एक गार्ड पिट रहा था, दूसरा देखता रहा हाथ बांधे, इस पर क्यों मौन है प्रशासन!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। बुधवार और ब्रहस्पतिवार की दरमियानी रात इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में नाटकीय तरीके से हुई गाली गलौच और मारपीट की घटना के उपरांत अस्पताल प्रशासन के द्वारा नाईट ड्यूटी पर उपस्थित चिकित्सक को तो कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है पर प्रशासन की आँखों का नूर बनी सुरक्षा एजेंसी के मामले में अस्पताल प्रशासन खामोश ही नज़र आ रहा है!
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बुधवार और ब्रहस्पतिवार की दरमियानी रात लगभग एक बजे एक मरीज़ के आने पर, मरीज़ के परिजनों के द्वारा ड्यूटी डॉक्टर के रूम का दरवाजा खटखटाया जाता रहा। इसके बाद चिकित्सक ने बाहर आकर सुरक्षा कर्मी से अपशब्द कहे थे। इसका एक वीडियो ब्रहस्पतिवार को वायरल हुआ था।
सूत्रों ने बताया कि जिस समय यह घटनाक्रम हुआ था उस समय कमरे के अंदर रहने वाले ड्यूटी डॉक्टर संभवतः दीर्घ शंका के निवारण के लिये वाशरूम में गये थे। बार-बार दरवाजा पीटने पर वे भी संभवतः उद्वेलित हो गये थे और उनके द्वारा बाहर आते ही गार्ड को अपशब्द कहे गये, फिर हाथ धोने वाशरूम में वापस चले गये थे।
सूत्रों का कहना था कि इसके बाद ब्रहस्पतिवार को तो अस्पताल प्रशासन के द्वारा इस मामले में पूरी तरह से मौन ही साधे रखा गया, जबकि अस्पताल परिसर को सीसीटीवी कैमरों की जद में रखा गया है। अस्पताल प्रशासन अगर चाहता तो ब्रहस्पतिवार को ही सीसीटीवी फुटेज देखकर वह कार्यवाही कर सकता था जो उसके द्वारा शुक्रवार को की गयी।
सूत्रों ने कहा कि इसके बाद शुक्रवार को जैसे ही संभवतः अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे का एक फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और उसके द्वारा आनन फानन रात में ड्यूटी पर रहने वाले चिकित्सक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि इस नोटिस में भी नगर पालिका परिषद की राजस्व समिति के सभापति अभिषेक दुबे, स्वास्थ्य समिति के सभापति चितरंजन गप्पू तिवारी आदि के द्वारा की गयी शिकायत का उल्लेख किया जाना इस बात को दर्शा रहा है कि अस्पताल के आपात कालीन प्रभाग में रात एक बजे सरेआम मारपीट होती है और अस्पताल प्रशासन स्वसंज्ञान से कार्यवाही करने की बजाय किसी के द्वारा शिकायत किये जाने की राह देखी जाती है।
सूत्रों की मानें तो इस पूरी कार्यवाही को अस्पताल प्रशासन के द्वारा बिना देखे समझे ही किया जाना साबित हो रहा है। इसका कारण यह है कि एक सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति के द्वारा फिल्मी स्टाईल में एक गार्ड की पिटाई की जाती है और दूसरा गार्ड हाथ पर हाथ रखे उस पिटाई को देखते हुए ही नज़र आ रहा है।
सूत्रों ने कहा कि अस्पताल में सुरक्षा कर्मियों का काम चिकित्सक को जगाना या मरीज़ के आने की सूचना देना नहीं वरन अस्पताल में इस तरह की घटनाओं को रोकने का है। देखा जाये तो इस वीडियो के संज्ञान में आने के बाद ही अस्पताल प्रशासन को इस बात के लिये कि दूसरे गार्ड के द्वारा पिटते हुए गार्ड को बचाने का प्रयास क्यों नहीं किया! इस बारे में सुरक्षा एजेंसी से सवाल जवाब किये जाने चाहिये थे।
सूत्रों की मानें तो इन पंक्तियों के लिखे जाने तक सुरक्षा एजेंसी को किसी तरह का नोटिस जारी नही किया गया है। इस खबर के प्रसारण और प्रकाशन के बाद अगर अस्पताल प्रशासन के द्वारा नोटिस जारी किया जाता है तो कहा नहीं जा सकता है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.