गुणवत्ता विहीन कामों पर से उठने लगा पर्दा, की जाना चाहिये एजेंसी पर कार्यवाही!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। जिला प्रशासन के द्वारा किये गये नगर सौंदर्यीकरण के दावे कितने खोखले हैं इस बात का अंदाज़ा दल सागर तालाब में बनाये गये सेल्फी प्वाईंट से लगाया जा सकता है। अंग्रेजी में आई लव सिवनी की इबारत वाले इस सेल्फी प्वाईंट से एस अक्षर हिल गया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।
ज्ञातव्य है कि नवंबर और दिसंबर माह में सिवनी शहर में चलाये गये अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद शहर को सुव्यवस्थित और सुंदर बनाये जाने की बात प्रशासन के द्वारा कही गयी थी। इसके बाद विज़न 2020 के आगाज़ के साथ ही दल सागर तालाब के मुहाने पर एक सेल्फी प्वाईंट बनाया गया था, जिसमें अंग्रेजी में आई के बाद लाल रंग से दिल बनाया जाकर फिर अंगेजी में सिवनी लिखा गया था।
प्रशासन के भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देश पर प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों में सेल्फी प्वाईंट बनाये गये थे। सिवनी में भी इसके तहत एक सेल्फी प्वाईंट बनाया गया था। सिवनी के नागरिकों ने यहाँ जमकर सेल्फी भी खींचीं जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुईं।
इधर, सामाजिक कार्यकर्त्ता लक्ष्मी कश्यप द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जिलाधिकारी तो शहर को सुंदर बनाने के लिये हर संभव प्रयास करते नज़र आ रहे हैं किन्तु विकास कार्यों को अंज़ाम देने वाली एजेंसियां, ठेकदारों तथा इसका अधीक्षण (सुपरविजन) करने वाले अधिकारियों की लापरवाही के कारण सारे काम गुणवत्ता विहीन ही हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा ऐतिहासिक दल सागर तालाब के सौंदर्यीकरण की पहल की गयी और यहाँ अनेक कार्यों को संपादित कराया गया किन्तु ये सारे काम गुणवत्ता विहीन ही होते रहे। इनका अधीक्षण करने वाले अधिकारियों के द्वारा भी गुणवत्ता को बलाए ताक रखा गया।
लक्ष्मी कश्यप के अनुसार नये साल पर प्रशासन के द्वारा दी गयी सेल्फी प्वाईंट की सौगात भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। यह हल्की सी प्राकृतिक आपदा में ही यह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस मामले में जानकारों का कहना है कि सेल्फी प्वाईंट के निर्माण के दौरान निर्धारित मानक वाली एक्रेलिक शीट का उपयोग न किये जाने के कारण यह जमींदोज़ हो गया है।
लक्ष्मी कश्यप ने सांसदों और विधायकों से प्रश्न करते हुए कहा है कि क्या जनता ने सांसदों और विधायकों को सिर्फ बैठकों में जाने के लिये चुना है! उन्होंने प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा है कि वे इन सारे निर्माणों की गुणवत्ता के मामले में मौन क्यों हैं!

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