स्वास्थ्य विभाग ने बनायी नयी रणनीति
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। सरकार के द्वारा आने वाले पाँच वर्षों यानी 2025 तक देश को टीबी मुक्त राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है। इसके लिये अब ई फॉर्मेसी सेवा की शुरूआत सरकार के द्वारा की जा सकती है। इस योजना में अस्पताल नहीं पहुँच पाने वाले क्षय रोगियों को उनके पते पर दवाएं भेजी जायेंगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराये गये सर्वे में पता चला कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारी के संदिग्ध होने पर लोग जागरूकता के अभाव में उपचार करवाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं। वहीं, परिवार के लोग शर्मिंदगी से बचने के लिये सरकारी टीबी केंद्रों में नहीं जाना चाहते।
सर्वे में यह बात भी उभरकर सामने आयी है कि निज़ि तौर पर उपचार कराने पर दवाईयां महंगी होने पर बीच में ही उपचार बंद कर देते हैं। इसे देखते हुए ई फॉर्मेसी की रणनीति बनायी गयी है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग ट्यूबर क्युलोसिस बैक्टीरिया (टीबी) के मरीज़ों के उपचार के साथ बेहतर सुविधा और दवा निःशुल्क प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य विभाग की नयी योजना पीड़ित की निज़ता को ध्यान में रखकर बनायी गयी है। एक गैर सरकारी संगठन को योजना में शामिल किया गया है। टीबी पीड़ितों और इसकी दवा बिक्री से संबंधित रिकॉर्ड को ऑनलाईन किये जाने से प्रत्येक मरीज़ की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को होगी। इनकी जानकारी लेकर संगठन के सदस्य आवश्यकता के अनुसार पीड़ित के घर पर दवा लेकर जायेंगे। संदिग्ध और पीड़ितों के नूमने भी सदस्य, संबंधित के घर जाकर एकत्रित करेंगे।

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