सड़क दुर्घटनाओं के लिये भी हो एडवाईज़री जारी!
(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (ंसाई)। सिवनी जिले में होने वाले सड़क हादसों को लेकर न तो परिवहन विभाग संजीदा है और न ही यातायात पुलिस ही इस मामले में कोई प्रयास करती दिख रही है।
जिले में सड़क दुर्घटनाओं में अब तक न जाने कितने लोग घायल हो चुके हैं। इनमें से न जाने कितने असमय ही काल कलवित भी हो चुके हैं। इसके बाद भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण के द्वारा सिवनी के नये बायपास पर बनने वाला ट्रामा केयर यूनिट अब तक आरंभ नहीं हो सका है। इसके अलावा जिला अस्पताल परिसर में बना ट्रामा केयर यूनिट का भवन भी शोभा की सुपारी ही बना दिख रहा है।
नागरिकों का कहना है कि समय – समय पर स्वास्थ्य से संबंधित या और भी अन्य मामलों में उनसे जुड़े विभागों के द्वारा एडवाईज़री जारी की जाती रही है लेकिन सड़क दुर्घटनाओं को अभी तक किसी के भी द्वारा गंभीरता से न लिया जाना आश्चर्य जनक माना जा सकता है। सड़क दुर्घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा कारण त्रुटिपूर्ण वाहन चालन को माना जाता रहा है लेकिन उसके बाद भी एक अन्य पहलू भी है जो तकनीक से जुड़ा है लेकिन उस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
लोगों का कहना है कि इस मामले में तकनीकि पहलू पर भी विचार करना आवश्यक है क्योंकि सिवनी के समीप कारीरात और घुनई घाट के आसपास के क्षेत्र ऐसे स्थान हैं जहाँ होने वाली सड़क दुर्घटनाएं आये दिन अखबारों की सुर्खियां बनती रहती हैं। इस बात पर विचार अवश्य किया जाना चाहिये कि कुछ विशेष स्थान ऐसे क्यों हैं जहाँ दुर्घटनाएं घटित होती रहती हैं? क्या इसमें सड़क निर्माता कंपनी के द्वारा कोई गंभीर तकनीकि भूल तो नहीं की गयी है! यदि ऐसा है तो इसकी जाँच की जाकर उसे दूर किया जाना चाहिये।
लोगों का कहना है कि जिले में जिन स्थानों पर ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन स्थानों की जाँच के लिये केंद्रीय सड़क अनुसंधान इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) के अधिकारियों के जरिये सर्वेक्षण करवाया जाना चाहिये। अगर सड़क को ठेकेदार कंपनी के द्वारा गलत बनाया गया है तो ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाना चाहिये।

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