रात को अकेली महिला कैसे जाये अस्पताल!

 

 

डॉ.वीथी जैन ने समाचार एजेंसी से साझा की अपनी व्यथा

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। लखनादौन के सिविल अस्पताल में बुधवार को हुए घटनाक्रम के उपरांत महिला चिकित्सक डॉ.वीथी जैन ने अपना पक्ष जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के समक्ष रखा है। उनकी भूमिका पर सवालिया निशान लग रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि कोई महिला सरकारी वाहन के बिना रात को अकेले अस्पताल में कॉल ड्यूटी पर कैसे जायेगी।

सिविल अस्पताल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि घटना की रात्रि डॉ.वीथी जैन लगभग एक बजे सिविल अस्पताल में सर्पदंश के मरीज़ का उपचार करने के बाद घर वापस लौटीं थीं। उनका दो पहिया वाहन बंद होने के कारण वे दूसरी बार अस्पताल नहीं पहुँच पायीं।

सूत्रों ने बताया कि विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी के पास दो वाहन हैं जो सिविल अस्पताल प्रांगण में ही खड़े रहते हैं। वाहन के चालक भी अस्पताल प्रांगण में ही रहते हैं। बीएमओ अगर चाहते तो एक वाहन को अपने उपयोग के लिये और दूसरे वाहन को कॉल ड्यूटी के लिये पाबंद कर सकते थे।

सूत्रों ने यह भी कहा कि डॉ.वीथी जैन महिला चिकित्सक हैं, मूलतः वे गायनक्लॉजिस्ट हैं। रात बिरात प्रसव के प्रकरणों में उन्हें अस्पताल आना होता है और इसके पहले वे अस्पताल आती भी रहीं हैं। उनके द्वारा एक माह पूर्व कॉल ड्यूटी के लिये कम से कम रात में वाहन की व्यवस्था के लिये सीएमएचओ को पत्र भी लिखा गया था पर सीएमएचओ कार्यालय ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

इधर, डॉ.वीथी जैन ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि वे रात को लगभग पौन बजे सर्पदंश के मरीज़ को देखकर वापस घर लौटीं थीं, इसी बीच उनका दो पहिया वाहन बंद हो गया और वे अस्पताल से निकलते समय स्टॉफ को ताकीद कर गयीं थीं कि अगर कोई इमरजेंसी आ जाये तो अस्पताल में निवासरत चिकित्सकों को बुला लिया जाये।

उन्होंने यह भी कहा कि रात के अंधेरे में वे अपने निवास से अस्पताल तक जाती हैं, इस दौरान अगर उनके साथ किसी तरह की अनहोनी हो गयी तो इसका कौन जिम्मेदार होगा! उन्होंने कहा कि कई बार मरीज़ के परिजन ही चिकित्सक के खिलाफ हो जाते हैं इन परिस्थितियों में रात के अंधेरे में किसी के मरीज़ के परिजन के द्वारा अगर कुछ कर दिया गया तो इसके लिये कौन जवाबदेह होगा!

डॉ.वीथी जैन ने यह भी कहा कि रात को जब वे दुबारा अस्पताल पहुँचीं तब बीएमओ डॉ.डेहरिया भी अस्पताल पहुँच चुके थे। उनके द्वारा हर संभव प्रयास किये गये पर मरीज़ को नहीं बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में यह बात भी आयी है कि सर्पदंश का प्रकरण दिन में 11 बजे का था, परिजनों के द्वारा दिन में संभवतः झाड़ फूंक करवायी जाने के बाद जब स्थिति नहीं सम्हली तब वे अपने मरीज़ को लेकर अस्पताल पहुँचे।

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.