समय पर भुगतान नहीं, ब्याज चला जाता है आधा वेतन

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। राष्ट्रीय पर्व हो या धार्मिक त्यौहार, अस्थायी दैनिक वेतन भोगी,  आॅउटसोर्स कर्मी, संविदा कर्मी, अतिथि शिक्षक, सफाई कर्मी आदि कर्मचारी जो सरकारी काम 8 हजार से 19 हजार रुपए मासिक वेतन पर करते हैं, किंतु समय पर भुगतान नहीं होने से इनकी आधी पगार ब्याज में चली जाती है। इनकी परेशानी और शोषण का कारण सरकारी नीतियाँ होती हैं।

उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुए रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने बताया कि लाखों रुपए मासिक वेतन पाने वाले मंत्री, सांसद, विधायक, उच्च अधिकारी आदि को महीने की एक से लेकर 5 तारीख तक वेतन मिल जाता है। किन्तु मात्र 8 हजार रुपए से लेकर 19 हजार रुपए वेतन पाने वाले अस्थायी कर्मी, आॅउटसोर्स कर्मी, संविदा कर्मी, अतिथि शिक्षक,  दैनिक वेतन भोगी कर्मी सफाई कर्मी आदि को दो या तीन महीने बाद भुगतान किया जाता है। इन कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने से ये लोग परिवार पालन के लिए 10 से लेकर 25 प्रतिशत मासिक ब्याज दर पर कर्ज लेते हैं। वेतन मिलने पर इनका आधा वेतन ब्याज देने में खत्म हो जाता है। वेतन भुगतान में अधिक देरी होने पर इन कर्मचारियों को साहूकार अपमानित भी करते हैं। कभी-कभी मारपीट की जाती है।

रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने आगे बताया कि ऐसे अल्प वेतन भोगी अस्थायी कर्मचारियों की संख्या पूरे देश में कई करोड़ है। इनकी दर्दनाक हालत को सभी मंत्री, सांसद, विधायक, बड़े अधिकारी आदि जिम्मेदार लोग जानते हैं। इसके बाद भी ये जिम्मेदार लोग पीड़ित कर्मचारियों को समय पर भुगतान नहीं कराते हैं। यह सरकारी शोषण की शर्मनाक हरकत है। क्या यही विकसित भारत की तस्वीर है?