मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर नेताओं के प्रति नरमी पर ऐतराज जताया हाई कोर्ट ने!

नमस्कार, आप सुन रहे हैं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज की समाचार श्रंखला में बृहस्पतिवार 08 अप्रैल का राष्ट्रीय ऑडियो बुलेटिन.
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अभी चुनावी मौसम चल रहा है। पांच राज्यों के चुनाव में दो राज्यों का चुनावी दौर चल रहा है। तीन राज्यों में मतदान समाप्त हो चुका है। चुनाव वाले राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक नेता और उम्मीदवार जिस तरह बिना मास्क लगाये और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की अव्हेलना करते हुए दिख रहे हैं, उस पर हाई कोर्ट ने कड़ा एतराज जताया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवायी करते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके पूछा कि मास्क नहीं लगाने पर आम लोगों से भारी जुर्माना वसूला जा रहा है, लेकिन नेताओं पर नरमी का रुख दिखाया जा रहा है, यह दोहरा रवैया क्यों है?
इसको लेकर हाल ही में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और सी.ए.एस.सी. के चेयरमैन विक्रम सिंह ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि चुनाव प्रचार के दौरान नेता और उम्मीदवार हजारों लाखों लोगों की भीड़ में बिना मास्क लगाये प्रचार कर रहे हैं। मंच पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। यह सरकार की ही गाइडलाइंस का उल्लंघन है। उनकी याचिका पर कोर्ट ने 22 मार्च को भी नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट विराग गुप्ता के अनुसार याचिका में कानून के सामने बराबरी और जीवन के मूल अधिकारों का हवाला देते हुए कहा गया है कि देश में सबके लिये नियम कायदे एक होने चाहिये।
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शनिवार को छत्तीसगढ़ के तर्रेम क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद बंधक बनाये गये कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। कमांडो को दोपहर बाद लगभग 04 बजे नक्सलियों ने छोड़ दिया और अब वे उस सी.आर.पी.एफ. कैंप पहुँच गये हैं जहाँ से वे 03 अप्रैल को एंटी-नक्सल ऑपरेशन के लिये निकले थे। कैंप में उनके साथियों ने किसी हीरो की तरह उनका स्वागत किया। रामेश्वर सिंह के स्वतंत्र होने की खबर के बाद जम्मू में उनके घर पर जश्न का माहौल है।
कोबरा कमांडो के रिहा होने की खबर मिलते ही जम्मू में उनके घर और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गयी। उनके घर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सबके चेहरे पर मुस्कान थी। कमांडो की पत्नी मीनू मन्हास ने कहा कि उन्हें आरंभ से उम्मीद थी कि उनके पति सकुशल वापस लौटेंगे। उन्होंने कहा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे खुशनुमा दिन है। मीनू मन्हास ने कहा कि उन्हें आधिकारिक तौर पर कमांडो पति की रिहाई की जानकारी मिल चुकी है और वे पूरी तरह स्वस्थ्य हैं।
अभी यह जानकारी नहीं मिल पायी है कि इसके बदले सरकार ने उनकी कोई मांग पूरी की है या नहीं। सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय मध्यस्ता टीम के सदस्य पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया सहित सैकड़ो ग्रामीणों की उपस्थिति में नक्सलियों ने जवान को किया रिहा।
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सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें दोनों ने हाई कोर्ट के दिये गये सी.बी.आई. जांच के आदेश को चुनौती दी थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व पुलिस कमिश्नर के आरोपों के मद्देनजर प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जो आरोप लगाये हैं, वे गंभीर हैं और ऐसे में स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार और अनिल देशमुख ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें हाई कोर्ट ने सी.बी.आई. से कहा था कि वह आरोपों की प्रारंभिक जांच करें। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवायी के दौरान टिप्पणी में कहा कि जो आरोपों का नेचर है उसमें स्वतंत्र जांच एजेंसी की ओर से जांच की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि ये सिर्फ प्रारंभिक जांच (प्राईमरी इंक्वारयरी) है इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पूर्व पुलिस कमिश्नर ने जब मंत्री पर गंभीर आरोप लगाये हैं तो इस तरह की जांच में कुछ भी गलत नहीं है।
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वाराणसी की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) को काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति दे दी। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वेक्षण की लागत वहन करने का निर्देश दिया। अयोध्या की तरह अब ज्ञानवापी मस्जिद की भी खुदाई कर ए.एस.आई. मंदिर पक्ष के दावे की प्रमाणिकता को परखेगी।
ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण की याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में 02 अप्रैल को बहस पूरी हुई थी। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने याचिका का विरोध किया था। इसके विरोध में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतेज़ामिया कमेटी ने तर्क दिया था कि याचिका धार्मिक पूजा अधिनियम 1991 की जगहों के तहत बनाये रखने योग्य नहीं है।
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केंद्र सरकार की तरफ से लाये गये तीन कृषि कानूनों के विरूद्ध किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच राजनीतिक दलों की तरफ से भी पक्ष और विपक्ष में लगातार तर्क दिये जा रहे हैं। एबीपी न्यूज के एक शो में एंकर रुबिका लियाकत और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के बीच गर्मागर्म बहस हो गयी। एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने रुबिका लियाकत को बिका हुआ बता दिया।
रुबिका लियाकत ने संजय सिंह से पूछा कि यदि कृषि कानून में इतनी कमी थी, यदि ये काला कानून था तो आपने दिल्ली में क्यों लागू कर दिया? उनके सवालों को सुनकर संजय सिंह ने कहा कि आप अडानी की गुलामी कर रहीं हैं। आप बिके हुए हो। संजय सिंह द्वारा गुलाम बताये जाने पर रुबिका लियाकत भड़क गयी। उन्होंने कहा कि आप जिसकी गुलामी कर रहे हैं उसपर बात कीजिये। मैं देश की गुलामी कर रही हूं। मैं सवाल पूछ रही हूं आपकी सरकार ने इस कानून को क्यों नोटिफाइ किया?
इस दौरान दोनों के ही बीच काफी गर्मागर्म बहस हो गयी। एंकर रूबिका लियाकत ने कहा कि संजय सिंह आप तमीज के दायरे में रहकर बात कीजिये। मैं चैलेंज करती हूं आपको, आप मेरे सारे एकाउंट्स खंगालिये। आपको मुझसे माफी मांगनी पड़ेगी। संजय सिंह ने कहा कि मैं गुलामों से माफी नहीं मांगूंगा। आप गुलाम हो अडानी के।
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समाचारों के बीच में हम आपको यह जानकारी भी दे दें कि मौसम के अपडेट जानने के लिये समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के चैनल पर प्रतिदिन अपलोड होने वाले वीडियो अवश्य देखें। मौसम से संबंधित अपडेट मूलतः किसानों, निर्माण कार्य, यात्रा या समारोह आदि के लिये फायदेमंद साबित हो सकते हैं। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा अब तक मौसम के जो पूर्वानुमान जारी किये गये हैं, वे 95 से 99 प्रतिशत तक सही साबित हुए हैं।
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कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस बीच गुजरात में कुछ चौंकाने वाले मामले लगातार सामने आ रहे हैं। रैपिड एंटीजन परीक्षण (आर.ए.टी.) और फिर आर.टी. पी.सी.आर. में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव होने की संभावना बरकरार रहती है। टेस्ट के इस तरीके को बेहतर माना जाता है।
गुजरात भर में चिकित्सकों के सामने ऐसे कई मामले आये हैं, जिसमें मरीज आर.टी. पी.सी.आर. टेस्ट में निगेटिव आता है, लेकिन उच्च-रिज़ॉल्यूशन सीटी (एच.आर.सी.टी.) में फेफड़ों में संक्रमण पाया जाता है।
समस्या इतनी विकट हो गयी है कि वडोदरा नगर निगम ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि यह आवश्यक नहीं है कि कोरोना का मौजूदा स्ट्रेन आर.टी. पी.सी.आर. टेस्ट में पॉजिटिव दिखे। इसलिये बीमा कंपनियों और तीसरे पक्ष के प्रशासकों (टी.पी.ए.) को इसे कोविड पॉजिटिव मानना चाहिये। महामारी विज्ञान रोग अधिनियम के तहत जारी वी.एम.सी. के आदेश में कहा गया है, ऐसे मामलों में जहाँ आर.टी. पी.सी.आर. निगेटिव है, लेकिन एच.आर.सी.टी. और प्रयोगशाला जांच में वायरल की पुष्टि होती है तो इसे कोरोना के रूप में माना जाना चाहिये।
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आप सुन रहे थे समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज में शरद खरे से बृहस्पतिवार 08 अप्रैल का राष्ट्रीय ऑडियो बुलेटिन। शुक्रवार 09 अप्रैल को एक बार फिर हम ऑडियो बुलेटिन लेकर उपस्थित होंगे, आपको ये ऑडियो बुलेटिन यदि पसंद आ रहे हों तो आप इन्हें लाईक, शेयर और सब्सक्राईब अवश्य करें, सब्सक्राईब कैसे करना है यह प्रत्येक वीडियो के अंत में हम आपको बताते ही हैं। अभी आपसे अनुमति लेते हैं, नमस्कार।
(साई फीचर्स)

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