जनसहयोग, संस्थाओं, उद्योगों की सीएसआर से हो सकता है सौंदर्यीकरण संभव
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा जल्द ही शहर के चौक चौराहों के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण की योजना का आगाज़ किया जा सकता है। जन सहयोग, संस्थाओं की भागीदारी सहित उद्योगों के नैगमिक सामाजिक दायित्व (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटीज) के जरिये इस काम को अंज़ाम दिया जा सकता है।
जिला प्रशासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को इस बात के संकेत दिये हैं कि थोक सब्जी मण्डी को शहर के बाहर ले जाने, जिला अस्पताल के कायाकल्प, शहर के कुछ हिस्सों को अतिक्रमण मुक्त कराने जैसे जनहितैषी कार्यों को करने के बाद अब चौक चौराहों के सौंदर्यीकरण की दिशा में प्रशासन कदम आगे बढ़ा सकता है।
ज्ञातव्य है कि जिलाधिकारी के द्वारा नगर पालिका परिषद के प्रशासक का पदभार भी ग्रहण किया जा चुका है। इसके अलावा वे सतना में लंबे समय तक निगमायुक्त के पद पर भी पदस्थ रह चुके हैं, इस लिहाज़ से स्थानीय निकाय की कार्यप्रणाली से बेहतर तरीके से रूबरू भी हैं।
सूत्रों ने बताया कि शहर में बाहुबली चौराहा, सर्किट हाउस चौराहा, छिंदवाड़ा चौराहा, गांधी भवन, गणेश चौक, नगर पालिका तिराहा, सोमवारी चौक आदि स्थानों पर चौराहे या तिराहे को संवारने की महती जरूरत है। अगर ये तिराहे या चौराहे सुंदर दिखेंगे तो निश्चित तौर पर ये शहर की शान बन सकेंगे।
सूत्रों ने बताया कि भले ही जिला मुख्यालय में उद्योग कार्यालय के द्वारा बारापत्थर और भुरकुल खापा क्षेत्र में हजारों वर्ग मीटर जमीन को उद्योगों के लिये आवंटित किया गया हो पर जिले में इकलौता उद्योग घंसौर के बरेला में झाबुआ पॉवर प्लांट ही है। इस उद्योग को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटीज (सीएसआर) की मद में कुल लागत का पाँच फीसदी खर्च किया जाना आवश्यक है। कागज़ों पर हर साल भारी मात्रा में राशि खर्च हो रही हो पर जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ होता दिखता नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि चौक चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिये उद्योगों से सीएसआर मद के अलावा बैंक्स के द्वारा भी सोशल रिस्पॉन्सबिलिटीज की मद में जवाबदेही इन्हें सौंपी जा सकती है। जिले में अनेक संस्थाएं कार्यरत हैं, इसके अलावा सड़क, नहर निर्माण करने वाली ठेकेदार कंपनीज को भी सोशल रिस्पॉन्सबिलिटीज का निर्वहन करना आवश्यक होता है।
सूत्रों की मानें तो अगर इन सभी से सहयोग लिया जाकर शहर के चौक चौराहों को संवारते हुए इन चौक चौराहों पर स्थानीय राजनैतिक, पुरातात्विक, सामरिक महत्व की बातों से संबंधित प्रतिमाओं की स्थापना, जिन्हें स्थानीय कलाकारों से ही बनवाया जाकर उन्हें रोजगार दिया जाये तो यह एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आ सकती है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.