काँग्रेस के नेता निरूत्तर नज़र आ रहे हैं।
काँग्रेस के अंदरखाने से छन-छन कर बाहर आ रहीं खबरों पर अगर यकीन किया जाये तो भरी गर्मी में भी जिला मुख्यालय में पानी का विकराल संकट बना हुआ है। लोग अपने दैनिक जरूरत के लिये टैंकर्स से पानी खरीद रहे हैं। नगर पालिका में भाजपा की सत्ता है, इसलिये भाजपा संगठन बचाव की मुद्रा में है, पर पालिका में विपक्ष में बैठी काँग्रेस के पार्षदों पर काँग्रेस संगठन का बस नहीं रह गया है।
खबरों के अनुसार काँग्रेस के अंदर अब संगठन के खिलाफ भी सुर मुखर होते दिख रहे हैं। काँग्रेस के नेता दबी जुबान से यह कहते भी दिख रहे हैं कि काँग्रेस के संगठन के नेताओं के द्वारा अधिकारियों के द्वारा किये जाने वाले गलत कामों का विरोध करने की बजाय उन कामों को सही ठहराने के लिये तरह – तरह के तर्क दिये जा रहे हैं जो लोगों के गले नहीं उतर रहे हैं।
काँग्रेस के एक नेता ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि भाजपा के शासन काल में तत्कालीन सीएमओ नवनीत पाण्डेय के द्वारा किये गये सही कामों का विरोध कर नवनीत पाण्डेय के खिलाफ निंदा प्रस्ताव नहीं लाये जाने के पार्टी के निर्देश के उपरांत भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष के द्वारा पार्षदों के भाजपा कार्यालय में प्रवेश पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया गया था, पर वर्तमान समय में काँग्रेस का संगठन पार्षदों के सामने बौना ही प्रतीत हो रहा है।
उक्त नेता का कहना था कि भाजपा की पालिका के शासन काल में नवीन जलावर्धन योजना का काम नियत समय से तीन साल विलंब से चल रहा है। इसके अलावा विधायक दिनेश राय के अल्टीमेटम के बाद 468 एवं जिला कलेक्टर के द्वारा तय की गयी समय सीमा से 101 दिन ज्यादा होने के बाद भी अभी तक काँग्रेस के द्वारा ठेकेदार या संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की माँग किये जाने की बजाय काम में तकनीकि समस्याओं का हवाला दिया जाकर ठेकेदार और कर्मचारियों को बचाने का असफल प्रयास क्यों किया जा रहा है, यह बात समझ से परे ही है।
उक्त नेता का कहना था कि काँग्रेस के संगठन को चाहिये था कि वे इस काम के ठेकेदार के द्वारा की जा रही लेट लतीफी और भाजपा शासन काल में इस काम में मलाई काटने वाले अधिकारियों की मश्कें कसने का प्रयास करते, पर इससे उलट काँग्रेस के संगठन के द्वारा विलंब के कारण को ही न्याय संगत दर्शाने के लिये तरह – तरह के कपोल कल्पित बहाने गढ़े जा रहे हैं जो उचित नहीं माने जा रहे हैं। उक्त नेता ने कहा कि इस मामले में अभी भी काँग्रेस के नेताओं के द्वारा जिलाधिकारी से मिलकर अनुनय विनय ही की जा रही है। इसके अलावा अपनी खाल बचाने के लिये खतो खिताब की सियासत भी उनके द्वारा की जा रही है। कुल मिलाकर यही प्रतीत हो रहा है कि काँग्रेस संगठन को जनता के दुःखों से ज्यादा सरोकार नहीं रह गया है, जबकि महज़ चार पाँच माह बाद ही नगर पालिका चुनाव होने वाले हैं।

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