मंगलवार से आरंभ हो रहा है तीज त्यौहारों को अपने दामन में सहेजने वाला भाद्रपद महीना
सनातन धर्म के हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण महीना के बाद भाद्रपद माह आरंभ हो जाता है। ये छठवां महीना माना जाता है। श्रावण महीना की पूर्णिमा तिथि यारी रक्षाबंधन होते ही भाद्रपद की प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाती है। भाद्रपद को भादो महीना भी कहा जाता है। इसके साथ ही ये चातुर्मास के चार में से दूसरा माह होता है। भाद्रपद महीना में हिंदू धर्म के अनेक बड़े व्रत-त्योहार पड़ते हैं। इस माह में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, कजरी तीज, हरतालिका तीज, गणेशोत्सव, अजा एकादशी, ऋषि पंचमी जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। इस माह में स्नान-दान के साथ-साथ ध्यान करना काफी अच्छा माना जाता है। आइए जानते हैं भाद्रपद महीना कब से हो रहा है आरंभ? साथ ही जानें अन्य जानकारियों के बारे में।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस पवित्र महीने में भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री गणेश जी की जन्म तिथि होने के कारण इसका विशेष महत्त्व होता है। भादों में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र में कान्हा का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण जयंती पर बाल गोपाल के आगमन के लिए मंदिरों और घरों में विशेष साज-सजावट की जाती है, छप्पन भोग बनाए जाते हैं, कीर्तन किए जाते हैं।
यह महीना आमतौर पर अगस्त या सितंबर में पड़ता है। यह विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें भगवान गणेश को समर्पित गणेश चतुर्थी और भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने वाली कृष्ण जन्माष्टमी शामिल है। इस महीने में पितृ पक्ष की शुरुआत भी होती है।
वैसे भाद्र एक संस्कृत शब्द है और इसका अर्थ है कल्याण। इस महीने में भद्रा के जल्दी आने यानि अच्छे परिणाम देने के कारण इसे भाद्र महीना कहा जाता है। यह महीना संयम, व्रत, उपवास, नियम और निष्ठा रखने के लिए जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यह महीना अपनी गलतियों के प्रायश्चित के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। आइए जानते हैं इस महीने में किन नियमों का पालन करना चाहिए और किन नियमों से बचना चाहिए।
भाद्रपद महीना 2024 प्रारंभ और समापन तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीना के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 20 अगस्त को रात 8 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में भाद्रपद माह 20 अगस्त से आरंभ हो रहा है, जो 17 सितंबर 2024 को समाप्त होगा। इसी दिन भाद्रपद पूर्णिमा है और इस दिन से पितृ पक्ष भी आरंभ हो जाएंगे। वैदिक ज्योतिष में भादो का महीना सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है और आमतौर पर साल का पांचवां महीना होता है।
इस महीने में गणपति बप्पा का जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। खासकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाता है. बप्पा का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है. मान्यता है कि गणपति बप्पा को इस दिन अपने घर में लाकर विराजमान करने से वे अपने भक्तों के विध्न, बाधाएं दूर करते हैं। विघ्नहर्ता गणेश की स्थापना शुभ मुहूर्त के हिसाब से की जाती है।
भादों में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र में कान्हा का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण जयंती पर बाल गोपाल के आगमन के लिए मंदिरों और घरों में विशेष साज-सजावट की जाती है, छप्पन भोग बनाए जाते हैं, कीर्तन किए जाते हैं।
आईए जानते हैं भाद्रपद महीना का महत्व
हिंदू धर्म में भाद्रपद महीना का विशेष महत्व है। इस महीने में भगवान गणेश के साथ-साथ श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। इसके अलावा इस माह में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने का विशेष महत्व है। इस महीने में स्नान दान के साथ-साथ कुछ नियमों का पालन करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
आईए इस भादपद महीने में पड़ने वाले त्यौहारों के बारे में,
मंगलवार 20 अगस्त को भाद्रपद माह प्रारंभ, भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा तिथि होगी। ब्रहस्पतिवार 22 अगस्त को कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, हेरंब संकष्टी चतुर्थी, सोमवार 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, ब्रहस्पतिवार 29 अगस्त को अजा एकादशी, शनिवार 31 अगस्तको शनि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।
सितंबर माह में रविवार 1 सितंबर को मासिक शिवरात्रि, सोमवार 2 सितंबर को सोमवती अमावस्या, पिठोरी अमावस्या, शुक्रवार 6 सितंबर 2024 को वराह जयंती, हरतालिका तीज, गौरी हब्बा, शनिवार 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी, रविवार 8 सितंबर 2024 को ऋषि पंचमी, मंगलवार 10 सितंबर 2024 को ललिता सप्तमी, बुधवार 11 सितंबर 2024 को राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आरंभ, मासिक दुर्गाष्टमी, शनिवार 14 सितंबर 2024 को परिवर्तिनी एकादशी, रविवार 15 सितंबर 2024 को वामन जयंती, भुवनेश्वरी जयंती, ओणम, कल्कि द्वादशी, प्रदोष व्रत, सोमवार 16 सितंबर 2024 को विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति इसी दिन भगवान भास्कर अर्थात सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश होगा एवं मंगलवार 17 सितंबर 2024 को गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी, पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी।
आईए जानते हैं कि भाद्रपद महीने में किन चीजों का रखे विशेष ध्यान रखना चाहिए।
हिंदू शास्त्र के अनुसार भादों के महीने में गुड़, दही और उससे बनी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ये चीजें सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। भादों में गुड़, दही खाने से पेट संबंधित समस्या होती है। भादों के महीने में तामस तत्व को बढ़ने वाले खाद्य पदार्थ जैसे लहसुन, प्याज मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए क्यों कि भादों का महीना भक्ति और मुक्ति का माह माना जाता है।
भाद्रपद महीने में किन चीजों का रखे विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, हिंदू शास्त्र के अनुसार भादों के महीने में गुड़, दही और उससे बनी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ये चीजें सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। भादों में गुड़, दही खाने से पेट संबंधित समस्या होती है। भादों के महीने में तामस तत्व को बढ़ने वाले खाद्य पदार्थ जैसे लहसुन, प्याज मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए क्यों कि भादों का महीना भक्ति और मुक्ति का माह माना जाता है।
भाद्रपद माह में कच्ची चीजें खाने से बचें। दही खाने से बचें, क्योंकि दही खाने से स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इस दौरान गुड़ का सेवन करने से गले से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। भाद्र महीना में किसी के द्वारा दिया गया चावल खाने से लक्ष्मी कम हो जाती है। भोजन में नारियल तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए, इससे आनन्द कम हो जाता है। तिल के तेल का सेवन भी वर्जित है, इससे आयु घटती है।
इस माह में अगर आप देवाधिदेव महादेव ब्रम्हाण्ड के राजा भगवान शिव की अराधना करते हैं तो भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। अगर आप भोलेनाथ के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में हर हर महादेव लिखना न भूलिए।
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