बींझावाड़ा का गर्ल्स कॉलेज़ भवन दिया किराये पर फिर लिया पौने चार एकड़ का रकबा!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। नेताजी सुभाष चंद्र बोस कन्या महाविद्यालय के पास पर्याप्त भूखण्ड होने के बाद भी सुविधाओं का टोटा है। गत दिवस प्रभारी मंत्री को सुविधाओं के लिये ज्ञापन भी सौंपा गया। कन्या महाविद्यालय के पास बींझावाड़ा में 16 एकड़ का रकबा होने के बाद भी इस महाविद्यालय के लिये बस स्टैण्ड के पास पौने चार एकड़ का रकबा अलग से आवंटित किया गया है।
कन्या महाविद्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी में पूर्व में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ही संचालित होता था। इसके बाद अस्सी के दशक में पृथक से कन्या महाविद्यालय की माँग उठायी जाने के बाद तत्कालीन मंत्री सुश्री विमला वर्मा के द्वारा कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति राज्य शासन से दिलवायी गयी थी।
शुरूआती दौर में कन्या महाविद्यालय का संचालन महारानी लक्ष्मी बाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के ऑडीटोरियम और उसके सामने वाले हिस्से में होता था। इसके उपरांत तत्कालीन मुख्यमंत्री मोती लाल वोरा के द्वारा लूघरवाड़ा से बींझावाड़ा मार्ग पर कन्या महाविद्यालय को आवंटित किये गये 16 एकड़ के भूखण्ड में से कुछ हिस्से में बने भवन का लोकार्पण किया गया था।
बींझावाड़ा में कन्या महाविद्यालय के संचालन के दौरान छात्राओं को शहर से लगभग चार पाँच किलो मीटर आने जाने की समस्या से दो चार होना पड़ा। इसके अलावा इस महाविद्यालय के अध्यापकों को भी यह दूरी भारी पड़ती थी। इसी बीच यहाँ यह माहौल बनाया गया कि कन्या महाविद्यालय सुनसान इलाके में होने के कारण शोहदों के द्वारा छात्राओं को परेशान किया जाता है।
तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ.जी.के. सारस्वत के द्वारा इस समस्या पर विचार करते हुए पुराने जेल भवन में लग रहे केंद्रीय विद्यालय को डूण्डा सिवनी के भवन में स्थानांतरित करते हुए यहाँ कन्या महाविद्यालय के संचालन की व्यवस्था बनवा दी गयी थी। पुराना जेल भवन बस स्टैण्ड के बाजू में एवं थाने के पास होने के कारण यह छात्राओं के लिये मुफीद भी माना जा रहा था।
इसी बीच केंद्रीय विद्यालय में पहली से पाँचवी तक अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के पालकों के द्वारा डूण्डा सिवनी की बजाय इसे पुराने जेल भवन में ही संचालित करने का तर्क जिलाधिकारी डॉ.सारस्तव को दिया गया, जो उन्होंने जेल भवन में अपराधियों के रहने के कारण वहाँ की आबोहवा खराब होने और इससे विद्यार्थियों की मनोदशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की बात कहकर खारिज़ कर दिया था। जैसे ही कं्रेदीय विद्यालय को डूण्डा सिवनी स्थानांतरित किया गया उसके बाद कन्या महाविद्यालय का संचालन पुराने जेल भवन में होना आरंभ हो गया।
सूत्रों ने बताया कि कन्या महाविद्यालय के पास बींझावाड़ा में 16 एकड़ विशाल क्षेत्रफल का रकबा और भव्य भवन है, जहाँ इस महाविद्यालय को संचालित भी किया गया, किन्तु इसके बाद भी कन्या महाविद्यालय को पुराने जेल भवन को पौने चार एकड़ का रकबा सरकार के द्वारा आवंटित कर दिया गया। वर्तमान में कन्या महाविद्यालय के पास दो अलग – अलग स्थानों पर लगभग बीस एकड़ का रकबा है।
सूत्रों ने बताया कि जन भागीदारी समिति के शपथ ग्रहण के दौरान कॉलेज़ प्रबंधन के द्वारा प्रभारी मंत्री को समस्याओं से आवगत कराते हुए कहा था कि जेल भवन में कक्ष बहुत ही छोटे हैं, जिसके चलते छात्राओं को बरामदे में खड़े होकर अध्ययन करने पर मजबूर होना पड़ता है।
बींझावाड़ा में हो सकता है संचालन : यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि बींझावाड़ा क्षेत्र में जहाँ गर्ल्स कॉलेज़ का भवन बना है उस स्थान से शहर से अधिक दूरी पर निज़ि शालाओं का संचालन किया जा रहा है। इन शालाओं में पहली कक्षा से बाहरवीं कक्षा तक के विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। इस लिहाज़ से कन्या महाविद्यालय का संचालन बींझावाड़ा में अगर कराया जाकर पुराने जेल भवन को महिलाओं के लिये शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या अन्य किसी उपयोग में लाया जाता है तो इससे शहर में व्यापार की बढ़ौत्तरी के मार्ग भी प्रशस्त हो सकते हैं।
कन्या महाविद्यालय के पास बींझावाड़ा में 16 एकड़ का रकबा और इमारत है. इसे जिलाधिकारी ने किराये पर दे दिया है. वर्तमान में जिस स्थान पर कन्या महाविद्यालय का संचालन किया जा रहा है वहाँ कन्या महाविद्यालय को पौने चार एकड़ का रकबा शासन के द्वारा आवंटित किया गया है. कुछ सुविधाओं की माँग को लेकर छात्राओं ने प्रभारी मंत्री का ध्यान गत दिवस आकर्षित कराया था.
अमिता पटेल,
प्राचार्य. सुभाषचंद्र बोस
कन्या महाविद्यालय.

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