नमस्कार, आप सुन रहे हैं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में मंगलवार 30 जून 2020 का प्रदेश स्तरीय आडियो बुलेटिन, अब आप रीना सिंह से समाचार सुनिए.
देश में कोरोना के संक्रमित मरीजों की तादाद का आंकड़ा पौने छः पांच लाख के करीब पहुंच रहा है। वर्तमान में यह आंकड़ा पांच लाख 68 हजार 536 पहुंच गया है। देश में कुल एक्टिव मरीजों की तादाद से लगभग एक लाख 20 हजार के लगभग ठीक होने वालों की तादाद हो गई है। देश में अब तक सक्रिय मरीजों की तादाद 02 लाख 15 हजार 885 एवं रिकव्हर्ड मरीजों की तादाद 03 लाख 35 हजार 672 है, एवं जिनका निधन हुआ है उनकी संख्या 16 हजार 919 है। मध्य प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों की तादाद से लगभग 07 हजार 512 ज्यादा लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं। प्रदेश में आंकड़ा 13 हजार 370 पहुंच गया है, जिसमें एक्टिव मरीजों की तादाद 02 हजार 607, रिकव्हर्ड मरीजों की तादाद 10 हजार 199 एवं जिनका निधन हुआ है उनकी तादाद 564 है।
प्रदेश में जिन जिलों में कोरोना के संक्रमित मरीजों की तादाद दो सौ से ज्यादा है उनमें इंदौर में 04 हजार 664, एक्टिव मरीजों की तादाद 1 हजार 03, भोपाल में 02 हजार 764, एक्टिव मरीजों की तादाद 581, उज्जैन में 856, एक्टिव मरीजों की तादाद 23, नीचम में 443 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 25, जबलपुर में कुल मरीजों की संख्या 396 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 70, बुरहानपुर में 392, एक्टिव मरीजों की तादाद 05, सागर में एक्टिव मरीजों की संख्या 356 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 92, ग्वालियर में 354 कुल मरीजों में से 75 सक्रिय मरीज, मुरैना में कुल मरीजों की तादाद 349 एवं सक्रिय मरीजों की तादाद 191, खण्डवा में 310 कुल एवं एक्टिव 30, खरगौन में कुल 289 मरीजों में एक्टिव मरीजों की तादाद 30 तथा देवास में 219 कुल संक्रमित मरीजों में से एक्टिव मरीज 37 एवं भिण्ड में कुल मरीज 211 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 82 हैं। प्रदेश में होशंगाबाद, डिंडोरी, अनूपपुर, अलीराजपुर एवं उमरिया में एक्टिव मरीजों की तादाद शून्य है।
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कोविड-19 के व्यापक सर्वेलेन्स के लिए प्रदेश भर में 15 दिवसीय किल कोरोना अभियान चलाया जायेगा। इसकी शुरूआत एक जुलाई को होगी। अभियान 15 जुलाई तक चलेगा। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आमजनों से अपील की है कि किल कोरोना अभियान में घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। सर्दी- खांसी जुकाम के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाए जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने का आग्रह किया है।
देश के इस अनूठे और बड़े अभियान से अन्य प्रदेशों तक भी एक सार्थक संदेश पहुँचेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 दिन पहले कमिश्नर एवं कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए थे कि किल कोरोना अभियान के लिए आवश्यक तैयारियाँ प्रारंभ की जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि कोरोना वायरस को समाप्त कर ही चौन की सांस लूँगा, इसे अमली जामा पहनाने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अल्प अवधि में ही यह तैयारी की गई है।
किल कोरोना अभियान में डोर-टू-डोर सर्वे के लिए पूरे प्रदेश में 11 हजार 458 सर्वे टीम लगाई जायेंगी। प्रत्येक टीम को नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और जरूरी प्रोटेक्टिव गियर उपलब्ध कराया जायेगा।
किल कोरोना अभियान में सर्वे द्वारा एस.ए.आर.आई., आई.एल.आई. के संदिग्ध मरीजों के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के संदिग्ध मरीजों को भी चिन्हांकित कर इनकी प्रविष्टि सार्थक एप में की जायेगी। कोविड-19 के संदिग्धों की जिनकी प्रविष्टि सार्थक एप पर की जाती है, के सम्बन्धित क्षेत्रों को मेप्ड एम.एम.यू. द्वारा सेम्पलिंग की जायेगी। रोजाना चिन्हित किये गये संदिग्धों की सेम्पलिंग के बाद उनकी टेस्टिंग आर.टी.पी.सी.आर. और टी.आर.यू.एन.ए.टी. के माध्यम से की जायेगी।
प्रदेश भर में एस.ए.आर.आई., आई.एल.आई. सर्वे के बाद चिन्हित संदिग्धों के 3 लाख से ज्यादा सेम्पल लिये जायेंगे। रोजाना 21 हजार टेस्ट किये जाने की क्षमता विकसित की जा रही है। इसमें प्रदेश के औसत पॉजीटिविटी से अधिक पॉजीटिविटी वाले 13 जिलों में सघन सेम्पलिंग आर.टी.पी.सी.आर. और टी.आर.यू.एन.ए.टी. के जरिए होगी। ऐसे 29 जिले जहां पाजीटिविटी दर प्रदेश के औसत से कम है, में जनरल सर्वेलेन्स के लिए पूल्ड सेम्पलिंग के निर्देश दिये गये हैं।
प्रदेश में 69 टी.आर.यू.एन.ए.टी. साईट्स संचालित है, जहां जिला स्तर पर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि किल कोरोना अभियान के बाद प्रदेश में टेस्ट प्रति मीलियन की संख्या 4022 से बढ़कर 7747 हो जाने की संभावना है, जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसी तरह अधिक सेम्पलिंग के परिणामस्वरूप प्रदेश की पॉजीटिविटी दर में भी गिरावट आयेगी।
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मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में बीजेपी आला कमान के साथ मंथन करके भोपाल लौट आये हैं। बताया जा रहा था कि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा के आला नेताओं से विचार-विमर्श करने के लिए दो दिनों से दिल्ली में ही थे। मंगलवार सुबह सीएम शिवराज सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत भी भोपाल लौट आए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज दो दिन से दिल्ली में थे और उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई वरिष्ठ नेताओं से हुई। सोमवार को अचानक प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली पहुंच गए थे। सूत्रों की मानें तो मंत्री मंडल विस्तार में कई मंत्रीयों के नाम और प्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाने को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
दरअसल मध्य प्रदेश के सियारी गलियारों में पिछले कुछ दिनों से मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट चल रही है। और देवशयन से पहले एक जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार होने बात की रही है। इस विस्तार को लेकर मंत्रियों के दावेदार भी सक्रिय हो गये हैं। विस्तार में सिंधिया खेमे के साथ साथ नये चेहरों को जगह देने की भी चर्चा है। माना जा रहा है कि दिल्ली से लौटने के बाद सीएम मंत्रालय में इसी मामले पर चर्चा कर रहे हैं।
फिलहाल शिवराज मंत्रिमंडल में केवल 5 मंत्री हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रिमंडल में करीब 25 सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र भी दिल्ली पहुंच गए हैं। शिवराज कैबिनेट में शामिल किए गए पांच मंत्रियों में से तुलसी सिलावट और नरोत्तम मिश्रा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है। वहीं
भोपाल से रामेश्वर शर्मा, पूर्व मंत्री विश्वास सारंग और एससी कोटे से विष्णु खत्री, रायसेन से पूर्व मंत्री रामपाल सिंह के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। इंदौर से उषा ठाकुर का नाम सबसे आगे है। इंदौर से ही भाजपा विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ पर विचार हुआ है।
मालवा निमाड़ से मोहन यादव, चेतन कश्यप, यशपाल सिंह सिसोदिया, आदिवासी कोटे से विजय शाह या प्रेम सिंह पटेल भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। बुंदेलखंड से पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ एससी कोटे से हरीशंकर खटीक का नाम भी मंथन में आया है।
ग्वालियर चंबल से अरविंद भदौरिया, यशोधरा राजे सिंधिया के साथ ओबीसी और नरेंद्र सिंह तोमर के कट्टर समर्थक भारत सिंह कुशवाह का नाम भी शामिल हो सकता है। विन्ध्य से राजेंद्र शुक्ला या गिरीश गौतम में से किसी एक को मौका मिल सकता है। इसमें पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल को दोबारा भी मंत्री बनाया जा सकता है। ओबीसी कोटे से रामलल्लू वैश्य और एससी से कुंवर सिंह टेकाम के नाम पर भी चर्चा है।
महाकौशल से अशोक रोहाणी या अजय विश्नोई में से किसी एक को मौका मिलेगा। पूर्व मंत्री संजय पाठक, गौरीशंकर बिसेन और एसटी कोटे से देवी सिंह सैयाम का नाम पर भी सहमति बन सकती है।
डा. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, बिसाहूलाल सिंह, एदल सिंह कंसाना, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, हरदीप सिंह डंग और रणवीर जाटव के नाम भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। यह सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं।
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समाचारों के बीच में हम आपको यह जानकारी भी दे दें कि मौसम के अपडेट जाने के लिए समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के चेनल पर रोजाना अपलोड होने वाले वीडियो जरूर देखें।
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एक तरफ पूरे देश में कोरोना संक्रमण का कहर बढता जा रहा है। हजारों की तादाद में लोग रोजाना संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन सरकार ने अनलॉक के नाम पर रियायत क्या दी आम आदमी ने मान लिया कि कोरोना संक्रमण खत्म हो गया। बाजार हों या सड़कें आम दिनों की तरह भीड़ नजर आने लगी है। लोग एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर नहीं चल रहे हैं। कई तो इस तरह के नजारे भी सड़कों पर नजर आ रहे हैं जिन्होंने मास्क तक नहीं लगाया है। इस घोर लापरवाही का ही नतीजा है कि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कहीं न कहीं हम खुद खतरे को दावत देते नजर आ रहे हैं। पेश है इस संबंध में प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के महाकौशल ब्यूरो सुमित खरे की एक रिपोर्ट
लॉकडाउन में जब सब कुछ थमा हुआ था तब हर किसी को परेशानी महसूस होने लगी थी। जरूरत के सामान नहीं मिल रहे थे। काम-काज ठप्प हो गया था। लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी थी। आम आदमी की माली हालत बिगड़ी तो सरकार की वित्तीय स्थिति भला कैसे दुरुस्त रहती। लिहाजा धीरे-धीरे जीवन को पटरी पर लाने के लिए अनलॉक का सहारा लिया गया। लेकिन अनलॉक-1 के अनुभव को उचित नहीं कहा जा सकता।
जबलपुर शहर का आलम यह है कि बाजार खुल गया तो दुकानों में भीड़ लगने लगी। शराब दुकानें खुल गई तो पीने के शौकीन मस्त हो गए। ऑटो रिक्शा चलने की इजाजत मिली तो चालकों ने पहले की तरह सवारियों को ठूंसना शुरू कर दिया। हर कोई बेपरवाह नजर आने लगा। ये हाल तब है जब संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। सिर्फ जबलपुर की ही बात करें तो संक्रमितों का आंकड़ा 4 सौ के पार पहुंच गया है। लेकिन सावधानी गायब हो गई है। ऐसे में दुर्घटना के मौके बढ़ गए हैं।
अब संक्रमण बढ़ रहे हैं तो कुछ लोग इसका ठीकरा प्रशासन पर फोड़ने से बाज नहीं आ रहे। उन्हें अपनी असावधानी से सरोकार नहीं। वो ये समझ ही नहीं पा रहे कि सड़कों पर देह से देह की दूरी का पालन करना, घर से निकलते वक्त मास्क पहनना अनिवार्य इसलिए है कि इससे हमारा जीवन ही सुरक्षित रहेगा।
लेकिन अब जिला प्रशासन ने भी कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए नियमावली तैयार की है। बताया गया है कि कोरोना से बचने के लिए चार पाहिया वाहन में तीन से अधिक लोग नहीं बैठ सकेंगे। दोपहिया वाहन पर सिर्फ एक व्यक्ति ही चल सकेगा। ऑटो में दो सवारी से ज्यादा नहीं बैठाई जा सकती। लेकिन इसका पालन करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है, जबकि बाकायदा चालान भी हो रहे हैं। लेकिन लोग हैं कि उन्हें चालान भरने में मजा आ रहा है। इसमें भी रईसी नजर आ रही है। शराब दुकानें पहले ही खोल दी गईं तो यहां भी नियम टूटते नजर आ रहे हैं।
अब दमोहनाका चौक, ब्लूम चौक, तीन पत्ती, पुराना रोडवेज इलाके में रेड सिग्नल के साथ ही वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इस दौरान लाउडस्पीकर पर सोशल डिस्टेंसिंग का सबक भी सिखाया जाता है। सीसीटीवी के जरिए यह नजारा पुलिस कंट्रोल-रूम में पहुंचता है और कोविड-19 के लिए बनाए गई मॉनीटरिंग एंड कंवेन्शन रूम में भी। लेकिन सारा सिस्टम होते हुए भी प्रशासन पंगु सा बना दिखाई दे रहा है।
इस सिस्टम के टूटने में ट्रैफिक पुलिस कहीं न कहीं तो जिम्मेदार है, आखिर जब सिग्नल तोड़ने वाले वाहनों का नंबर देखकर चालकों को चालान भेजा जा सकता है तो ऑटो रिक्शा, कार, बाइक, स्कूटर की ओवर लोडिंग पर भी वैसा ही किया जा सकता है। पर नहीं।
लंबे चले लॉकडाउन के बाद बाजार और दुकानों को इसी शर्त पर खोलने की परमीशन दी गई थी कि दुकानों के सामने गोले बनाए जाएंगे। ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी। दुकान में सेनिटाइजर रखना होगा। दुकानदार और ग्राहकों को मास्क पहनना होगा। लेकिन अनलॉक-1 में शहर के किसी भी क्षेत्र में जाएं दुकानों में प्रोटोकॉल का कहीं पालन नहीं हो रहा। दुकान के अंदर लोगों की भीड़ रहती है। सेनिटाइजर रहता नहीं है, अगर कहीं रखा भी है तो सिर्फ दिखावे के लिए उसका उपयोग नहीं होता है। ऐसे में कोई संक्रमित ग्राहक पहुंच गया तो कितने लोगों के बीच संक्रमण फैलाएगा इसकी चिंता न दुकानदार को है न ग्राहक को।
अब सरकार एक जिले से दूसरे जिलों के लिए बसें चलाने की तैयारी कर रही है। हालांकि अभी सवारियों की संख्या को लेकर बहस छिड़ी है, लेकिन आने वाले समय में नियमों का पालन कैसे होगा इसकी चिंता नहीं। अभी शहर में जो ऑटो चल रहे हैं उन्हें दो सवारियों के साथ ही ऑटो चलाना है, लेकिन ऑटो में आठ से दस लोग बैठाए जा रहे हैं।
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जून माह में प्रदेश की राजैनतिक राजधानी भोपाल में संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला थमा नहीं है। भोपाल शहर में पहला मरीज 22 मार्च को मिला था। इसके बाद संक्रमण की दर बढ़ने लगी और नए-नए क्षेत्रों में संक्रमण फैलने लगा। अप्रैल महीने में शहर में 500 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके थे। औसतन 12 से 13 मरीज प्रतिदिन मिल रहे थे। पेश है समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के भोपाल ब्यूरो से सोनल सूर्यवंशी की रिपोर्ट
जून में संक्रमण की दर करीब चार गुना ज्यादा हो गई। जून में प्रतिदिन मरीजों की दर यर 13 से बढ़कर अब 48 हो गई है। बता दें कि किल कोरोना अभियान के तहत दो दिन में 80 हजार मकानों के करीब 4 लाख लोगों का सर्वे किया गया। इसमें से 10 हजार मरीजों ने सर्दी, जुखाम और बुखार की शिकायत दर्ज कराई। इसमें से लक्षणों के आधार पर करीब 4 हजार लोगों के सैंपल लिए गए है। आगामी दो दिनों में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी।
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ग्वालियर में अनलॉक वन में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों में अब सर्दी,खांसी,जुकाम व बुखार और शरीर में दर्द के लक्षण मिल रहे हैं। लक्षण वाले मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते एहतियात रखना जरूरी है। पेश है ग्वालियर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से राजीव सक्सेना की रिपोर्ट
जब कोरोना का संक्रमण देश दुनिया में कहर बरपा रहा था। तब हमारे शहर में इसकी रफ्तार बहुत धीमी थी। लोग कोरोना संक्रमित तो मिले पर महज 30 प्रतिशत लोगों में ही लक्षण थे। पर जून माह में मिले 224 मरीजों में करीब 70 प्रतिशत लोगों में किसी न किसी रूप में लक्षण मिले हैं, जिससे तेजी से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
डॉक्टरों का मानना है कि जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं होते वह कम संक्रमण फैलाते हैं। लेकिन जिन में खांसी,जुकाम या बुखार जैसी शिकायत होती है वह आसानी से संपर्क में आने वालों में संक्रमण फैला सकते हैं। क्योंकि संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग में ली गई वस्तु पर संक्रमण आ जाता है। यदि इस वस्तु का प्रयोग सामान्य व्यक्ति करता है तो वह भी संक्रमित हो सकता है।
अनलॉक वन में बाजार खुल चुका है। बाजार खुलने के साथ ही कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। लोग बिना मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी रखने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आसानी से आ सकते हैं और बाजार से कोरोना का संक्रमण घर तक पहुंच रहा है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया लोगों से अपील करता है कि सावधानी रखें कोरोना से बचें। सरकार ने आवश्यकता की पूर्ति के लिए बाजार तो खोल दिए। लेकिन सरकार ने स्कूल,कॉलेज सब बंद कर रखे हैं। इसका मतलब है कि लॉकडाउन तो गया पर कोरोना नहीं। बाजार खुलने पर लोगों ने यह मान लिया कि कोरोना नहीं है जबकि अब संक्रमित होने का सर्वाधिक डर है। इसलिए एहतियात रखने की अधिक जरूरत है। कम से कम घर से बाहर निकलें, घर से बाहर निकलने पर मास्क,सैनिटाइजर का प्रयोग करें। घर वापसी पर कपड़े धोएं व नहाने के बाद ही परिवार के साथ बैठें।
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उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी, लेकिन कावड़ यात्रियों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य और उज्जैन के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में मंगलवार शाम हुई आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
श्रावण मास की व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हुए प्रभारी मंत्री ने महाकाल दर्शन का समय एक घंटे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अब भक्तों को शाम 7 बजे तक राजाधिराज के दर्शन होंगे। वर्तमान में सुबह 8 से शाम 6 बजे तक दर्शन व्यवस्था लागू है। इधर, शहर में दाएं-बाएं के नियम से दुकान खोलने के आदेश को भी वापस ले लिया गया है।
श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की सवारी निकलती है। इस बार भी सात सवारियां निकाली जाएंगी। बैठक में प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने परंपरा अनुसार भगवान की सवारी निकलने की बात कही। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से कावड़ यात्रियों को मंदिर में प्रवेश नहीं देने का निर्णय लिया गया।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि सवारी के स्वरूप व मार्ग का निर्धारण जल्द होगा। इसके लिए बैठक कर मसौदा तैयार किया जाएगा।
इससे पहले प्रतिवर्ष कावड़ियों को शनिवार, रविवार व सोमवार को छोड़ सप्ताह के शेष चार दिन विशेष द्वार से प्रवेश दिया जाता था। कावड़ यात्रा दल के पांच सदस्यों को गर्भगृह में जाकर जलाभिषेक की अनुमति दी जाती थी। प्रतिबंधित दिनों में आने वाले कावड़ यात्रियों को विशेष सुविधा नहीं मिलती थी। हालांकि वें सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगकर जलाभिषेक कर सकते थे।
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छिंदवाड़ा जिले में जुन्नारदेब कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष घनश्याम तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कांग्रेस नेता अधिकारी को शहर में आग लगा देने की धमकी देते नजर आ रहे हैं। वहीं, वीडियो पर बीजेपी ने आपत्ति जताई हैं। जानकारी अनुसार विधायक सुनील उइके, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष घनश्याम तिवारी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अचानक रविवार को पुतला दहन कार्यक्रम में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया था। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी आमने-सामने आ गए थे। जिसकी विधिवत शिकायत भी दोनों दलों ने थाने में दर्ज कराई थी। इसी मामले में से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है। ब्लॉक अध्यक्ष घनश्याम तिवारी, विधायक सुनील उइके और कांग्रेस नेता की उपस्थिति में प्रशासन को शहर में आग लगाकर ईंट से ईंट बजाने की धमकी देते नजर आ रहे हैं। वहीं, बीजेपी ने इस मामले में पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
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मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 और वन सेवा परीक्षा-2019 के करीब 6 माह बाद उम्मीदवारों को अपने स्कोर कार्ड देखने की अनुमति प्रदान की है। इस परीक्षा में शामिल हुए परीक्षार्थी आयोग की वेबसाइट या आयोग के कार्यालय में जाकर 29 सितंबर 2020 तक अपना स्कोर कार्ड देख सकते हैं। ओबीसी कोटे को लेकर कानूनी प्रक्रिया के चलते अब तक इन परीक्षाओं का परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है।
एमपीपीएससी ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर इस संबंध में सूचना दी है। इसमें यह भी कहा गया है कि उक्त परीक्षा में शामिल उम्मीदवार शुल्क का भुगतान कर अपनी ओएमआर शीट भी देख सकते है। आयोग के अनुसार उम्मीदवार अपने एडमिट कार्ड के माध्यम से अयोग के कार्यालय आकर स्कोर कार्ड या ओएमआर शीट देख सकते है।
गौरतलब है कि मप्र के विभिन्न विभागों में खाली पड़े करीब 540 पदों को भरने के लिए एमपीपीएससी द्वारा 12 जनवरी 2020 को प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था। एक माह में इसका परिणाम घोषित करना था लेकिन कुछ उम्मीदवारों द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कोटे को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। मामला कोर्ट में पहुंचने के कारण इस परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है।
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आप सुन रहे थे रीना सिंह से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में मंगलवार 30 जून का प्रदेश स्तरीय आडियो बुलेटिन। बु धवार 01 जुलाई को एक बार फिर हम आडियो बुलेटिन लेकर हाजिर होंगे, अगर आपको यह आडियो बुलेटिन पसंद आ रहे हों तो आप इन्हें लाईक, शेयर और सब्सक्राईब जरूर करें। फिलहाल इजाजत लेते हैं, नमस्कार।

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