(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। हाईकोर्ट ने बरगद, पीपल, नीम, आम सहित 53 प्रजातियों के वृक्षों का बिना ट्रांजिट पास के परिवहन करने पर रोक लगा दी। एक्टिंग चीफ आरएस झा व जस्टिस विजय शुक्ला की डिवीजन बेंच ने एनएचएआई व पीडब्ल्यूडी को कहा कि सड़क निर्माण के लिए नियमों के तहत ही वृक्ष काटे जाएं। काटे गए पेड़ों के बदले पौधरोपण किया जाए।
यह है मामला : संजीवनी नगर, जबलपुर निवासी विवेक कुमार शर्मा ने जनहित याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने 24 सितंबर 2015 को आम, जामुन, नीम, बरगद, पीपल, गूलर और बबूल सहित 53 प्रजातियों के वृक्षों के परिवहन को ट्रांजिट पास की अनिवार्यता से मुक्त कर दिया। इसके बाद इन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई बढ़ गई। जबलपुर से रीवा, नागपुर, मंडला सड़क निर्माण के लिए एनएचएआई व पीडब्ल्यूडी ने बड़ी संख्या में पेड़ काटे, लेकिन नियमानुसार काटे गए वृक्षों की जगह पर पौधरोपण नहीं किया।
अधिवक्ता अंशुमान सिंह, शिवनारायण वर्मा ने तर्क दिया कि इस अवैध कटाई से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त 53 प्रकार के वृक्षों की लकड़ी परिवहन को ट्रांजिट पास से मुक्त करने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने राज्य सरकार, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक व डीएफओ जबलपुर को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।

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