भले ही चमगादड़ों को कई स्थानीय सभ्यताओं में अशुभ माना जाता है, लेकिन बिहार के वैशाली जिले के सरसई गांव व ऐतिहासिक वैशाली गढ़ में चमगादड़ों की न केवल पूजा होती है बल्कि लोगों का मानना है कि ये उनकी रक्षा भी करते हैं।
बहरहाल, हम आपको बिहार के इस गांव के बारे में नहीं बल्कि आॅस्ट्रेलिया के एक ऐसे अस्पताल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चमगादड़ों के मामले में काफी अनोखा है।
दरअसल, इस अस्पताल में चमगादड़ों का इलाज किया जाता है। जी हां, आपको जानकर भले ही आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन सच यही है।
आॅस्ट्रेलिया के एथर्टन शहर में स्थित टोल्गा बैट हॉस्पिटल में चमगादड़ों के बच्चों का इलाज किया जाता है।
इस हॉस्पीटल की तस्वीरों को पहली बार देखकर लोग ताज्जुब करते हैं कि इंसानों की तरह दुनिया में चमगादड़ों का भी अस्पताल है, जहां उनका इलाज होता है।
बता दें कि इस अस्पताल में चमगादड़ों के ऐसे बच्चों का इलाज किया जाता है जो पैरालाइसिस के शिकार हो चुके होते हैं या फिर जिनकी मां नहीं है।
वहीं, ऐसे बच्चों को भी भर्ती किया जाता है जिनकी मां उन्हें पालने में सक्षम नहीं होती। इलाज के पश्चात इन बच्चों को चमगादड़ों वाले पार्क में छोड़ दिया जाता है।

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