हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का शुल्क एवं सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQ) के बारे में जानिए

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। केंद्र सरकार के द्वारा हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) की अनिवार्यता तो कर दी है, पर इसकी कीमत का निर्धारण नहीं किए जाने से अलग अलग राज्यों में इसकी कीमत अलग अलग हो सकती है।

औसत रूप से देखा जाए तो दो पहिया वाहनों के लिए यह 400 रूपए से 700 रूपए के बीच एवं चार पहिया वाहनों के लिए इसकी कीमत सात सौ से 14 सौ रूपए के बीच हो सकती है।

एचएसआरपी और सामान्य नंबर प्लेट में क्या अंतर है?

इसके अलावा, एचएसआरपी नंबर प्लेट की कई खासियतें होती हैं जो एक सामान्य नंबर प्लेट में नहीं होतीं-

एचएसआरपी पूरी तरह एल्युमीनियम से बना है और इसमें दो ऐसे सुरक्षा लॉक लगे होते हैं जिनका दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। साथ ही इससे छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती। इसका मतलब यह है कि एक बार अगर यह लॉक टूट जाए, तो आप नंबर प्लेट को दोबारा नहीं लगा सकते हैं और केवल अधिकृत रिटेलर से ही आपको यह नया खरीदना होगा।

नंबर प्लेट में बाईं ओर क्रोमियम-आधारित अशोक चक्र लगा होता है।

पिन लेजर एनकोडेड है इसलिए इसे आसानी से स्कैन किया जा सकता है और इसे टैम्पर प्रूफ भी बनाया जाता है।

पुराने नंबर प्लेट के उलट, इसमें फोंट और स्टाइल एक जैसे होते हैं।

ईंधन के प्रकार को दर्शाने के लिए एचएसआरपी को कलर-कोडेड स्टिकर के साथ भी जोड़ा जाना है।

उच्च सुरक्षा वाले नंबर प्लेट और सामान्य नंबर प्लेट के बीच ये कुछ अंतर हैं।

एचएसआरपी अनिवार्य होने के कारण, सभी वाहन मालिकों के पास अपना नया नंबर प्लेट लगाने के लिए, लगभग एक साल का समय होता है। हमारा सुझाव है कि अंतिम समय की हड़बड़ी से बचने के लिए आप इसे जल्द से जल्द लगा लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

क्या मैं मध्य प्रदेश से ऑनलाइन आवेदन कर सकता हूं?

एचएसआरपी ऑनलाइन पंजीकरण केवल उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्यों में उपलब्ध है। यदि आप इन दो राज्यों से नहीं हैं, तो आप अपना एचएसआरपी नंबर प्लेट पाने के लिए अपने आरटीओ पर जा सकते हैं।

एचएसआरपी न लगवाने पर कितना जुर्माना है?

एचएसआरपी न होने पर, आपसे 5,000 से लेकर 10,000 रुपये तक का ज़ुर्माना वसूला जा सकता है।

अपनी बाइक की नई नंबर प्लेट लेने के लिए मुझे कितना भुगतान करना होगा?

आपको नए नंबर प्लेट के लिए 500 रुपये देना होगा। इसमें 400 रुपये एचएसआरपी के लिए और 100 रुपये कलर-कोडिंग के लिए है।

यदि मैं नया व्हीकल ख़रीददता हूं, क्या वह डीलरशिप से एचएसआरपी के साथ आएगा?

सरकार ने देश के सभी आरटीओ को अनिवार्य रूप से पंजीकृत वाहनों के लिए एचएसआरपी प्रदान करने को कहा है। इसी के परिणाम स्वरूप अप्रैल 2019 के बाद बिकने वाले सभी नए वाहनों में एचएसआरपी दी जाने लगी है। यदि आप नई कार या बाइक खरीदने के बारे में किसी डीलर से बातचीत कर रहे हैं तो ये जरूर सुनिश्चित करें की तय की गई प्राइस में इंस्टॉलेशन चार्जेज़ जरूर शामिल हों।

मेरे मौजूदा वाहन के लिए क्या मुझे एचएसआरपी ऑनलाइन ऑर्डर करना चाहिए या फिर डीलरशिप से लेना चाहिए?

यह दोनों ही ऑप्शंस आपके लिए उपलब्ध हैं, हालांकि यह सुविधा राज्य वाइज अलग-अलग है। कुछ राज्य डीलरों को ग्राहकों से ऑफलाइन बुकिंग लेने की भी अनुमति दे रहे हैं। वहीं, अगर आपके पास समय है और आपके राज्य में ऑफलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है तो ऐसे में आप नई रजिस्ट्रेशन प्लेट डीलरशिप से भी ले सकते हैं।

जिन लोगों ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन करवाया है वह बुकमायएचएसआरपी.कॉम पर जाकर एचएसआरपी की होम डिलीवरी भी करवा सकते हैं। इसके लिए ग्राहकों को वेबसाइट पर व्हीकल की डिटेल्स और शिपिंग एड्रेस भरना होगा। यह वेबसाइट नंबर प्लेट को ऑनलाइन बुक करने, फिटमेंट लोकेशन सिलेक्ट करने और अपॉइंटमेंट बुक करने का ऑप्शन भी देती है। यदि आप इस वेबसाइट के जरिए नंबर प्लेट बुक करते हैं तो आपकी नंबर प्लेट दिए गए टाइम स्लॉट के अंदर अंदर तैयार हो जाएगी, जिसके बाद आप उसे ऑथोराइज़्ड जगह से इंस्टाल करवा सकेंगे। हालांकि, यह सुविधा केवल दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पंजीकृत वाहनों के लिए ही उपलब्ध है।

यहां ध्यान देने बात ये है कि बहुत से राज्य के परिवहन विभागों ने अपने एचएसआरपी और फिटमेंट स्लॉट को ऑनलाइन बुक करने के लिए यूज़र्स के लिए अपनी नई सुविधा शुरू की है। एक सही वेबसाइट खोजने के लिए आप ‘एचएसआरपी ऑनलाइन में “राज्य का नाम” सर्च करके और जहां आपका वाहन पंजीकृत है उसमें उस राज्य का नाम लिख सकते हैं।

यदि मेरा वाहन एक राज्य में पंजीकृत है, लेकिन मैं दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो गया हूं, तो ऐसे मैं एचएसआरपी कैसे ऑर्डर कर सकता हूं?

अफसोस की बात है कि इसे लेकर कोई दूसरा आसान ऑप्शन नहीं है। केवल आरटीओ ही एचएसआरपी जारी करने के लिए अधिकृत है। ऐसे में जो ओनर्स अपनी कार को रजिस्ट्रेशन स्टेट की बजाए किसी दूसरे राज्य में इस्तेमाल कर रहे हैं उनको दो ऑप्शंस मिलते हैं जिसमें यह शामिल हैं : वह रजिस्ट्रेशन स्टेट में जाकर एचएसआरपी इंस्टॉल करवा सकते हैं या फिर गाड़ी को स्टेट रजिस्ट्रेशन फीस देकर किसी दूसरे में ट्रांसफर कर सकते हैं और एचएसआरपी जारी करवा सकते हैं।

क्या डीलर नंबर प्लेट इंस्टॉल करवाने के लिए एक अलग अमाउंट चार्ज करेगा, भले ही मैंने ऑनलाइन शुल्क का भुगतान किया हो?

यदि आप एचएसआरपी फीस ऑनलाइन दे चुके हैं तो ऐसे में आपको नंबर प्लेट इंस्टॉल करने के लिए ऑथोराइज़्ड डीलरशिप्स पर कुछ भी अतिरिक्त अमाउंट नहीं देना होगा। एचएसआरपी की कीमत टू-व्हीलर्स के लिए 600 रुपए है जो 1,100 रुपए (फोर-व्हीलर) तक जाती है। यह कीमत राज्य अनुसार अलग-अलग हो सकती है। इसमें आरटीओ में लगने वाली इंस्टॉलेशन कॉस्ट और ऑथोराइज़्ड डीलर को दी जाने वाली कॉस्ट शामिल है।

क्या मुझे ईवी के लिए भी एचएसआरपी चाहिए होगी?

सभी व्हीकल्स के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगवाना अनिवार्य हो गया है। चाहे गाड़ी पेट्रोल, डीजल या फिर इलेक्ट्रिक हो, भारतीय सड़क पर चलने वाले सभी व्हीकल में एचएसआरपी का होना जरूरी है।

क्या एचएसआरपी बुकिंग वेबसाइट पर बिलिंग पता वही होना चाहिए जो वाहन आरसी में लिख हुआ है?

इसकी आवश्यकता नहीं है। यूज़र्स एचएसआरपी बुकिंग पोर्टल पर कोई भी पता लिख सकते हैं। एचएसआरपी बुकिंग वेबसाइट पर बिलिंग पता वही होना चाहिए जो व्हीकल रजिस्ट्रेशन एड्रेस में हो, ऐसा कुछ भी जरूरी नहीं है।

क्या मैं एचएसआरपी के लिए कैश दे सकता हूं ?

यदि आपके राज्य ने अधिकृत डीलरशिप के जरिये एचएसआरपी के लिए ऑफ़लाइन बुकिंग स्वीकार कर दी है, तो आप भुगतान कैश में कर सकते हैं। वहीं, यदि आपके राज्य में केवल ऑनलाइन बुकिंग ही स्वीकार्य है तो ऐसे में आप नेट बैंकिंग, कार्ड और यूपीआई जैसे ऑनलाइन पेमेंट मोड भी चुन सकते हैं।

सभी बुकिंग पोर्टल्स पर एचएसआरपी के साथ बेचे जाने वाले कलर स्टिकर क्या हैं? क्या इन स्टिकर को चिपकाना अनिवार्य है?

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के हर सेट के साथ यूज़र को कलर कोडेड स्टिकर की जरूरत भी पड़ती है जिसको उन्हें कार की फ्रंट विंडशील्ड पर पेस्ट करना होता है। इस स्टिकर की कीमत 100 रुपए होती है और इसे एचएसआरपी के साथ खरीदा जा सकता है। स्टिकर का कलर कोड व्हीकल के फ्यूल ऑप्शन से मैच करता है। उदाहरण के तौर पर पेट्रोल और सीएनजी कारों के साथ ब्लू स्टिकर, डीजल कारों के साथ ऑरेंज और इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ ग्रीन स्टिकर दिया जाता है।  इसके अलावा बीएस6 व्हीकल्स के साथ स्टिकर के टॉप पर ग्रीन लाइन दी गई होती है जो नए एमिशन स्टैंडर्ड नॉर्म्स को दर्शाती है। अनुमान है कि यह स्टिकर फ्यूल टाइप के अनुसार कार को ट्रैक करने में सरकार की मदद कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर दस साल से ज्यादा पुरानी डीजल कारों को दिल्ली की सड़कों पर नहीं चलाया जा सकता है। वर्तमान में इस नियम को लागू करना मुश्किल है क्योंकि यातायात पुलिस को फ्यूल टाइप की जांच करने के लिए कारों को रोकना पड़ता है। विंडशील्ड पर फ्यूल स्टिकर्स चिपका कर इस नियम को आसान बनाया जा सकता है।

मैंने मेरा पुराना एचएसआरपी खो दिया है। क्या मैं सिंगल प्लेट ऑर्डर कर सकता है?

एचएसआरपी को पेयर में ऑर्डर किया जा सकता है। यदि आप सिंगल प्लेट को रिप्लेस करवाना चाहते हैं तो ऐसे में आपको पूरा पेयर ऑर्डर करना होगा और नई प्लेट को बाकी दोनों प्लेट से रिप्लेस करना होगा।

एचएसआरपी को इंस्टॉल करने की भुगतान तिथि क्या है? यदि मैं ऐसा करने में विफल रहता हूं तो कितना जुर्माना है?

वर्तमान में सभी राज्यों ने एचएसआरपी नियम ना अपनाने में फाइन लेना शुरू नहीं किया है। हालांकि, जिन राज्यों में एचएसआरपी नियम लागू है, वहां जुर्माना और भुगतान तिथि में अंतर है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट ना लगवाने पर 5500 रुपए का जुर्माना है। वहीं, यूपी में नई एसओपी गाइडलाइन जारी की गई है जिसके अनुसार पुराने वाहनों में एचएसआरपी जुलाई 2022 तक फिट करवाना अनिवार्य है। जबकि, चंडीगढ़ के व्हीकल ओनर्स को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए 30 सितंबर 2021 तक की समयसीमा दी गई है। इस तारीख से पहले उनसे कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा।

मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत एचएसआरपी और कलर कोडेड स्टिकर ना लगवाने पर व्हीकल्स ओनर्स के लिए जुर्माना 5000 रुपए से लेकर 10,000 रुपए के बीच है। हालांकि, अमाउंट का फैसला लेने की छूट केवल स्टेट ट्रैफिक डिपार्टमेंट को ही है।  फाइन अमाउंट राज्य अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।

यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि एचएसआरपी नियम लगातार बदल रहे हैं और यह राज्य अनुसार अलग-अलग हैं। सरकार भी एचएसआरपी पोर्टल को सुधार रही है और और नई नई गाइडलाइंस जारी कर रही है जिससे नए रजिस्ट्रेशन प्लेट सिस्टम को आसान बनाया जा सकेगा।