शिवपुरी के सिविल सर्जन, डॉक्टर सहित 5 सस्पेंड
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सरकारी जिला अस्पताल में डॉक्टर एक लाश को 6 घंटे मरीज समझते रहे। इस दौरान ना तो किसी डॉक्टर ने मरीज की तरफ ध्यान दिया ना ही किसी नर्स ने।
पड़ोसी मरीजों ने सूचना भी दी फिर भी डॉक्टरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। 6 घंटे तक 100000 मरीजों के बीच अस्पताल के बिस्तर पर थी। पड़ोसी मरीजों ने मृतक की पत्नी को बुलाया, वह लाश के पास बैठ कर रोती रही। सबकी आंखों में चीटियां पड़ गई थी। पत्नी अपने पल्लू से चीटियों को साफ करती रही। फिर भी डॉक्टरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। मामले ने तूल पकड़ा और सीएम कमलनाथ ने निर्देश जारी किए तब कहीं जाकर कलेक्टर अस्पताल पहुंची और सिविल सर्जन सर्जन पीके खरे, डॉक्टर दिनेश राजपूत नर्स प्रियंका, रेवती और अल्का को सस्पेंड कर दिया।
मरीज को दूर से ही देख कर मृत घोषित कर दिया था
जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीज बालचंद लोधी की मौत के बाद शव पर चींटियाँ रेंगने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आज सुबह घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हरकत में आए और जिला कांग्रेस की एक टीम को जिला अस्पताल में भेजा। आनन-फानन में सीएमएचओ को बुलाया गया। ड्यूटी पर उस दौरान तैनात डॉक्टर दिनेश राजपूत को भी बुलाया गया। इस दौरान जब मीडिया और कांग्रेसजनों के समक्ष सीएमएचओ ने पूछा कि क्या उन्होंने मरीज को देखकर मृत घोषित किया था। तो राजपूत ने कहा कि उन्होंने दूर से ही देखकर उसे मृत घोषित कर दिया था।
कार्रवाई की मांग की तो CMHO तुनक गए
ये सुनते ही कांग्रेसी बरस पड़े और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और साफ कर दिया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो अपनी ही सरकार के खिलाफ अस्पताल में धरना देंगे। ये सुनकर सीएमएचओ भी तुनक कर बोले धरने की जरूरत नही, मैं इस्तीफा देता हूं।
सिंधिया ने स्वास्थ्य मंत्री को निर्देशित किया
प्रभारी मंत्री प्रदुयम्न सिंह तोमर ने भी इस घटना पर दुख जताया है और आयुक्त, कलेक्टर से दोषियों के खिलाफ आज शाम तक कड़ी कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना से आहत हैं। उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को निर्देश दिए हैं कि वो इस मामले की फौरन जांच कराएं और जो डॉक्टर या कर्मचारी इसका जिम्मेदार है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
कलेक्टर ने सिविल सर्जन, डॉक्टर और 3 नर्सों को सस्पेंड करने की घोषणा की
मामला तूल पकड़ जाने के बाद कलेक्टर अनुग्रह पी अस्पताल पहुंचीं और उस वार्ड का निरीक्षण किया। जहां मरीज भर्ती था। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में डॉक्टों से बंद कमरे में काफी देर बात की। इसके बाद कलेक्टर अनु्ग्रह पी ने सिविल सर्जन सर्जन पीके खरे, डॉक्टर दिनेश राजपूत नर्स प्रियंका, रेवती और अल्का को तत्काल प्रभाव से निलबिंत कर जांच के आदेश दिए। इस मामले की जांच डिप्टी कलेक्टर मुकेश सिंह को सौपी हैं।
सुबह 6:00 बजे मौत हो गई थी 8:00 बजे तक अस्पताल को पता ही नहीं
शहर की फक्कड़ कॉलोनी में रहने वाले बालचंद्र लोधी (50) पुत्र रूपसिंह लोधी को इलाज के लिए दो दिन पहले जिला अस्पताल के मेडीकल वार्ड में भर्ती किया गया था। बताया जा रहा है कि वह क्षय रोग से पीड़ित था। इलाज के दौरान सुबह 6 बजे उसकी मौत हो गई, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने सुध नहीं ली तब आसपास के मरीजों ने 8 बजे अस्पताल के स्टाफ को जानकारी दी।

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