नागपुरी झोला छाप चिकित्सकों की डिग्री की करायी जाए जांच

 

 

मुझे बाहर से आकर सिवनी में चिकित्सा करने वाले चिकित्सकों से शिकायत है। इनमें से अधिकांश चिकित्सक नागपुर के नाम पर सिवनी के मरीजों को जमकर चूना लगा रहे हैं। ये चिकित्सक महंगी-महंगी दवाईयां लिखकर मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे हैं।

इसमें मेडिकल स्टोर वालों की भी मिली-भगत होती है जिनके द्वारा ही इन चिकित्सकों को अपने मेडिकल स्टोर के आसपास क्लीनिक रूपी जगह उपलब्ध करा दी जाती है। मेडिकल स्टोर वालों का फायदा ये होता है कि उक्त चिकित्सक के द्वारा लिखी गयी दवाईयां सिर्फ उसी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध होती हैं जो अत्यंत ही महंगी होती हैं। मजबूरी में मरीज को उन्हीं दवाईयों को खरीदना पड़ता है।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जितना खर्चा मरीज को सिवनी में नागपुरी चिकित्सक से इलाज कराने पर आता है उससे कम खर्चे में वह नागपुर जाकर इलाज कराकर आ सकता है, लेकिन मरीज की जानकारी के अभाव में वह ऐसा कर नहीं पाता है और नागपुरी चिकित्सक उसे अपना मुर्गा बनाकर, उसे जमकर छील देते हैं।

दरअसल नागपुर में जो विशेषज्ञ चिकित्सक बैठे हैं उनकी जांच फीस भले ही अपेक्षाकृत सिवनी आने वाले चिकित्सकों से कुछ ज्यादा हो लेकिन उनके द्वारा जो दवाएं मरीज को लिखी जाती हैं वे अत्यंत ही कम दाम पर उपलब्ध हो जाती हैं।

सिवनी आने वाले नागपुरी चिकित्सकों को यदि झोला छाप चिकित्सक की संज्ञा दी जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगा क्योंकि यदि वे वास्तव में किसी रोग के विशेषज्ञ होते तो उन्हें नागपुर से निकलने का वक्त ही नहीं मिलता। यहां सिवनी आकर नागपुरी चिकित्सक अपनी दुकानदारी सजाने की जुगत में रहते हैं और इस बहाने वे नागपुर के नाम पर सिवनी के मरीजों को जमकर चूना लगा रहे हैं।

यह आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन तो ऐसे चिकित्सकों के विरूद्ध कोई कदम नहीं उठा रहा है साथ ही सिवनी का मीडिया भी इस ओर से आँखें बंद किये हुए ही प्रतीत होता है। वरना कया कारण है कि सिवनी आने वाले नागपुरी झोलाछाप चिकित्सकों की डिग्रंी आदि की जांच किया जाना अब तक किसी के द्वारा मुनासिब नहीं समझा गया है। ये चिकित्सक अपनी मुसाफिरी दर्ज कराने का कर्त्तव्य भी निभाते हैं अथवा नहीं इसकी भी शायद किसी को जानकारी न हो।

देवेन्द्र परस्ते

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