बेखौफ चल रहा है झोला छाप चिकित्सकों का कारोबार!

 

 

केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री के संसदीय क्षेत्र में हाल हैं बेहाल

(ब्यूरो कार्यालय)

घंसौर (साई)। केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के संसदीय क्षेत्र के अभिन्न अंग और आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में स्वास्थ्य सुविधायें दम तोड़ती नजर आ रही हैं। विकास खण्ड मुख्यालय घंसौर सहित आसपास के क्षेत्रों में दम तोड़ती स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नीम हकीम और झोला छाप चिकित्सकों के द्वारा भरपूर उठाया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय घंसौर से महज पच्चीस किलोमीटर दूर केदारपुर में एक दवाखाना का संचालन किया जा रहा है। इस दवाखाने के संचालक के पास एलोपैथिक दवाओं से संबंधित (एमबीबीएस) की डिग्री न होने के बाद भी यहां एलोपैथिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

बताया जाता है कि अनेकों बार इस तरह के चिकित्सकों के द्वारा मरीजों को दी गयी दवाओं से उनकी जान जोखिम में भी पड़ चुकी है। इन झोला छाप चिकित्सकों की शिकायत करने के बाद भी न तो खण्ड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा ही किसी तरह की कार्यवाही की जाती है और न ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा ही इसकी सुध ली जाती है।

यह है सजा का प्रावधान : बताया जाता है कि झोलाछाप चिकित्सकों के ऊपर गलत डिग्री के साथ इलाज करने पर सजा का प्रावाधान भी है। एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में चिकित्सा व्यवसाय करने पर मध्य प्रदेश मेडिकल काऊंसिल ऑफ इण्डिया एक्ट 1987 की धारा 24 के अंतर्गत तीन वर्ष तक के कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपए तक जुमार्ना का प्रावधान है।

इसके साथ ही साथ संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के 26 अगस्त 2011 के पत्र पत्र क्रमांक अ.प्रशा., सेल 6, एक 292, 2011, 1084 के जरिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को यह आदेश दिया गया था कि सभी विकास खण्ड में दल गठित कर अभियान चला कर झोलाछाप चिकित्सकों के विरूद्ध प्रावधान अनुसार प्रभावी कार्यवाही की जाये। इसके बाद भी कार्यवाही की बात महज कागजों में ही होती दिखती है।

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