डॉ.परतेती के आवास पर क्यों गये सीएमएचओ!

 

 

सीएमएचओ, डीएचओ की कार्यप्रणाली पर लग रहे प्रश्नचिन्ह!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। बुधवार को लखनादौन में हुए घटनाक्रम की समीक्षा होना अब आरंभ हो गया है। दो वरिष्ठ चिकित्सकों के बीच मारपीट की घटना को टाला जा सकता था। सिविल अस्पताल में अगर डॉ.जे.पी.एस. परतेती उपस्थित नहीं थे तो नियमानुसार सीएमएचओ के द्वारा कार्यवाही की जानी चाहिये थी।

सिविल अस्पताल के स्टाफ के बीच चल रहीं चर्चाओं के अनुसार एक तरफ तो सीएमएचओ डॉ.के.सी. मेश्राम के द्वारा इस बात को स्वीकार किया जाता है कि डॉ.परतेती शराब के आदी हैं, वहीं दूसरी और उनके द्वारा अब तक डॉ.परतेती के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्यवाही को अंज़ाम भी नहीं दिया गया है।

चर्चाओं के अनुसार सिविल अस्पताल में डॉ.जे.पी.एस. परतेती अगर कर्त्तव्य पर उपस्थित नहीं हुए थे तो सीएमएचओ के द्वारा उनकी गैर हाज़िरी लगायी जाकर उनके खिलाक कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकता था। इस दौरान बने एक वीडियो में सीएमचओ डॉ.के.सी. मेश्राम और जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.मधुसूदन धर्डे अन्य लोगों के साथ डॉ.परतेती के निवास पर गये।

कहा जा रहा है कि इस वीडियो में सीएमएचओ डॉ.के.सी. मेश्राम के द्वारा डॉ.परतेती के निवास पर एक खिड़की से उन्हें आवाज़ दी जाकर जगाया जाता है और उन्हें दरवाजा खोलने की बात कही जाती है। इसके उपरांत डॉ.परतेती बाहर आये और कुछ देर बाद ही डॉ.परतेती और डॉ.धर्डे के बीच वाद विवाद हुआ।

चर्चाओं के अनुसार सीएमएचओ डॉ.के.सी. मेश्राम और जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.एम.एस. धर्डे को चाहिये था कि अगर डॉ.जे.पी.एस. परतेती अस्पताल में उपस्थित नहीं थे तो उनकी अनुपस्थिति लगायी जाकर उनके वेतन काटने आदि की कार्यवाही की जाती न कि उनके निवास पर जाया जाता।

चर्चाओं के अनुसार सीएमएचओ और डीएचओ खुद को नियम कायदों से ऊपर समझकर दारोगा बनते हुए डॉ.परतेती के निवास पर जा पहुँचे। डॉ.परतेती का स्वास्थ्य खराब हो सकता था या वे किसी अन्य कारण से अस्पताल में उपस्थित नहीं हुए होंगे, पर इस तरह उनके निवास पर जाकर दोनों अधिकारी आखिर क्या साबित करना चाह रहे थे।

चर्चाओं के अनुसार जिला अस्पताल में न जाने कितने चिकित्सक बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहते होंगे पर क्या डीएचओ या सीएमएचओ के द्वारा उनके निवास पर जाकर इसकी पूछताछ की जाती है! इसके साथ ही अगर डॉ.परतेती को अस्पताल बुलाना ही था तो अधिकारियों को भृत्य को भेजकर उन्हें बुलवाया जाना था न कि इस तरह खुद ही जाकर उन्हें उठाया जाना चाहिये था।

सिविल अस्पताल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि सीएमएचओ डॉ.मेश्राम और डीएचओ डॉ.धर्डे अगर चाहते तो इस विवाद को रोका जा सकता था, किन्तु अति उत्साह में अधिकारी द्वय के द्वारा डॉ.परतेती के निवास पर जाया गया और यह विवाद खड़ा हो गया।

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