बादलों की लुका-छुपी के बीच तेज ठण्डी हवाओं ने सभी को हैरान कर रखा है। खासकर इस ठण्ड में टू व्हीलर चलाने वाले या फिर स्कूल – कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को अपने कानों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
नाक कान गले के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार कई बार लापरवाही में ये तेज हवा कान के पर्दों को नुकसान पहुँचा सकती है। ईएनटी विशेषज्ञों के पास भी इस समय गले में दर्द के साथ ही कान में दर्द के मरीज ज्यादा पहुँच रहे हैं। डॉक्टर्स भी सभी को ठण्ड से सबसे ज्यादा कानों को बचाने की सलाह दे रहे हैं।
जानकारों के अनुसार यदि लापरवाही बरती जाये तो ठण्ड कान में घुस सकती है और असहनीय दर्द उठ सकता है। कान के इस दर्द को नजर अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। कई बार सर्दी या जुखाम की वजह से भी कान में दर्द आरंभ हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ध्यान न दिया जाये तो कान से तरल पदार्थ का रिसाव आरंभ हो सकता है।
जानकारों का कहना है कि कान में दर्द होने पर तेल डाल लेना या फिर माचिस की तीली जैसी किसी चीज से कान को साफ करने की कोशिश करना बहुत आम है, लेकिन कई बार यह आदत घातक हो सकती है। इसलिये बेहतर होगा सर्दी के मौसम में कान की विशेष देखभाल की जाये और दर्द लंबे समय तक बना रहे तो किसी विशेषज्ञ को दिखायें। खासतौर पर बच्चों के मामले में यह सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। बैक्टीरिया और फंगस के कारण भी कान की बाहरी नली में संक्रमण या सूजन हो सकती है। इसमें कान को छूने, खींचने या कुछ चबाते समय दर्द होता है।
डॉक्टर को कब दिखायें रू यदि कान में दर्द से साथ खून या सफेद रंग का मवाद निकल रहा है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिये। इसी तरह कान में खुजली आम बात है, लेकिन यह लंबे समय से बनी हुई है तो खुद कोई उपचार न करें। यह किसी तरह का संक्रमण हो सकता है। यदि कान दर्द के साथ चक्कर भी आ रहे हैं तो लापरवाही न बरतें, तत्काल डॉक्टर को दिखायें।

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