(शरद खरे)
सिवनी जिले में विवादित हिस्से को छोड़कर शेष हिस्से में फोरलेन का निर्माण 2010 में पूरा हो गया था। फोरलेन निर्माण के दौरान सिवनी से खवासा (प्रोजेक्ट एमपी थ्री) के बीच विवादित हिस्से को छोड़कर शेष हिस्से का काम करने की जवाबदेही सदभाव कंस्ट्रक्शन कंपनी के जिम्मे थी। इसके साथ ही साथ सिवनी के नये बायपास पर लेवल तीन वाला ट्रामा केयर यूनिट बनाने की जवाबदेही भी इसी कंपनी की थी।
सिवनी में यह बनाया जाना प्रस्तावित था और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नियमों के हिसाब से इस ट्रामा केयर यूनिट को किसी भी स्थिति में विलोपित नहीं किया जा सकता था। विडंबना ही कही जायेगी कि वर्ष 2010 में तैयार हो जाने वाला ट्रामा केयर यूनिट अब तक अस्तित्व में नहीं आ पाया है और 2010 से अब तक सिवनी के छः सांसद भी केंद्र सरकार में सिवनी जिले की बात रखकर इसे आरंभ करवाने की कवायद नहीं कर पाये हैं।
सामान्यतः ट्रामा केयर यूनिट का निर्माण सड़कों के आसपास ही किया जाता है और इसके भवन तक निर्बाध रूप से कम समय में दुर्घटना में घायल मरीज़ को पहुँचाया जा सके, इस तरह की व्यवस्थाएं मुकम्मल की जाती हैं। ट्रामा केयर यूनिट की स्थापना जहाँ भी की जाती है वहाँ तक आवागमन सुलभ रहे इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।
यह इसलिये किया जाता है क्योंकि दुर्घटना में अगर मरीज़ को ज्यादा चोटें भी लगी हों तो उसे किसी भी परिस्थिति में जीवित रखा जाकर उसे चिकित्सकीय इमदाद मिल सके। सिवनी जिले के फोरलेन पर 2010 से अब तक फोरलेन सहित अन्य मार्गों पर न जाने कितनी दुर्घटनाएं घटीं पर किसी के द्वारा भी इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया है।
पिछले दिनों लोकसभा चुनावों के दौरान अर्द्ध सैनिक बल की महिला बटालियन की टुकड़ी जब सिवनी से होकर गुज़र रही थी उस वक्त एक महिला कांस्टेबल दुर्घटना का शिकार हो गयीं थीं। उस समय सिवनी में क्रिटिकल एंबुलेंस और ट्रामा केयर यूनिट की कमी शिद्दत से महसूस की गयी थी।
उस दौरान प्रशासन की कवायद देखकर यही प्रतीत हो रहा था मानो सिवनी में ट्रामा केयर यूनिट को आरंभ कराने की कवायद के साथ ही साथ क्रिटिकल एंबुलेंस भी मुहैया करवायी जायेगी, किन्तु जैसे ही यह मामला शांत हुआ वैसे ही सब कुछ ठण्डे बस्ते के हवाले कर दिया गया।
मजे की बात तो यह है कि सिवनी के इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में ट्रामा केयर यूनिट के नाम पर केंद्रीय इमदाद (फोरलेन वाला ट्रामा केयर यूनिट नहीं) से एक ट्रामा केयर यूनिट का भवन लगभग पाँच साल पहले तैयार करवाया गया था। यह भवन आज भी शोभा की सुपारी ही बना हुआ है।
जिले में दो सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन एवं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते हैं जो केंद्र सरकार के समक्ष जिले की बात प्रभावी रूप से रख सकते हैं। इन दोनों के साथ ही साथ संवेदनशील जिलाधिकारी प्रवीण सिंह से जनापेक्षा है कि वे भी नये बायपास पर एनएचएआई के द्वारा बनाये जाने वाले ट्रामा केयर यूनिट का भवन क्यों नहीं बना, इस बारे में दरयाफ्त कर इसके बनने के मार्ग प्रशस्त करें ताकि दुर्घटना में घायलों को फौरी मदद मिल सके।

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