खाद्य विभाग की नहीं टूट पा रही कुंभकर्णीय तंद्रा!
(सादिक खान)
सिवनी (साई)। जिले भर के ग्रामीण इलाकों में किराना दुकानों, पान दुकानों आदि में अति ज्वलनशील पदार्थ की श्रेणी में शामिल पेट्रोल बिक रहा है और खाद्य विभाग सहित अन्य जिम्मेदार विभाग कुंभकर्णीय निद्रा में ही दिख रहे हैं। जिले भर में सड़क किनारे पानी की खाली बॉट्ल्स में पेट्रोल सजाकर बेचा जा रहा है, जो हादसों की वजह बन सकता है।
खाद्य विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नियमों के हिसाब से पेट्रोलियम पदार्थों का खुले में विक्रय करना गंभीर अपराध है। यही कारण है कि जिन स्थानों पर पेट्रोल डीज़ल की खपत ज्यादा होती है उन स्थानों के लिये विशेष रूप से बनाये गये टैंकर्स जिसके जरिये वाहनों में तेल भरा जाता है की अनुमति ली जाकर इसके जरिये तेल भरा जाता है।
सूत्रों का कहना था कि जिले भर में पेट्रोल पंप के लाईसेंस रेवड़ियों की तरह बांट दिये गये हैं। अब पेट्रोल पंप संचालकों के सामने तेल कंपनियों के द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। इसके चलते इनकी शह पर गाँव – गाँव में अवैध रूप से बिकने वाली शराब की तर्ज पर ही एक लीटर की बॉटल्स में पेट्रोल खुले में रखकर बेचा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि वाहन के टैंक के अलावा अगर पेट्रोलियम पदार्थ का परिवहन किया जाता है तो उसके लिये केंद्र सरकार के वाणिज्य और उद्योग कार्यालय के अधीन आगरा में संचालित हो रहे मुख्य विस्फोटक नियंत्रक कार्यालय से अनुमति लिया जाना अनिवार्य होता है, किन्तु जिले में बिना अनुमति के ही केन, ड्रम आदि में पेट्रोलियम पदार्थों का परिवहन खुलेआम किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि जिन ग्रामों से पेट्रोल पंप की दूरी ज्यादा है उन ग्रामों में मिलावटी पेट्रोल निर्धारित दर से लगभग पच्चीस फीसदी ज्यादा दर पर आसानी से मुहैया हो जाता है। इस तरह के पेट्रोल में अनेक तरह की मिलावट होने के कारण लोगों के वाहनों के इंजन में भी जल्द खराबी आ रही है।
सूत्रों ने बताया कि खुले में पेट्रोल बेचने वाले दुकानदारों के हौसले इस कदर बुलंदी पर हैं कि इनके द्वारा अपनी दुकानों पर पेट्रोल उपलब्ध है की तख्ती तक लगायी जाती है। पूर्व में एक बार पुलिस मुख्यालय के द्वारा सिवनी में इसका सर्वे भी करवाया जाकर कार्यवाही करवायी गयी थी, किन्तु इस बात को लंबा समय बीत जाने के बाद कार्यवाही नहीं होने से स्थितियां जस की तस ही नज़र आने लगी हैं।

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