अतिक्रमण हटाओ अभियान के प्रथम चरण को लगा विराम, एक पखवाड़ा तक मलबा हटाने के बाद पुनः हो सकती है कार्यवाही!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। आठ दिन तक लगातार चलने वाले अतिक्रमण विरोधी अभियान को नौवें दिन कुछ दिनों के लिए थाम दिया है। बुधवार को नागपुर रोड पर रेलवे की पटरी के आसपास हल्के फुल्के अतिक्रमण हटाने के बाद इस कार्यवाही को थामा गया है। अभियान के थमते ही अब समीक्षाओं का दौर भी आरंभ हो गया है।
ज्ञातव्य है कि 26 नवंबर से शहर में कच्चे और पक्के अतिक्रमण को तोड़ने की कार्यवाही गांधी भवन से आरंभ हुई थी। पहले दिन बस स्टैण्ड क्षेत्र में जेसीबी का पंजा जमकर चला। लंबे समय से सोशल मीडिया पर नेहरू रोड के अतिक्रमण हटाये जाने की बातें लोगों के द्वारा कही जा रहीं थीं। इस अभियान के दूसरे ही दिन अमला नेहरू रोड जा पहुँचा।
अतिक्रमण हटाने गये अमले के द्वारा जिस तरह की कार्यवाही की जा रही थी, उसे देखकर लोग कुछ हद तक डरे हुए भी दिखे। लोगों में डर इस बात का नज़र आ रहा था कि जेसीबी मशीन से तोड़े जाने वाले निर्माण, शटर आदि को दोबारा लगाना या बनाना बहुत ही मुश्किल होता है। इससे बेहतर है कि वे खुद ही अपना निर्माण तोड़ लें।
बस स्टैण्ड के उपरांत डूण्डा सिवनी क्षेत्र और भैरोगंज में ही अमले को कच्चे पक्के निर्माण तोड़ने में मशक्कत करना पड़ा। शेष स्थानों पर लोगों के द्वारा अपने – अपने शेड, चारदीवारी आदि खुद ही तोड़ना आरंभ कर दिया गया था। वैसे लोगों में प्रशासन के द्वारा बिना भेदभाव की गयी कार्यवाही की प्रशंसा ही हो रही है।
26 नवंबर से आरंभ हुई इस कार्यवाही को देखने शहर के अनेक लोग उमड़े थे। सुबह से ही सोशल मीडिया सहित अपने – अपने संपर्कों के जरिये लोगों के द्वारा अतिक्रमण विरोधी अमले की लोकेशन ली जाकर जहाँ यह अमला होता वहाँ पहुँचा जाता। इसके बाद जब अमला दोपहर में भोजनावकाश के लिये जाता तब लोग भी कुछ देर के लिए वहाँ से हटते और जैसे ही अमला वापस आता वैसे ही तमाशबीनों की भीड़ भी जुटने लगती।
अभियान चलने के आठों दिन अभियान की समाप्ति के बाद चौक चौराहों, चाय पान ठेलों पर इस अभियान में की गयी कार्यवाही के बारे में लोग एक दूसरे को बहुत ही चाव से बताते और कुछ सालों पहले के सिवनी के परिदृश्य की तुलना वर्तमान परिदृश्य से करने लगते।
बुधवार को जब अतिक्रमण विरोधी अभियान को कुछ समय के लिये स्थगित करने की जानकारी लोगों को लगी तो इसके बाद दिन में ही इस अभियान के प्रथम चरण को लेकर समीक्षाओं का दौर भी आरंभ हो गया है। अब दोबारा इस अभियान को कब आरंभ किया जायेगा, क्या दूसरे चरण में लोगों का सहयोग पहले चरण की तरह ही मिलेगा, इस बारे में भी लोग चर्चाएं करते नज़र आये।
लोगों के बीच इस तरह की चर्चाएं भी चलती रहीं कि जगह – जगह तोड़े गये अतिक्रमणों में कुछ स्थानों पर लोगों के द्वारा खुद ही अपना निर्माण तोड़े जाने पर उन्हें छूट प्रदाय की गयी तो कहीं अनुनय विनय के बाद भी निर्माण को बलात तोड़ा गया! इस बारे में लोग कुछ उदाहरण देकर भी अपनी बातों का समर्थन देते देखे गये।
(क्रमशः जारी)

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