. . . तो पेंचव्हेली चलती सिवनी से

छिंदवाड़ा से बनारस, सिवनी से दिल्ली तक मिल सकती थी रेलगाड़ी, नहीं हुआ काम पूरा, मामला गया ठण्डे बस्ते में!
(सुमित माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में अगर काम बहुत धीमी गति से नहीं कराया जा रहा होता तो सिवनी से भोपाल, इंदौर, दिल्ली, बनारस आदि शहरों के लिए सीधी रेल सुविधाएं सिवनी के निवासियों को मिल जातीं। उक्ताशय की बात रेल्वे बोर्ड के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही।


रेल भवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि छिंदवाड़ा से चौरई, सिवनी, भोमा, केवलारी, नैनपुर के मार्ग का निर्माण समय सीमा में क्यों नहीं हो पाया, इसकी जांच हेतु सिवनी से अनेक संदेश भी आ रहे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव एवं रेल्वे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा के समक्ष इस मांग को जल्द ही रखा जाएगा और उनके आदेश के बाद ही इसकी जांच भी रेल्वे के इंटेलीजेंस प्रभाग से करवाई जा सकती है।


सूत्रों ने बताया कि रेल्वे की योजना के अनुसार छिंदवाड़ा से चलने वाली पेंचव्हेली पैसेंजर पहले परासिया से भोपाल चला करती थी। जब ब्राडगेज छिंदवाड़ा तक पहुंची तब यह छिंदवाड़ा से इंदौर चलने लगी। इस रेलगाड़ी को सिवनी से चलाए जाने की योजना भी थी। बाद में यह रेलगाड़ी गोंदिया से इंदौर तक चलाई जाती।


सूत्रों ने यह भी बताया कि छिंदवाड़ा से भोपाल, बीना, झांसी के रास्ते सराय रोहिला (दिल्ली) को जाने वाली पातालकोट एक्सप्रेस को भी गोंदिया से बालाघाट, नैनपुर, सिवनी के रास्ते छिंदवाड़ा होकर चलाए जाने की योजना भी थी। इतना ही नहीं छिंदवाड़ा से सिवनी, नैनपुर, जबलपुर, कटनी होकर बनारस के लिए भी एक रेलगाड़ी चलाए जाने की योजना थी।


सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि जो रेलगाड़ियां जबलपुर आकर खड़ी हो जाती हैं, एवं कम से कम आठ से 12 घंटे बाद वापस जाती हैं, उन रेलगाड़ियों को भी जबलपुर से घंसौर, नैनपुर, सिवनी के रास्ते छिंदवाड़ा अथवा नैनपुर, बालाघाट के रास्ते गोंदिया तक बढ़ाए जाने पर भी विचार किया जा रहा था।

नहीं हुआ काम पूरा, मामला गया ठण्डे बस्ते में!

रेल भवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि नैनपुर से छिंदवाड़ा तक का काम समय सीमा में पूरा कराने की जवाबदेही नैनपुर में पदस्थ रेलवे के निर्माण अधिकारियों की थी। विडम्बना ही कही जाएगी कि नैनपुर से छिंदवाड़ा के बीच मण्डला संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से मेें नैनपुर से केवलारी, पलारी होकर भोमा तक का पटरी बिछाने का काम तो पूरा हो गया है पर विद्युतीकरण का काम अगले साल मार्च के पहले पूरा होने की उम्मीद है। अगर ऐसा हुआ तो मार्च के बाद भोमा को फिलहाल टर्मिनल प्वाईंट बनाकर सवारी गाड़ी आरंभ कराई जा सकती हैं।


इसी तरह छिंदवाड़ा से चौरई तक का काम भी पूरा हो चुका है जो छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इधर, बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में काम पूरा न हो पाने से चौरई से भोमा के बीच का हिस्सा अभी भी हवा में झूलता ही दिख रहा है। छिंदवाड़ा से चौरई के बीच विद्युतीकरण का काम दीपावली के आसपास पूरा होने की उम्मीद सूत्रों ने जताई है। इसके बाद संभवतः चौरई से छिंदवाड़ा शटल चलाई जा सकती है। इधर, सिवनी से सवारी गाड़ियों के गुजारने का मामला ठण्डे बस्ते के हवाले ही होता दिख रहा है।

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