लगातार लापरवाह बना हुआ है जिचि प्रबंधन!

 

सिवनी के जिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं से मुझे शिकायत है। इन्हें दूर करने की दिशा में किसी के द्वारा ध्यान न दिया जाना आश्चर्य जनक से ज्यादा पीड़ादायक है।

जिला चिकित्सालय सिवनी में दाखिल होने के बाद लोग यही सोचते हैं जैसे वे जीते जी नरक में प्रवेश कर गये हों। इस चिकित्सालय परिसर में गंदगी चारों ओर पसरी हुई है और इसी गंदगी के बीच यहाँ के चिकित्सक मरीज़ों का उपचार करते नज़र आते हैं। गंदगी के कारण संक्रामक रोग से ग्रसित होने का खतरा उन्हें भी हो जाता है जो मरीज़ तो नहीं हैं लेकिन मरीज़ के साथ या उनका हालचाल जानने के लिये आते हैं।

यहाँ एक रोग विशेष से अपना उपचार करवाने के बाद जब स्वस्थ्य होने के बाद कोई मरीज़ अपने घर पहुँचता है तब पता चलता है कि उसे कोई अन्य रोग भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है और इसका कारण उस जिला चिकित्सालय की गंदगी ही है जहाँ से वह उपचार करवाकर लौटा है। इन परिस्थितियों का सामना निर्धन वर्ग के लोगों को ही करना होता है क्योंकि संपन्न वर्ग के लोग तो जिला चिकित्सालय में झांकना तक पसंद नहीं करते हैं और वे अपना उपचार करवाने के लिये नागपुर या जबलपुर जैसे शहरों की ओर रूख कर लेते हैं।

पानी की कमी जिस स्थान पर रहती हो उस स्थान पर स्वच्छता की उम्मीद की जाना शायद सिवनी में बेमानी ही होगा। जिला चिकित्सालय के शौचालयों में पानी की कमी हमेशा ही बनी रहती है जिसके कारण ये शौचालय गंदगी से बजबजाते रहते हैं लेकिन इनका उपयोग करना उन लोगों की मजबूरी होती है जिनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं होता है। यदि यह कहा जाये कि जिला चिकित्सालय सिवनी के शौचालयों में व्याप्त गंदगी, मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो इसे अतिश्योक्ति नहीं माना जा सकता।

जिला चिकित्सालय में यदि वक्त-वक्त पर झाड़ू ही न लगायी जाती हो तो यहाँ फिनाईल जैसी दवा से पोंछा लगाये जाने की उम्मीद करना भी बेमानी ही होगा। इस अव्यवस्था के लिये जिम्मेदार अधिकारी तो वार्डों में दिखायी ही नहीं देते हैं जिसके चलते सफाई कर्मियों से वार्ड में व्याप्त गंदगी हटाने के लिये जब कहा जाता है तो वे ऐसा कहने वाले को यह कहकर झिड़क देते हैं कि खुद ही साफ कर लो। जिला चिकित्सालय प्रबंधन यदि लगातार लापरवाह बना हुआ है तो ऐसे में जिला कलेक्टर से ही उम्मीद की जा सकती है कि वे इस अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान की सुध लेकर, यहाँ व्याप्त अव्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की दिशा में कोई ठोस कदम अवश्य उठायेंगे।

खुशदीप सहगल

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