पाँच सालों में भी पूरी नहीं हो पायी पालिका की मॉडल रोड
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। नगर पालिका परिषद की महत्वाकांक्षी परियोजना मॉडल रोड इस साल भी बरसात में बुरी तरह सता सकती है। 11 करोड़ 70 लाख की इस योजना का नक्शा कब तैयार हुआ, कब इसका निर्माण पूरा किया जाना था इस बारे में नगर पालिका पूरी तरह ही मौन ही नज़र आ रही है।
नगर पालिका के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सितंबर 2013 में शहर में ज़्यारत नाके से लेकर नागपुर नाके तक की सड़क के हिस्से को मॉडल रोड बनाकर इसका निर्माण कार्य आरंभ कराया गया था। इसका निर्माण ग्यारह माह में (अगस्त 2014 तक) पूरा कर लिया जाना चाहिये था।
सूत्रों ने बताया कि मॉडल रोड के निर्माण के मामले में नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी और चुनी हुई परिषद को ज्यादा दिलचस्पी नहीं रही है। यही कारण है कि सितंबर 2013 में आरंभ करायी गयी महज चार किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण पाँच साल पूरे होने के बाद भी पूरा नहीं कराया जा सका है।
सूत्रों की मानें तो सड़क का निर्माण जिस तरह से कराया जा रहा है उसे देखकर लग रहा है कि तकनीकि तौर पर किसी भी अधिकारी के द्वारा इसका अधीक्षण (सुपरविज़न) नहीं किया गया है। इसका कारण यह है कि इस सड़क में बारिश के पानी की निकासी की कोई माकूल व्यवस्था ही नहीं की गयी है।
मॉडल रोड के अलावा शहर के अधिकांश मुख्य मार्गों में भी झमाझम बारिश से कई स्थानों पर जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी, क्योंकि वषार्काल के पूर्व नगर के अधिकांश नाले और नालियों की जिस तरह सफाई की जानी चाहिये थी, वह नहीं की गयी और उसी का परिणाम है कि कल जब पानी गिरा तो नालियों में भरी सारी गदंगी सड़कों पर आ गयी।
नगर में नागपुर जबलपुर मार्ग को जो कि शहर के अंदर से गुजरता है, उसे मॉडल रोड के रूप में निर्मित किया गया है। इस सड़क में विशेषकर बुधवारी क्षेत्र के लोगों को वर्षा काल के दौरान इस सड़क के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आधा पौन घण्टे की होने वाली तेज बरसात में सड़क का पानी पहले बहकर लोगों की दुकानों में भरता है और उसके बाद सड़क में भी पानी भर जाता है, जिससे वाहनों और लोगों को आने – जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मजे की बात यह है कि इस सड़क का उपयोग जिले के जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों द्वारा रोज ही किया जाता है, इसके बाद भी इस सड़क को अब तक पूरा नही किया जा सका है। इतना ही नहीं इस सड़क के बीच में लाईट तो लगायी जा चुकी हैं, पर लगभग दो सालों बाद भी ये लाईट आरंभ नहीं हो पायी हैं।
नगर पालिका के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस सड़क के निर्माण में आने वाली बाधाओं के बारे में अफसरान सालों से गढ़े गढ़ाये बहाने लोगों और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रख दिये जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि नागरिकों को इस बात से क्या सराकोर कि किस तरह का व्यवधान इसकी पूर्णता में बाधक बन रहा है! अगर कोई बाधा थी तो उसे नक्शा और डीपीआर बनाते समय देखा जाना चाहिये था!

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