खारी विसर्जन कर लौट रहे वाहनों का काटा चालान!

 

 

कागजात पूरे होने के बाद भी नहीं बख्शा दुखियारोें को!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। नियम कायदों का पालन करवाना निश्चित तौर पर पुलिस का मुख्य कार्य है, पर वर्दी के साथ हमदर्दी की कहावत जिले में सदा ही चरितार्थ होती आयी है। मण्डला से खारी विसर्जन कर वापस आ रहे गमगीन परिवार के वाहनों की चैकिंग के दौरान सभी कागजात दुरूस्त पाये जाने के बाद भी कान्हीवाड़ा पुलिस के द्वारा दो वाहनों का चालान बना दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगवानी मार्ग पर तिघरा के किसी परिवार के सदस्य के निधन के उपरांत परिजनों के द्वारा खारी विसर्जन कार्यक्रम के लिये मण्डला स्थित नर्मदा नदी जाया गया था। वहाँ से वापसी के दौरान कान्हीवाड़ा पुलिस के द्वारा की जा रही वाहन चैकिंग के दौरान वाहन क्रमाँक एमपी 22 सीए 2556 एवं एमपी 09 बीए 5219 के वाहन चालकों के द्वारा वाहन के कागजात पुलिस को दिखाये गये।

बताया जाता है कि कान्हीवाड़ा थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर के द्वारा वाहनों के कागजात देखे जाने और उन कागजात के सही पाये जाने के बाद भी एमपी 22 सीए 2558 प्रदीप पिता द्वारका प्रसाद यादव, निवासी जनता नगर सिवनी एवं एमपी 09 बीए 5219 के चालक अनिल पिता नंद किशोर यादव निवासी जनता नगर का पाँच – पाँच सौ रूपये का चालान 125/177 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बना दिया गया।

मौके पर उपस्थित लोगों की मानें तो वाहन में बैठे गमगीन लोगों के द्वारा थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर को बताया गया कि उनके परिजन का निधन हो गया है और वे खारी विसर्जन कर मण्डला से वापस लौट रहे हैं। इसके बाद भी थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर के द्वारा उनकी एक नहीं सुनी गयी।

लोगों की मानें तो वाहन में बैठे लोगों के द्वारा थाना प्रभारी से यह भी कहा गया कि जब वाहन के सभी कागजात कंप्लीट हैं तो फिर चालान किस बात का! थाना प्रभारी के द्वारा इन गमगीन लोगों की एक न सुनी गयी और दोनों ही वाहन चालकों का धारा 125/177 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान बना दिया गया।

लोगों ने बताया कि इसके उपरांत वाहन में सवार लोगों के द्वारा इन धाराओं के मायने भी थाना प्रभारी से पूछा गया, इस पर थाना प्रभारी के द्वारा उन्हें किसी योग्य अधिवक्ता से इन धाराओं का मतलब जानने का मशविरा देकर उन्हें वहाँ से रूखसत कर दिया गया।

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