ताक पर परिवहन नियम कायदे!

 

 

(शरद खरे)

प्रदेश में परिवहन विभाग का गठन इसलिये किया गया है ताकि वाहनों का संचालन सही तरीके से किया जा सके। सिवनी में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कार्यालय पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.सुश्री विमला वर्मा के प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए उस समय किया गया था जब प्रदेश में गिनती के परिवहन कार्यालय ही अस्तित्व में हुआ करते थे। सिवनी परिवहन कार्यालय के अधीन छिंदवाड़ा और बालाघाट जिलों का समावेश किया गया था।

विडंबना ही कही जायेगी कि सिवनी का परिवहन अधिकारी कार्यालय अपने कर्त्तव्यों को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पा रहा है। सिवनी से होकर गुजरने वाले वाहन, परिवहन नियम कायदों को सरेआम धता बताकर चल रहे हैं पर आरटीओ कार्यालय को मानो इससे कोई सरोकार नहीं है।

सिवनी से होकर गुजरने वाली यात्री बसों की चैकिंग भी महज़ रस्म अदायगी के लिये ही की जाती प्रतीत होती है। पर्यटक परमिट अथवा नेशनल परमिट पर संचालित होने वाली यात्री बस धड़ल्ले से स्टेट कैरिज के मानिंद सवारियां भर रहीं हैं। जगह-जगह सवारियां उतारने और चढ़ाने के लिये नेशनल परमिट के वाहनों को पाबंदी होती है।

देखा जाये तो एक स्थान से यात्रियों को लेकर गंतव्य तक ले जाने के लिये पर्यटक परमिट अथवा नेशनल परमिट जारी किया जाता है। इसके तहत लोगों के समूह को लेकर ये वाहन एक जगह से लेकर दूसरी जगह जाते हैं। इसी तरह स्टेट कैरिज के तहत जारी होने वाले परमिट के अंतर्गत सवारियों को निर्धारित स्थान से लाने ले जाने के लिये इन्हें अनुमति दी जाती है।

विडंबना यह है कि सिवनी से होकर गुजरने वाली अधिकांश यात्री बसों के पास नेशनल परमिट या टूरिस्ट परमिट हैं, पर ये शहर के राज्य सड़क परिवहन निगम के यात्री बस स्टैण्ड से धड़ल्ले के साथ सवारियां बैठाते और उतारते नज़र आते हैं। जो यात्री बस नागपुर में सड़क परिवहन के यात्री बस स्टैण्ड के आसपास फटक भी नहीं पाती हैं वे सिवनी में पूरी दादा गिरी के साथ बस स्टैण्ड में जाकर सवारियां भरती और उतारती हैं।

सिवनी का प्राईवेट बस स्टैण्ड इसलिये बनाया गया था ताकि स्टेट कैरिज की मण्डला, बालाघाट, कटंगी आदि मार्गों पर चलने वाली यात्री बसों को यहाँ से संचालित किया जाये। आज का परिदृश्य इससे उलट ही दिख रहा है। प्राईवेट बस स्टैण्ड पर पूरी तरह से नेशनल परमिट और टूरिस्ट परमिट प्राप्त बसों का कब्जा दिखता है।

यह सब देखने सुनने के बाद भी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के नुमाईंदे मौन ही धारण किये हुए हैं। संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह से जनापेक्षा है कि इस दिशा में कारगर पहल कर परिवहन अधिकारी कार्यालय के द्वारा नियम कायदों का पालन सुनिश्चित कराया जा सके, इस तरह की व्यवस्था बनवायी जाये।

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