खाक अच्छा है साहब . . .

सुबह-सुबह साहब बाग में टहल रहे थे कि उनके एक डाक्टर दोस्त मिल गए और बोले, सुबह-सुबह बाग में घूमना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।

खाक अच्छा है। साहब झल्लाकर बोले।

डाक्टर दोस्त ने पूछा, आप नाराज क्यों हो रहे हैं? क्या बात है?

साहब बोले, अरे, मैं तो रात से ही यहां घूम रहा हूं। पत्नी ने रात से दरवाजा नहीं खोला।

(साई फीचर्स)