किसान कल्याण विभाग का नहीं है मौसम विभाग से तालमेल!
(सादिक खान)
सिवनी (साई)। रविवार को अलह सुब्बह आरंभ हुई बारिश ने किसानों को सम्हलने का मौका नहीं दिया। इस बारिश में किसानों की खड़ी या कटी दोनों ही फसलें पानी में गीली हो गयी। यह पानी धान के लिये नुकसानदेह नहीं बताया जा रहा है।
किसानों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अगर मौसम में बदलाव की पूर्व सूचना उन्हें मिल जाती तो वे कम से कम अपनी कटी फसल जो सूखने के लिये रखी थी, को सुरक्षित रखने का इंतजाम कर लेते। किसानों का कहना था कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया और दैनिक हिन्द गजट के द्वारा लगातार ही मौसम का सटीक पूर्वानुमान जारी किया जाता रहा है, पर किसान कल्याण विभाग और मौसम विभाग के बीच तालमेल का अभाव साफ दिखायी दे रहा है।
किसानों का कहना था कि दो तीन दिन से मौसम के मिज़ाज बदले – बदले तो दिख रहे थे किन्तु इस तरह झमाझम की उम्मीद किसी को नहीं थी। अधिकांश किसानों के द्वारा अपनी फसल को काटा जाकर उसे सुखाने के लिये रखा गया था। अचानक हुई बारिश से उनकी फसल पूरी तरह गीली हो गयी है।
असमय हुई बारिश के कारण किसानों को फायदे की जगह नुकसान हो रहा है। शनिवार को देर शाम आरंभ हुई बूंदाबांदी के बाद रविवार की सुबह से हुई जोरदार बारिश के कारण खेत में कटने वाली फसल व कट चुकी फसल को नुकसान हुआ है। जिन किसानों ने खेतों में कटाई आरंभ कर दी है, वहाँ खेतों में कटने के बाद रखी धान बारिश से भीग गयी है।
वहीं तेज बारिश से खड़ी फसल को भी नुकसान पहुँचा है। किसान चिंतित हैं कि फसल कहीं पूरी तरह बस बारिश की भेंट न चढ़ जाये। उनका मानना है कि यदि जल्द बारिश नहीं थमी और तेज वर्षा का क्रम जारी रहा तो धान की फसल के साथ ही दलहनी, तिलहनी फसल को जबर्दस्त क्षति होगी।
किसानों ने जिलाधिकारी प्रवीण सिंह से जनापेक्षा व्यक्त की है कि उनके द्वारा किसान कल्याण विभाग को ताकीद किया जाये कि किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के द्वारा मौसम विभाग के अधिकारियों के साथ तालमेल बैठाया जाये एवं इस तरह असमय बारिश, अतिवृष्टि, ओला, पाला आदि की स्थितियों में मीडिया के जरिये एडवाईज़री या चेतावनी अथवा पूर्वानुमान जारी किया जाये ताकि किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के उपाय समय रहते कर सकें।

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