बैंक सखी बनकर फरीन खान बैंकिंग सुविधाओं का कर रही विस्तार

महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाऐं संचालित की जा रही है। जिसमें राज्य आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित बैंक सखी अनूठी पहल है। बैंक सखी बनकर महिलाएं न केवल गांव-गांव तक बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार कर रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रही हैं।

ऐसा ही उदाहरण सिवनी जिले की ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर निवासी फरीन खान का भी है। जिन्होंने जय संतोषी स्व-सहायता समूह से जुड़कर बैंक सखी का कार्य प्रारंभ किया है। बैंक सखी फरीन बताती है कि उन्होंने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से बैंक सखी कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा विभाग के सहायोग से ही मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक द्वारा अपनी पंचायत के लिए बीसी पांईन्ट प्राप्त किया है।

फरीन बताती है कि बैंक सखी बनकर वह अपने ग्राम के ग्रामीणों को बैंकों से जुड़ी सभी सुविधाएं जैसे बैंक खाता खुलवाना, पेंशन, मनरेगा का भुगतान आदि करना जैसे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराकर अच्छी आय प्राप्त कर रही है। जिससे ग्रामीणों की समय की बचत हो रही है। बैंक सखी का कार्य कर फरीन खान प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूपये की आय आसानी से प्राप्त कर एक बेहतर जीवन यापन कर रही है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण परिवेश में उनकी अलग पहचान बनी है। जिसके लिए वह प्रदेश शासन एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद देते नही थक रहीं।

(साई फीचर्स)