भू माफियाओं के खिलाफ प्रशासन की कार्यवाही थमी!


एक के बाद एक शिकायतों के बाद भी कार्यवाही सिफर!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। मुख्यमंत्री कमल नाथ के द्वारा भू माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये जाने के बाद सिवनी में अतिक्रमण विरोधी अभियान का आगाज़ किया गया था। यह अभियान नवंबर माह के अंतिम सप्ताह से दिसंबर माह के मध्य तक चला। इस दौरान सभी भू माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही शायद नहीं हो पायी है।
हाल ही में दो तीन प्रकरण इस तरह के सामने आये हैं, जिनमें आवेदकों ने कॉलोनाईजर्स के द्वारा प्लाट बेचे जाते समय उनसे धोखाधड़ी की शिकायतें जिला और पुलिस प्रशासन से की हैं। इस आशय की खबरें भी समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद किसी भी तरह की कार्यवाही को अब तक अंजाम नहीं दिया गया है।
पंजीयक और मुद्रांक कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि देखा जाये तो यह मामला सीधे – सीधे पंजीयक और मुद्रांक कार्यालय से जुड़ा हुआ है। जिन प्लाट के स्वामियों के द्वारा कॉलोनाईजर्स पर धोखाधड़ी के आरोप लगाये गये हैं उन आरोपों की जद में पंजीयक कार्यालय भी आता है।
सूत्रों ने बताया कि धोखाधड़ी की शिकायतें मूलतः कम जगह देने या किसी को बेची जगह हो किसी अन्य को बेच दिये जाने की सामने आ रही हैं। पंजीयन विभाग के महानिरीक्षक के द्वारा लगभग दो साल पहले ही इस आशय के निर्देश समस्त पंजीयकों और सहायक पंजीयकों को दिये गएये थे कि मौका मुआयना करने के बाद ही किसी की रजिस्ट्री की जाये।
सूत्रों ने यह भी बताया कि जिस भूखण्ड में टुकड़ों में रजिस्ट्री होती है उसका बकायदा नक्शा भी राजस्व विभाग से प्रमाणित कराया जाना चाहिये। इसके अलावा जब रजिस्ट्री होती है तो उसमें कितनी जमीन बेची जा रही है इसका इंद्राज भी किया जाता है। इसके बाद गड़बड़ी की आशंकाएं लगभग समाप्त हो जाती हैं पर अगर गड़बड़ी हो रही है इसका मतलब कहीं न कहीं पंजीयन विभाग की इसमें मिली भगत अवश्य है।
सूत्रों ने आगे बताया कि एक जमीन की अथवा कम जमीन की रजिस्ट्री अथवा एक प्लाट का अनुबंध (बयनामा) कराया जाकर किसी अन्य नंबर का प्लाट उसे कैसे बेचा जा सकता है। इसमें कहीं न कहीं पंजीयक अथवा सहायक पंजीयक से भी गलती हो रही है, या उनके द्वारा अनुबंध या बयनामा को देखा ही नहीं जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि पंजीयक कार्यालय पूरी तरह दलालों के शिकंजे में दिख रहा है। यहाँ दलालों की पौ बारह हैं, बिना लिये – दिये काम नहीं किया जाता है।

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.