सिवनी में हुई जघन्य सामूहिक गोहत्या का उचित संज्ञान ले सरकार : स्वामी सदानंद सरस्वती

(ब्यूरो कार्यालय)

झोतेश्वर (साई)। सिवनी में मिले गायों के शवों के संबंध में सनातन धर्म के अनुयायी न केवल बुरी तरह आहत हैं, वरन उनमें रोष और असंतोष भी व्याप्त है। इस संबंध में शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के द्वारा भी घटना की निंदा करते हुए सरकार से उचित संज्ञान लेने की बात कही है।

जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि सिवनी में विगत दिनों हुई सामूहिक गो हत्या का प्रकरण उनके सामने आया। इस प्रकरण ने उन्हें बहुत हार्दिक आघात दिया। समस्त हिंदू समाज इससे दुखी हुआ। इस तरह सामूहिक हत्या किसी भी जीव की होती वह अनुचित थी। यहां गाय पर आघात करने का कारण क्या था? वह विचारणीय है। जैसा की जांच कमेटी का कहना है एक वर्ग विशेष के द्वारा गाय खरीद कर समूह हत्या कर जगह-जगह अपमानित करते हुए उन्हें फेंका गया तो यह कार्य गोमांस खाने के लिए नहीं किया गया बल्कि इसके पीछे और ही बात है। इस पर अब मात्र गहन विचार ही नहीं अपितु कठोर कार्रवाही सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सद्गुरुदेव द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज की जन्मस्थली सिवनी जनपद है। उनके दिव्य प्रभाव का ही असर है कि सिवनी की जनता ने गोहत्यारों के विरुद्ध जो एकजुटता दिखाई वह सर्वत्र अनुकरणीय है।

उन्होंने आगे कहा कि विगत लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा के पक्ष में पूरी उन्नतीस सीटें देकर जो आश्चर्यजनक कार्य किया है, कहीं उसका ही यह कारण तो नहीं कि अब सरकार और हिंदू मतदाता को चिढ़ाने के लिए यह कार्य किया गया है? जिस तरह अब हिंदू, मुसलमान का विभाजन करके चुनाव हो रहे हैं उसके गम्भीर परिणाम का प्रारम्भ होता इस प्रकरण में दिख रहा है। हिंदू मानबिंदुओं की रक्षा का दायित्व प्रदेश सरकारों और केंद्रीय सरकार को लेना ही होगा क्योंकि हिंदू वोट शत-प्रतिशत भाजपा को मिला है।

जगतगुरू ने आगे कहा कि इस प्रकरण को करने वाले तो पकड़ लिये गये हैं किंतु इतने मात्र से ही इतिकर्तव्यता नहीं हो जाती। इसके पीछे किसकी मानसिकता है! किसने यह जघन्य कार्य करने प्रेरित किया यह जानना आवश्यक है। अभी सरकार ने सिवनी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाया है किंतु यह समस्या का समाधान नहीं। जब तक आरोपियों को कठोर सजा नहीं दी जाएगी यह बात हिंदुओं को कष्ट देती रहेगी। न्यायवेत्ता अभियुक्त की मानसिकता और उद्देश्य समझ कर सजा तय करते हैं।

यहां जारी विज्ञप्ति में जगतगुरू ने आगे कहा कि यहां अभियुक्तों की मानसिकता गायों की जाघन्य सामूहिक हत्या कर देश में दंगा करने की है। इसके अलावा केंद्रीय भाजपा को शत प्रतिशत सीट देने पर मध्य प्रदेश को सबक सिखाने की है। इस पर राष्ट्रद्रोह की धारा के अंतर्गत अभियुक्तों को सजा तय होनी चाहिए। सजा के पात्र कलेक्टर या पुलिस अधीक्षक नहीं गो हत्या करने वाले लोग हैं। इस प्रकरण का पूर्ण पटाक्षेप तभी होगा जबकि अभियुक्तों पर सामूहिक हत्या के लिए कठोर दण्ड सुनिश्चित होगा। चूंकि  उच्चस्तरीय जांच एजेंसियों को लगाया गया है किंतु इनका कर मात्र आरोपियों को पकड़ना नहीं अपितु इस प्रकरण के पीछे जो साजिशकर्ता हैं उनका भी पर्दापाश करना होना चाहिए।

स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने आगे कहा कि बतौर हिंदू समाज के धर्मार्चार्य होते हुए इस प्रकरण पर बेबाक बोलने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता। अब न्याय करना और न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए वरना हिंदू अगर बागी हुआ तो सरकार को ही खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने इसका समाधान देते हुए कहा कि गाय को राष्ट्रमाताका दर्जा दिया जाय। संविधान और कानून जाने से न केवल भाजपा अपितु सभी राजनीतिक दलों की भी जवाबदेही बन सकेगी। अब सरकार को यह चुनौती स्वीकार करनी ही होगी वरना सरकार आगे भी मध्यप्रदेश और देश में होने वाली दुर्घटनाओं के लिए तैयार रहे।

जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने आगे कहा कि समाचार पत्रों और विभिन्न संचार साधनों से यह प्रकरण देशव्यापी हो चुका है। इस पर उचित निर्णय सरकार के लिए लाभप्रद एवं इसकी अनदेखी करना अहितकर होगा। अगर इस तरह की पुनरावृत्ति होती है तो शीतयुद्ध जैसा वातावरण बनने लगेगा इसलिए इसे गंभीरता से लेते हुए इस तरह का कार्य हो कि कोई दुबारा ऐसे करने की सोच भी ना सके। सनातन वैदिक मान्यता है – गाय चलता फिरता देवता है। घर-घर में भले गाय न हो पर गाय के प्रति श्रद्धा सभी के मन में है। उन्होंने कहा कि वे इसलिए बार-बार आगाह कर रहे हैं कि इस प्रकरण को गंभीरता से लिया जाये।