(ब्यूरो कार्यालय)
इंदौर (साई)। मल्हारगंज अस्पताल में प्रसव के तुरंत बाद नवजात को एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया। बच्चे की स्थिति गंभीर होने के बाद भी ऑक्सीजन की व्यवस्था के बिना ही रवाना कर दिया। इससे रास्ते में ही नवजात की मौत हो गई।
अस्पताल प्रबंधन जन्म के बाद उसके जीवित होने और बच्चे के नहीं रोने की बात स्वीकार कर रहा है लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत के आरोप को नकार रहा है। वहीं परिजन के अनुसार यदि ऑक्सीजन की व्यवस्था के साथ नवजात को भेजा जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। अस्पताल में एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने से परिजन दोनों को अन्य वाहन से लेकर एमवाय पहुंचे।
बुधवार सुबह 6 बजे प्रीति पति राहुल बामनिया को मल्हारगंज अस्पताल प्रसूति के लिए लाया गया। ड्यूटी डॉक्टर को कॉल किया लेकिन वे नहीं पहुंची। इसी दौरान स्टाफ नर्स ने प्रसूति कराई। इस दौरान बच्चा फंस गया। इसके बाद घबराए स्टाफ ने एमवाय रेफर कर दिया। अस्पताल में एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं थी। 108 को कॉल लगाया लेकिन उसे आने में देरी हुई। इसी दौरान गर्भवती महिला के पति ने ऑटो बुलाया व एमवाय लेकर गए। एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों ने नवजात को बिना ऑक्सीजन के इतनी दूर भेजने पर भी आश्चर्य किया।
नौ माह रखा कोख में, अब क्या करूं
नवजात को नौ माह कोख में रखने वाली मां प्रीति का रो रो कर बुरा हाल है। एमवाय अस्पताल से परिजन मल्हारगंज अस्पताल पहुंचे और हंगामा किया। उन्होंने बताया कि यदि ऑक्सीजन होती व नवजात को लगा दी जाती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। वे सीएमएचओ कार्यालय भी पहुंचे, वहां उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर के समय पर नहीं आने व अस्पताल में उपकरणों की कमी होने की शिकायत की है।
बच्चा रो नहीं रहा था, इसलिए भेजा एमवाय
बच्चे के जन्म के बाद उसने रोना शुरू नहीं किया। इसलिए उसे एमवाय रेफर किया गया। अस्पताल में ऑक्सीजन थी। स्टाफ ने 108 को कॉल किया। उसका इंतजार किए बिना परिजन ऑटो से लेकर गए। एमवाय अस्पताल में मौत हुई, यहां पर बच्चा जीवित था। गंभीर स्थिति को देखते हुए अस्पताल में प्रसव का मना भी किया गया लेकिन परिजन नहीं माने। -डॉ. अशोक मालू, प्रभारी

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