बेनतीजा रही मछुआ समिति की बैठक

 

 

नौ घण्टे चली मैराथन बैठक में मछुआरों ने जाहिर की जमकर नाराज़गी

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। मछुआ सहकारी समिति सिवनी की मंगलवार को लगभग नौ घण्टे लंबी बैठक बेनतीजा ही रही। इस दौरान मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों ने जमकर हंगामा काटा। समिति के प्रशासक के.के. कोरी के अनुसार सदस्य किसी बात को सुनने को तैयार ही नहीं थे।

मछुआ सहकारी समिति के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लगभग ढाई साल पहले समिति को भंग कर इसे प्रशासक के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद ढाई सालों में चुनावी प्रक्रिया को अंजाम नहीं दिया गया है। इस दौरान तालाबों को किराये पर देने के मामले में सदस्य परादर्शिता के अभाव को लेकर जमकर आक्रोशित थे।

सूत्रों ने बताया कि समिति के अधिकांश सदस्यों का कहना था कि प्रशासक से उनके द्वारा कई बार वर्ष 2016 – 2017 से अब तक की ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक किये जाने की माँग की जा रही है किन्तु प्रशासक के द्वारा इस मामले में आनाकानी ही की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि सदस्यों का कहना है कि तालाबों को मत्स्य पालन के लिये ठेके पर दिये जाने में भी पारदर्शिता नहीं अपनायी जा रही है जिससे सदस्य आक्रोशित हैं। मंगलवार को अग्रवाल धर्मशाला में इसी बात को लेकर दोपहर लगभग 12 बजे आरंभ हुई बैठक रात नौ बजे तक जारी रही।

समिति के प्रशासक के.के. कोरी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि लगभग नौ घण्टे से चल रही इस मैराथन बैठक में सदस्य कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना था कि वित्तीय वर्ष 2018 – 2019 की ऑडिट रिपोर्ट अब तक उनके पास नहीं आयी है।

उन्होंने कहा कि वे सदस्यों को इस बात के लिये मनाने का प्रयास कर रहे हैं कि ऑडिट रिपोर्ट के आने के उपरांत इसकी बैठक एक बार फिर करवा ली जायेगी, तब तक आगामी समय की रूपरेखा और अन्य बातों पर चर्चा कर ली जाये, किन्तु सदस्य इसके लिये राजी नहीं हो रहे हैं।

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