(अनिल शर्मा, सिवनी)
अम्बर उदास है,
अवनि उदास है,
लौटता हुआ पक्षी,
बैठा है छतो पर
उदास आँखों के साथ
क्यों ?
कट गया फिर एक पेड़
जो उसका घर था
जो देता था अम्बर को ताज़ी हवा देता था अवनि को
एक मजबूत आधार
पर कौन सोचता है ये सब
सब लगे है करने में
अपने अपने हिस्से का
अत्याचार !