(ब्यूरो कार्यालय)
मुंबई (साई)। वह हर बार अपने डांस से स्क्रीन में आग लगा देती हैं, इसी वजह से नोरा फतेही के खाते में कई हिट डांस नंबर्स हैं।
चाहे वह ‘रॉक दि पार्टी… (रॉकी हैंडसम, 2016)’ हो, ‘कमरिया… (स्त्री, 2018)’ हो, ‘दिलबर… (सत्यमेव जयते, 2018)’ हो या फिर हाल ही में रिलीज फिल्म ‘बाटला हाउस’ का गाना ‘ओ साकी साकी…’ हो, उन्होंने हमेशा एक बेंचमार्क सेट किया है। लेकिन ऐसा लगता है कि अब नोरा अपने अभिनय की झलक दिखाने के लिए काफी उत्सुक हैं। वह कहती हैं कि वह ‘आइटम डांस करने वाली लड़की’ की तरह नहीं, बल्कि एक ऐसी लड़की के रूप में भी जगह बनाना चाहती हैं, जो अभिनय भी कर सकती है। उनके शब्दों में, ‘मैं अभिनय भी कर सकती हूं। और मैं समझती हूं कि यहां टिके रहने के लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।’
वहीं, उन्हें खुशी है कि फिल्म ‘बाटला हाउस’ में उनकी छोटी लेकिन महत्वपूर्ण भूमिका पर लोगों ने ध्यान दिया। बकौल नोरा, ‘यह सम्मान और प्रतिष्ठा की बात है। इस फिल्म ने मुझे अपने अभिनय और संवाद कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर दिया, जो मुझे लगता है कि इंडस्ट्री में कई लोग देखना चाहते थे। यहां तक कि दर्शक भी यह देखने का इंतजार कर रहे थे। इसकी वजह से मुझे इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने में मदद मिलेगी।’ नोरा इसके जरिये दर्शकों, फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों का विश्वास हासिल करना चाहती हैं।
लेकिन यह नोरा का पहला एक्टिंग असाइनमेंट नहीं है। उन्होंने ‘रोर- टाइगर्स ऑफ दि सुंदरबन (2014)’ और ‘क्रेजी कुक्कड़ फैमिली (2015)’ में भी काम किया है, लोकिन दोनों ही फिल्में कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं। तो एक प्रभावशाली भूमिका पाने के लिए उन्हें इतना लंबा इंतजार क्यों करना पड़ा! जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह कई वजहों से है। वह कहती हैं, ‘कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने मेरी प्रतिभा को देखकर मुझे अवसर दिए, लेकिन कुछ फिल्में थीं, जिन पर लोगों का ध्यान नहीं गया। पर मैंने हार नहीं मानी। मैं हमेशा निखिल आडवाणी (निर्देशक) का शुक्रिया अदा करती हूं, जो उन्होंने मुझे ‘बाटला हाउस’ दी।’ कनाडा में जन्मी और पली-बढ़ी नोरा के लिए खुद को साबित करने का संघर्ष अधिक है, क्योंकि वह एक बाहरी हैं। उनके शब्दों में, ‘यह और भी मुश्किल हो जाता है, जब आप भारत के नागरिक नहीं होते। बहुत-सी बाधाएं होती हैं- जैसे कि भाषा, एक भारतीय किरदार की बारीकियों को समझना और इस तरह की कई अन्य मुश्किलें भी होती हैं। मैं बॉलीवुड में एक ऐसी कलाकार के रूप में पहचानी जानी चाहती हूं, जो बेशक विदेशी हो, लेकिन उसे एक भारतीय अभिनेत्री की तरह समान रूप से स्वीकार किया जाए। कुछ वर्षों से मैं इंडस्ट्री में एक किरदार पाने की कोशिश कर रही हूं और अपने कौशल को सुधारने में भी बहुत समय दे रही हूं।’ अपने उच्चारण और अभिनय कौशल की तरफ ध्यान देने वाली नोरा कहती हैं, ‘यह मेरे लिए सही समय है। मैं कुछ साल पहले की तुलना में अब काफी बेहतर हूं।’