अभी सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति शासन को चुनौती नहीं देगी शिवसेना

 

 

 

 

पुरानी याचिका नहीं की मेंशन

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार गठन पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से तीन दिन की मोहलत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी को लेकर फिलहाल यू-टर्न लिया है। शिवसेना ने मंगलवार को दाखिल याचिका पर अभी जल्द सुनवाई की मांग नहीं की है।

विधानसभा चुनाव के बाद दो हफ्ते से ज्यादा समय तक सरकार गठन पर चली खींचतान के बीच मंगलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। इसके साथ ही शिवसेना ने अपना रुख बदलते हुए कहा है कि अभी राष्ट्रपति शासन के फैसले को भी वह चुनौती नहीं देगी।

शिवसेना के वकील सुनील फर्नांडिस ने कहा, ‘हम आज शिवसेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर नहीं कर रहे हैं। याचिका कब दायर की जाए, इस पर निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है। राज्यपाल द्वारा मोहलत न दिए जाने की कल की याचिका को भी हम आज मेंशन नहीं कर रहे हैं।इससे पहले खबर थी कि शिवसेना राष्ट्रपति शासन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए बुधवार को एक नई याचिका दाखिल करेगी।

शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट से सदन में बहुमत साबित करने का मौका नहीं देने के राज्यपाल के सोमवार के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। अधिवक्ता फर्नांडिस के जरिए दायर याचिका में पार्टी ने आरोप लगाया कि उसे सरकार बनाने के लिए सोमवार को आमंत्रित किया गया और उसने मंगलवार को भी दावा पेश करने की इच्छा जताई थी।

शिवसेना ने इस निर्णय को असंवैधानिक, अनुचित और दुर्भावनापूर्ण करार दिया। पार्टी ने याचिका में कहा, ‘राज्यपाल केंद्र के बड़े राजनीतिक दलों की सहूलियत के हिसाब से या केंद्र सरकार के आदेश पर काम नहीं कर सकते।याचिका के मुताबिक, ‘याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दायर करने के लिए मजबूर हैं। इसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल के मनमाने एवं दुर्भावनापूर्ण कदमों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। राज्यपाल ने 11 नवंबर को जल्दबाजी में याचिकाकर्ता को तीन दिन का समय देने से भी इनकार कर दिया जो उसने सरकार गठन के वास्ते बहुमत साबित करने के लिए मांगा था।

याचिका में, शिवसेना ने तर्क दिया है कि राज्यपाल का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया, ‘यह स्पष्ट तौर पर शक्ति का मनमाना, अतार्किक एवं दुर्भावनापूर्ण प्रयोग है ताकि शिवसेना को सदन में बहुमत साबित करने का निष्पक्ष एवं तर्कसंगत अवसर नहीं मिल सके।याचिका में कहा गया कि 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना का सरकार बनाने का दावा मानने से इनकार करने का राज्यपाल का फैसला स्पष्ट तौर पर मनमाना, असंवैधानिक और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

शिवसेना को 10 नवंबर को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित किया गया था और याचिकाकर्ता ने 11 नवंबर को सरकार बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की। याचिका में कहा गया, ‘राज्यपाल को कानून के मुताबिक याचिकाकर्ता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था और उसे सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश देना चाहिए था।

288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। वहीं एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की। याचिका में कहा गया, ‘दलील यह है कि बहुमत का तथ्य राज्यपाल अपने अनुमान के आधार पर नहीं तय कर सकते हैं और बहुमत परीक्षण के लिए सदन ही संवैधानिक मंच है।

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.