कर्फ्यू की अवधि बढ़ाई गई 10 अप्रैल तक

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। जिला कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी प्रवीण सिंह द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत पूर्व में जारी कर्फ्यू आदेश में आंशिक संशोधन कर कर्फ्यू की अवधि 05 अप्रैल रात्रि 12ः00 बजे से बढ़ाकर 10 अप्रैल रात्रि 12ः00 बजे तक कर दी हैं।

जारी आदेशानुसार किसी भी व्यक्ति के सिवनी जिले के राजस्व सीमा में स्थित सड़क,सार्वजनिक स्थल, सार्वजनिक मार्ग अथवा अन्य किसी भी स्थल पर एकत्रित होने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगया गया है। सिवनी सीमा में निवासरत रहवासियों को निर्देशित किया गया है कि वहां अपने घरों में ही रहे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की जा सके। लोगों का घरों से निकलना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

उक्त आदेश के क्रियान्वयन में छूट का प्रावधान किया गया है। जिसमें शासकीय अथवा निजी चिकित्सा संस्था एवं उस में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी एवं अधीनस्थ अमला, पुलिस बल, नगर पालिका,कार्यपालक मजिस्ट्रेट, विद्युत मंडल, इंटरनेट टेलीकॉम प्रोवाइडर, लोक शांति अथवा अन्य शासकीय कार्य संपादित करने नियुक्त अधिकारी कर्मचारी, आवश्यक वस्तुओं के घर पहुंच सेवा करने वाले कर्मचारी तथा रसोई गैस सिलेंडर वितरित करने वाले कर्मचारी, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधि (मीडिया संस्थान द्वारा जारी वैध आईकार्ड धारी, मात्र कवरेज उद्देश्य हेतु) दवा दुकानें, समस्त प्रकार के इंधन परिवहन के साधन एवं भंडारण, डिपो, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, शव यात्रा वाहन (अधिकतम 10 व्यक्ति सम्मिलित हो सकेंगे) बैंक, एलआईसी, एटीएम, दवा, सैनिटाइजर, मास्क चिकित्सकीय उपकरण, दवा में उपयोग में लाई जाने वाली कच्ची सामग्री के प्रतिष्ठान, निर्माण इकाई में कार्यरत कर्मचारी एवं निर्मित सामग्री अथवा उत्पादित सामग्री पर लागू नहीं होंगे।

इसी तरह फसल कटाई कार्य में अधिकतम पांच व्यक्ति एवं हार्वेस्टर स्ट्रिपर तथा थ्रेसर मशीन से फसल कटाई हेतु अधिकतम पांच व्यक्ति को अनुमति रहेगी। इसी तरह सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी पासधारी को छूट प्रदान की जाएगी।

यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत एक पक्षीय पारित किया गया है।आदेश से व्यथित व्यक्ति दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (5) के अंतर्गत कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में आवेदक से संतुष्ट होने पर आवेदक को कुछ शर्तों में छूट प्रदान की जाएगी इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।

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