2020 की दीपावली तक . . . 03
सांसद डॉ.बिसेन के प्रयासों से कम होती दिख रहीं रेलवे अधिकारियों की दुश्वारियां
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सालों बाद सिवनी के विकास हेतु किसी संसद सदस्य के द्वारा पहल आरंभ की गयी है। सिवनी में रेलवे के अमान परिवर्तन में आने वाली कठिनाईयों हेतु बालाघाट सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन के द्वारा जिस तरह से प्रयास किये जा रहे हैं, उसे देखकर लगने लगा है कि अगले साल तक यहाँ पटरियां बिछ जायेंगी और उस पर बड़ी रेल की सीटी सुनायी दे सकती है।
रेलवे के तकनीकि विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लंबे समय के बाद किसी सांसद के द्वारा रेलवे के अमान परिवर्तन के काम की सुध ली गयी है। सांसद डॉ.बिसेन के द्वारा अधिकारियों को बुलाकर उनकी बैठक कर अमान परिवर्तन के काम में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों की जानकारी ली जाकर, उन्हें दूर करने की दिशा में हर संभव प्रयास आरंभ किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि सिवनी शहर में रेलवे स्टेशन के आसपास बिछायी जाने वाली पटरियां जमीन की वर्तमान सतह से ऊपर उठी हुई होंगी। इसके लिये लगभग एक किलोमीटर के हिस्से की फिलिंग कराया जाना प्रस्तावित है। यहाँ भराव के लिये मुरम का न मिल पाना एक प्रमुख समस्या बनकर उभर रहा है।
सूत्रों की मानें तो इस समस्या को जब अधिकारियों के द्वारा सांसद डॉ.बिसेन के सामने रखा गया तो उनके द्वारा अधिकारियों को सिवनी से दस बीस किलो मीटर दूर के जलाशयों के गहरीकरण का प्रस्ताव उनके समक्ष रखा गया। इस संबंध में सांसद के द्वारा जिलाधिकारी से भी चर्चा कर, इस प्रस्ताव को उनके सामने रखा गया।
यहाँ से निकाली जा सकती है मिट्टी, मुरम : रेलवे स्टेशन के आसपास जल स्त्रोतों की तादाद बहुत ज्यादा है। रेलवे स्टेशन परिसर में दो तालाब हैं तो वहीं बाजू में मठ तालाब बना हुआ है। इसके अलावा मोती नाला भी बाजू से ही बहता है। इन सभी स्थानों का अगर गहरीकरण करवा दिया जाये तो काफी मात्रा में मिट्टी रेलवे को मिल सकती है।
इससे इन तालाबों की जल संग्रहण क्षमता में इज़ाफा होगा तो दूसरी ओर मोती नाला पर छोटे – छोटे तीन चार स्टॉप डेम अगर बना दिये जाते हैं तो बारहों महीने पानी भरा रहेगा और आसपास का भूजल स्तर भी बढ़ने की उम्मीद है।
रेल गाड़ियों के परिचालन के आरंभ होने के बाद रेलवे को पानी की आवश्यकता होगी। मोती नाला में अगर स्टॉप डेम बना दिये जाते हैं तो यहाँ से रेलवे को कोच में भरने वाले पानी एवं दीगर जरूरतों के पानी की आपूर्ति सुलभ हो सकेगी। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के दोनों तालाबों का गहरीकरण कराया जाकर इनका रखरखाव अगर उचित तरीके से किया जाता है तो इसके पानी को पेयजल के रूप में भी रेलवे उपयोग कर सकती है।
सूत्रों ने बताया कि सिवनी में अमान परिवर्तन के काम को लेकर इसके पहले पूर्व सांसद बोध सिंह भगत से रेलवे के अधिकारियों के द्वारा लगातार ही गुहार लगायी जाती रही किन्तु सांसद ने किसी तरह का कदम नहीं उठाया। सूत्रों ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया है कि डॉ.ढाल सिंह बिसेन के द्वारा इस मामले में संज्ञान लिये जाने के कारण रेलवे के अधिकारियों की दुश्वारियां कम होती दिख रही हैं।
सामग्री रखने के लिये हो सकता है अनुबंध : सूत्रों का कहना था कि मठ मंदिर न्यास की लगभग 11 एकड़ भूमि में से रेलवे के ठेकेदार के द्वारा दो एकड़ भूमि चाही गयी है। इसके लिये ठेकेदार के द्वारा प्रतिमाह किराया भी अदा करने की बात न्यास से कही गयी है। उम्मीद है कि सोमवार के आसपास इस जमीन का अनुबंध भी हो सकता है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.