(उपमा सिंह)
सीक्रेट सुपर स्टार, यह वो पहली फिल्म थी, जिसके लिए जायरा वसीम ने पहली बार कैमरा फेस किया था। यह और बात है कि उनकी दूसरी फिल्म दंगल पहले रिलीज हो गई और सीक्रेट सुपर स्टार बनने से पहले ही वह घर-घर में स्टार बन गईं। उस फिल्म में जायरा ने एक ऐसी लड़की इंशिया का किरदार निभाया, जो तमाम बंदिशों और पिता की नाराजगी के बावजूद गायिका बनने के अपने सपने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।
मुस्लिम परिवार की लड़कियां गाना-बजाना नहीं करतीं, यह बात उसके दिमाग में बार-बार बिठाई जाती है, फिर भी वह अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए रास्ता तलाश लेती है। बुर्के के पीछे अपना चेहरा ढककर यूट्यूब के जरिए सिंगिंग स्टार बन जाती है। उसके दो गाने रातों रात हिट हो जाते हैं, लेकिन तभी एक ऐसा मोड़ आता है, जहां वह अपने पिता के आगे हार मान लेती है और आगे न गाने का फैसला कर लेती है। अपने यूट्यूब चौनल पर जब वह घोषणा करती है कि वह आगे नहीं गाएगी, तो उसके चाहने वाले दंग रह जाते हैं। इंशिया का यह किरदार आज काफी हद तक जायरा की अपनी जिंदगी की हकीकत बनता नजर आ रहा है।
इंशिया की तरह, जायरा ने भी दो सुपरहिट फिल्मों में अपनी अदाकारी के लिए वाहवाही बटोरने के बावजूद हाल ही में ऐक्टिंग छोड़ने का ऐलान करके सबको हैरान कर दिया। यहां भी मसला मजहब से ही जुड़ा है। जायरा की दलील यह है कि ऐक्टिंग की वजह से वह ईमान और इस्लाम से दूर जा रही थीं। हालांकि, इंशिया की तरह, जायरा ने कभी ऐक्ट्रे स बनने का सपना नहीं देखा था, लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि जैसे इंशिया ने अपने पिता के दबाव में गाना छोड़ने का फैसला किया था, वैसे ही कश्मीर में पली-बढ़ी जायरा ने भी ऐक्टिंग छोड़ने का निर्णय कट्टरपंथी मौलवियों के दबाव में आकर लिया है।
वैसे, जायरा का सच जो भी हो, लेकिन ऐसा पहले भी हुआ है, जब रूढ़िवादी मुस्लिम परिवारों में कलाकार बनने का सपना देखने वाली प्रतिभाओं पर मजहब की बेड़ियां लगाने की कोशिश की गई है। कुछ वक्त पहले ही फिल्म गली बॉय के रियल स्टार रैपर नेजी, जिनकी जिंदगी पर यह फिल्म बनी है, ने बताया था कि कैसे परिवारवालों के विरोध के चलते मेहनत से कमाई अपनी शोहरत को छोड़कर वे रैप सीन से गायब हो गए थे। मुंबई स्थित कुर्ला के एक चॉल में रहने वाले नेजी उर्फ नावेद शेख ने बताया कि वे एक रूढ़िवादी माहौल में पले-बढ़े हैं, जहां रैप को अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता। उनके घरवाले नहीं चाहते कि वे रैप में अपना करियर आगे बढ़ाएं।
चूंकि, इस्लाम में म्यूजिक की कमाई को हराम माना जाता है, इसलिए कई बार घर में उनके कमाए हुए पैसे भी नहीं लिए जाते हैं। वे अपने घरवालों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं इस पर मुफ्तियों और मौलवियों से भी सलाह लेने वाले हैं। इसी तरह, जायरा के ऐक्टिंग छोड़ने के बाद ऐक्ट्रेस नफीसा अली ने भी बताया कि अपनी युवावस्था में वह भी ऐसे ही हालातों से गुजरीं। एक ओर, उनके पास फिल्मों के खूब ऑफर्स थे और सक्सेस उनका इंतजार कर रही थी, तो दूसरी परिवार वालों का सपॉर्ट न मिलना उनकी राह में बाधा बन रही थी। उनके पिता जी का कहना था कि हमारे घर की लड़कियां सिनेमा में काम नहीं करती हैं।
मशहूर तो यहां तक है कि महान गायक मोहम्मद रफी तक ने कभी मौलवियों के कहने पर उस दौर में फिल्मों में गाना बंद कर दिया था, जब वह अपने करियर के शिखर पर थे। यह बात तब की है, जब मोहम्मद रफी साहब हज पर गए, तो उनसे कहा गया कि अब आप हाजी हो गए हैं। इसीलिए, अब आपको गाना-बजाना बंद कर देना चाहिए। बेहद सीधे, सच्चे और शरीफ रफी साहब ने उनकी सलाह मानकर गाना छोड़ दिया, जिससे सब हैरान-परेशान रह गए थे, लेकिन बाद में सबके समझाने पर उन्होंने दोबारा गाना शुरू कर दिया। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि जैसे रफी साहब को सही वक्त पर सही सलाह देने वाले मिले, जैसे इंशिया को उसके दोस्त और मां के रूप में सॅपार्ट मिला उसी तरह जायरा को भी सही सलाह और सही सपॉर्टर मिला मिले और वे जो भी सपना देखती हों, उसे पूरा कर सकें। किसी शायर ने बिलकुल ठीक लिखा है-
न रोके तिफ़्ल की परवाज़ कोई भी ज़माने में!
कभी सपने के घोड़े पर लगाम अच्छी नहीं हरगिज़!!
(साई फीचर्स)

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