अस्पताल प्रशासन से नहीं मिलता सहयोग : पाण्डेय

 

 

एसपीडी सुरक्षा एजेंसी के सुपरवाईजर ने लगाये अस्पताल प्रशासन पर आरोप

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। इंदिरा गांधी जिला अस्पताल प्रशासन के द्वारा वांछित सहयोग नहीं मिलने के कारण इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं जिस तरह की स्थिति बुधवार और ब्रहस्पतिवार की दरमियानी रात अस्पताल में बनीं। यह बात एसपीडी सुरक्षा एजेंसी के सुपरवाईजर अरविंद पाण्डेय ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही।

उन्होंने बताया कि घटना के समय वे जबलपुर में थे। उन्हें रात को ही सुरक्षा कर्मी के द्वारा इसकी सूचना दी गयी थी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा कर्मी रात को इस मामले की शिकायत करने के लिये कोतवाली गया था, पर वहाँ उपस्थित पुलिस कर्मियों के द्वारा उससे यह कहा गया कि अगर रात को उसका मुलाहज़ा कराया जाता है तो डॉ.प्रवीण ठाकुर ही उनका मुलाहज़ा करेंगे, क्योंकि नाईट ड्यूटी पर डॉ.ठाकुर ही हैं।

अरविंद पाण्डेय का कहना था कि इसके बाद सुरक्षा कर्मी अपने घर लौट गया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि इस मामले में अस्पताल प्रशासन के द्वारा स्वसंज्ञान से किसी तरह के कदम न उठाया जाना वास्तव में निराशाजनक ही है, क्योंकि ब्रहस्पतिवार को दिन भर सोशल मीडिया पर यह मामला सुर्खियों में रहा।

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा एवं पीड़ित सुरक्षा कर्मी के द्वारा इस मामले में शिकायत कोतवाली को दी गयी है। इस शिकायत की प्रति अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को भी उनके द्वारा दी गयी है। उन्होंने बताया कि डॉ.प्रवीण ठाकुर की जब भी नाईट ड्यूटी होती है वे रात में अस्पताल में ही शराब का सेवन करते हैं।

उन्होंने कहा कि रात को 108 एंबुलेंस के जरिये मरीज़ अस्पताल में आते हैं। अस्पताल में अव्यवस्था न फैले इसलिये उनके द्वारा इमरजेंसी प्रभाग में एक सुरक्षा कर्मी को तैनात रखा जाता है ताकि मरीज़ के आने पर चिकित्सक को मरीज़ के बारे में बताया जा सके।

एसपीडी सुरक्षा एजेंसी के सुपरवाईजर का कहना था कि अनेक बार रात को मरीज़ आते हैं और मरीज़ों के परिजनों एवं सुरक्षा कर्मियों के द्वारा दरवाजा खटखटाने पर भी रात में ड्यूटी पर उपस्थित चिकित्सकों के द्वारा दरवाजा न खोले जाने के कारण अनेक मरीज़ असमय ही काल के गाल में समा चुके हैं।

सुपरवाईजर का कहना था कि जिलाधिकारी प्रवीण सिंह का इन दिनों अस्पताल में ज्यादा इन्वॉल्वमेंट है। वे लगभग रोज ही अस्पताल आ रहे हैं। इस लिहाज़ से अस्पताल प्रशासन को भी पूरे समय चौकस रहना चाहिये, पर अस्पताल प्रशासन भी उनके अस्पताल में रहने के दौरान ही चाक चौबंद नज़र आता है, उसके बाद हालात पहले जैसे ही हो जाते हैं।

श्री पाण्डेय ने बताया कि शुक्रवार को संभवतः एक बार फिर जिला कलेक्टर अस्पताल पहुँच सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में जिला कलेक्टर से लिखित शिकायत अवश्य करेंगे। उन्होंने कहा कि रात के समय डॉक्टर ड्यूटी रूम के अंदर निजि एंबुलेंस का चालक क्या कर रहा था इस बात की जाँच भी होना चाहिये!

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