करोड़ों के गोलमाल के मामले में नप सकते हैं सिवनी के पूर्व सीएमएचओ डॉ. राजेश श्रीवास्तव

सिंगरोली में पदस्थापना के दौरान करोड़ों के वारे न्यारे करने की शिकायत हुई थी लोकायुक्त में, संचालनालय ने उठाया कठोर कदम

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। सिवनी में पदस्थ रहे प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव का शनि एक बार फिर भारी होता दिख रहा है। सिंगरोली में उनकी पदस्थापना के दौरान करोड़ों रूपयों की हेराफेरी के संबंध में स्वास्थ्य संचालनालय ने उनके खिलाफ जांच तेज कर दी है।

स्वास्थ्य संचालनालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मूलतः शल्य क्रिया विशेषज्ञ डॉ. राजेश श्रीवास्तव जब सिंगरोली जिले में 2016 – 2017 में बतौर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी पदस्थ थे, उस दौरान उनके द्वारा करोड़ों की वित्तीय अनियमितता की शिकायतें विभागीय स्तर पर होने के बाद भी सियासी हल्कों में उनका इकबाल बुलंद होने के चलते उनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही नहीं हो सकी थी।

सूत्रों का कहना है कि डॉ. राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ जब कार्यवाही नहीं हुई तब किसी के द्वारा लोकायुक्त में उनकी शिकायत की गई। लोकायुक्त के प्रतिवेदन के उपरांत संचालनालय हरकत में आया और 14 जून को एक पत्र लिखकर डॉ. राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। इस पत्र में जिला चिकित्सालय सिवनी में पदस्थ शल्य क्रिया विशेषज्ञ डॉ. राजेश श्रीवास्तव को 15 दिन का समय प्रदाय किया गया था ताकि वे अपना पक्ष जांच समिति के समक्ष रख सकें। यह मियाद भी 30 जून को समाप्त हो चुकी है।

सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि 14 जून को भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि पत्र प्राप्ति से तीन दिन के अंदर आरोप पत्र के साथ अभिलेख आदि का अवलोकन किया जा सकता है अन्यथा वह अवसर भी समाप्त किया जा सकता है।

संचालनालय के सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि सियासी हल्कों में अपने संपर्कों का जमकर लाभ उठाकर सीएमएचओ का प्रभार बार बार उपभोग करने वाले डॉ. राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ अब स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारियों ने कठोर कार्यवाही करने का मन बना लिया है। यही कारण है कि डॉ. श्रीवास्तव को 14 जून को भेजे गए पत्र की कंडिका नंबर दो में इस बात को स्पष्ट तौर पर उल्लेखित किया गया है कि बचाव पक्ष अर्थात उनके द्वारा निर्धारित समयावधि 15 दिवस अर्थात 30 जून के उपरांत संचालनालय के द्वारा डॉ. राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही करने का निर्णय लिया जा सकेगा।

सूत्रों ने कहा कि इस मामले में प्रकरण की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि तत्कालीन प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं वर्तमान में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी में बतौर शल्य क्रिया विशेषज्ञ पदस्थ डॉ. राजेश श्रीवास्तव को इस पत्र की तामीली के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के बजाए क्षेत्रीय संचालय, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर को पाबंद किया गया है।

(क्रमशः जारी)