दीवाली वाली अमावस्या की स्याह रात को होता है जबर्दस्त तरीके से तंत्र मंत्र . . .
आप देख, सुन और पढ़ रहे हैं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज के धर्म प्रभाग में विभिन्न जानकारियों के संबंद्ध में . . .
कार्तिक महीने की अमावस्या की स्याह रात में रोशनी करने का रिवाज बहुत पुराना हैं। माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी भ्रमण पर निकलती हैं और जिसके घर रोशनी दिखती है वहां वे प्रवेश अवश्य करती हैं। इसी के साथ ही साथ दीपावली की अंधेरी रात को तंत्र मंत्र की रात भी माना जाता है। इस रात तंत्र मंत्र करने वाले तांत्रिक आदि सक्रिय हो जाते हैं। आईए आज इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
अगर आप भगवान विष्णु जी एवं माता लक्ष्मी जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय विष्णु देवा, जय माता लक्ष्मी एवं हरिओम तत सत लिखना न भूलिए।
दीवाली ऐसा त्योहार है जिसका सभी को पूरे साल बेताबी से इंतजार रहता है। दीवाली पूरे 5 दिन का उत्सव रहता है जो कि धनतेरस से लेकर भाई दूज तक मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन लंका विजय कर प्रभु राम 14 वर्ष की वनवास काल के बाद अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने दीप माला जलाकर अमावस्या की रात्रि प्रभु राम का स्वागत किया था। कार्तिक अमावस्या की रात जहां एक तरफ लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस दिन तांत्रिक लोग देर रात्रि श्मशान घाट पर जाकर तंत्र मंत्र की साधना में भी लीन रहते हैं। तंत्र विद्या सीखने वाले तांत्रिक इस दिन का बेसब्री से इंतजार भी करते हैं।
इस आलेख को वीडियो को साई न्यूज में देखने के लिए क्लिक कीजिए . . .
https://www.youtube.com/watch?v=sQXRz3W9SoM
हिंदू धर्म में तरह तरह की विद्याओं और विधियों का प्रचलन है। इन्हीं में से एक है तांत्रिक विद्या भी है। जिसे काला जादू भी कहा जाता है। हालांकि इसका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि तंत्र विद्या का प्रयोग किसी काम में जल्दी सफलता पाने या किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। रामचरित मानस के अनुसार सभी तरह का काला जादू या तंत्र विद्या धर्म के विरुद्ध है। इसे तांत्रिक, अघोरी और बाबा आदि करते हैं। अक्सर आपने देखा या सुना होगा कि जादू टोने और टोटकों की सिद्धि यानी तंत्र विद्या दीवाली की रात किसी शुभ मुहूर्त में की जाती है। तांत्रिक दीवाली की रात अपने तंत्र मंत्र की साधना करते हैं। अक्सर आपने देखा या सुना होगा कि टोने और टोटके यानी तंत्र विद्या की सिद्धि दीवाली, गुप्त नवरात्रि या किसी शुभ मुहूर्त की रात्रि में किया जाता है।
जानकार विद्वानों का मानना है कि वैदिक अथवा तांत्रोक्त अनेक ऐसे मंत्र हैं, जिसमें साधना करने के लिए अत्यंत सावधानी की जरूरत होती है। असावधानी से कार्य करने पर प्रभाव प्राप्त नहीं होता अथवा सारा श्रम व्यर्थ चला जाता है, परंतु शाबर मंत्रों की साधना या सिद्धि में ऐसी कोई आशंका नहीं होती। यह सही है कि इनकी भाषा सरल और सामान्य होती है।
कहा जाता है कि मंत्रों को पढ़ने पर ऐसा कुछ भी अनुभव नहीं होता कि इनमें कुछ विशेष प्रभाव है, परंतु मंत्रों का जप किया जाता है तो असाधारण सफलता दृष्टिगोचर होती है। कुछ मंत्र तो ऐसे हैं कि जिनको सिद्ध करने की जरूरत ही नहीं है, केवल कुछ समय उच्चारण करने से ही उसका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देने लगता है। यदि किसी मंत्र की संख्या निर्धारित नहीं है तो मात्र 1008 बार मंत्र जप करने से उस मंत्र को सिद्ध समझना चाहिए।
दूसरा तथ्य यह है कि शाबर मंत्रों की सिद्धि के लिए मन में दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति का होना आवश्यक है। जिस प्रकार की इच्छा शक्ति साधक के मन में होती है, उसी प्रकार का लाभ उसे मिल जाता है। यदि मन में दृढ़ इच्छा शक्ति है तो अन्य किसी भी बाह्य परिस्थितियों एवं कुविचारों का उस पर प्रभाव नहीं पड़ता।
जानिए धन प्राप्ति मंत्र के बारे में,
यह मंत्र महत्वपूर्ण है। इस मंत्र का जप दीवाली की अर्द्ध रात्रि को किया जाता है। यह साधना 22 दिन की है और नित्य एक माला जप होना चाहिए। अगर दीवाली पर नहीं कर सकें तो शनिवार या रविवार से इस प्रयोग को प्रारंभ किया जाना उचित रहता है। इसमें व्यक्ति को लाल वस्त्र पहनने चाहिए और पूजा में प्रयुक्त सभी सामान को लाल रंग में रंग लेना चाहिए। यदि दीपावली की रात्रि को इस मंत्र की 21 माला फेरे तो उसके व्यापार में उन्नति एवं आर्थिक सफलता प्राप्त होती। यह मंत्र है
ओम नमो पद्मावती पद्मनये लक्ष्मी दायिनी वांछाभूत प्रेत,
विंध्यवासिनी सर्व शत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि सिद्धि,
वृद्धि कुरू कुरू स्वाहा। ओम क्लीं श्रीं पद्मावत्यैं नमः।
सर्व कार्य सिद्ध मंत्र जानिए,
आर्थिक, व्यावसायिक या व्यापारिक दृष्टि से किसी भी प्रकार की सफलता एवं उन्नति के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है। 31 माला मंत्र जप करने पर यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। दीपावली की रात्रि को इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है। किसी भी प्रकार की माला का प्रयोग साधक कर सकता है। आसन किसी भी प्रकार हो सकता है। यदि रात्रि में इस मंत्र को सिद्ध किया जाए तो विशेष सफलता प्राप्त होती है।
ओम नमो महादेवी सर्वकार्य सिद्धकारिणी जो पाती पूरे,
विष्णु महेश तीनों देवतन मेरी भक्ति गुरु की शक्ति श्री,
गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरोमंत्र ईश्वरो वाचा।
बिक्री बढ़ाने का मंत्र जानिए,
व्यापार में बिक्री बढ़ाने का यह अद्भुत एवं अचूक मंत्र है। इसका प्रयोग अगर दीवाली को ना कर सकें तो मात्र रविवार के दिन ही किया जाता है।
किसी भी रविवार को प्रातः उठकर अपने हाथ में काले उड़द लेकर इस मंत्र का 21 बार जप करके उन उड़दों को व्यापार स्थल पर डाल दें, इस प्रकार केवल रविवार या दीवाली के करीब आने वाले रविवार को करें अर्थात् यह प्रयोग केवल रविवार के दिन ही किया जा सकता है। ऐसा करने पर उसके व्यापार में उन्नति होती है और आश्चर्यजनक रूप से बिक्री बढ़ती है।
भंवर वीर तूं चेला मेरा, खोल दुकान कहा कर मेरा, उठे,
जो डंडी बिकै जो माल भंवर वीर खाली नहीं जाय।
जानिए क्यों करते हैं तंत्र मंत्रों की सिद्धि?
जानकारों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात्रि में तांत्रिक शमशान घाट में तंत्र मंत्र की सिद्धि करते हैं। इस दिन लोग शत्रुओं पर विजय पाने, गृह शांति के लिए और लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के टोने टोटके करते हैं। तंत्र विद्या के अनुसार दीवाली की रात्रि पर कई अद्भुद शक्तियों की सिद्धि की जाती है।किंतु हमें तंत्र मंत्र और टोटके की सिद्धि करते समय ये अवश्य ध्यान रखना चाहिए की सदैव हम उन्ही मंत्रो का आश्रय लें जो कल्याणकारी और हितकारी हो। किसी को क्षति पहुंचाने के लिए किए गए टोटके और मंत्र सिद्ध हो जाते हैं किंतु वो हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ी के समस्त सुख को नष्ट कर देते हैं। इसका दुष्परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भोगना पड़ता है।
भूलकर भी न करें ये काम,
जानकारों की मानें तो भगवती मां सरस्वती सौम्यता और प्रेम का प्रतीक हैं। यह सदैव मानव का कल्याण करती हैं। इसलिए अमावस्या की इस रात्रि सदुपयोग करना चाहिए। हमें सनातन धर्म में वर्णित दिव्य अमोघ मंत्रो की सिद्धि और टोटकों का सिद्ध करना चाहिए। अपने निजी स्वार्थ के चलते दूसरे का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। तंत्र शास्त्र के अनुसार कार्तिक अमावस्या की रात्रि पर कई अद्भुद शक्तियों की सिद्धि की जाती है। हालांकि इस साधना के दौरान यदि भूल वश भी किसी का अहित नहीं करना चाहिए इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है।
दीवाली की रात काला जादू क्या होता है जानिए,
जानकारों के अनुसार काला जादू और टोना टोटका का उद्देश्य अपने स्वार्थ की पूर्ति करना होता है। जो पूरी तरह धर्म के विरुद्ध है। काले जादू का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना होता है, जबकि काले जादू का प्रयोग किसी के कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग दीवाली की रात कई तरह के काले जादू करते हैं। जिनमें से कुछ सात्विक होते हैं। वहीं, कुछ काले जादू ऐसे भी होते हैं जो किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं, जिनका धर्म से कोई लेना देना नहीं होता। ऐसे में अगर आप दीवाली की रात काला जादू या टोना टोटका कर रहे हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि इससे आपको फायदा तो हो, लेकिन किसी दूसरे को नुकसान न पहुंचे। चाहे वह आपका दुश्मन ही क्यों न हो।
कहा जाता है कि इससे मिलती हैं अद्भुत शक्तियां,
जानकारों के अनुसार दीवाली की रात को तांत्रिक श्मशान में तंत्र मंत्र करते हैं। इस दिन लोग अपने शत्रुओं पर विजय पाने, घर में शांति और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह की टोने टोटके करते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार दीवाली की रात को कई अद्भुत शक्तियां प्राप्त होती हैं। हालांकि, अगर इस साधना के दौरान कोई गलती हो जाए तो बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
सावधान रहें, काले जादू के नाम पर ऐंठा जाता है धन भी,
दीवाली की रात को लोग लोक जादू यानी काला जादू भी करते हैं। इसमें लोग अपने निजी स्वार्थ के चलते दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसमें दूसरों का भविष्य अंधकार में डाला जाता है। इसीलिए इसे काला जादू या टोना टोटका कहते हैं। तंत्र मंत्र जानने वाले लोग काला जादू करते हैं और लोगों से पैसे ऐंठते हैं।
क्या बंगाल का काला जादू इतना शक्तिशाली है!
दीवाली की रात लोग अक्सर सुखी जीवन जीने के लिए माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। ऐसे में आप दीवाली की रात गणेश और लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि विधान से करें। साथ ही अगर आप इस दिन धार्मिक पुस्तकें पढ़ते हैं तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको अपने सभी कार्यों में सफलता मिलती है। किसी भी काम को जल्दी करवाने के लिए लोग तंत्र मंत्र का सहारा लेते हैं। इसके लिए अक्सर बंगाल के काले जादू और यहां के तांत्रिकों का नाम सामने आता है। लेकिन क्या वाकई बंगाल का काला जादू इतना शक्तिशाली है कि तांत्रिक जो चाहें कर सकते हैं?
इस बारे में जानकारों का कहना है कि बंगाल में काली पीठ है, जो भयंकर शक्तियों की तंत्र देवी हैं। पहले बंगाल में तांत्रिक ज्यादा हुआ करते थे। आजकल बड़े तांत्रिक नहीं बचे हैं। छोटे मोटे ओझा हैं जो हल्की फुल्की साधना करते नजर आते हैं। उन्होंने बताया कि पहले बंगाल में बड़े बड़े तांत्रिक हुआ करते थे। वे तंत्र के विभिन्न अंगों पर भिन्न भिन्न प्रकार की गतिविधियाँ करते थे।
जानिए तंत्र कितने प्रकार का होता है, जानकार बताते हैं कि तंत्र छः प्रकार का होता है,
पहला होता है मारण, काली विद्या के सहारे किसी को मारने का प्रयोग करना। इसमें शमशान में साधना की जाती है, मुर्दे पर हवन किया जाता है, या जलती हुई चिता पर भैंसे के रक्त को चढ़ाया जाता हैं।
दूसरा माना गया है मोहन, अपने प्रति किसी को आकर्षित करने के लिए इस विद्या का उपयोग होता है। इसमें उसके बाल, कपड़ा लेते हैं फिर तंत्र साधना करते हैं।
तीसरा है वशीकरण, किसी महिला पुरुष को वश में करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। हम जो चाहे सामने वाला करने लगे इसके लिए पुतला बनाते हैं, कपड़ा पहनाते हैं और उस पुतले पर तंत्र क्रिया करते हैं।
चौथा होता है स्थंबन, किसी काम को रोकने के लिए इस विद्या का प्रयोग होता है। आठ तरह के अनाज से उड़द का पुतला बनाते हैं, जिस पर शमशान क्रिया होती है। इससे उसे व्यक्ति के काम रुक जाते हैं।
पांचवा होता है उच्चाटन, मोह भंग कर देना या मन फटा देना किसी व्यक्ति को दूर करने के लिए कौवे की हड्डी, कील को मिट्टी में गड़ा कर प्रयोग करते हैं।
अंतिम माना गया है विद्वेषण, इसमें एक दूसरे में मतभेद कर देना, इसके लिए बिल्ली और कुत्ते पर प्रयोग करते हैं। हरि ओम,
अगर आप भगवान विष्णु जी एवं माता लक्ष्मी जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय विष्णु देवा, जय माता लक्ष्मी एवं हरिओम तत सत लिखना न भूलिए।
यहां बताए गए उपाय, लाभ, सलाह और कथन आदि सिर्फ मान्यता और जानकारियों पर आधारित हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि किसी भी मान्यता या जानकारी की समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा पुष्टि नहीं की जाती है। यहां दी गई जानकारी में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं, धर्मग्रंथों, दंत कथाओं, किंवदंतियों आदि से संग्रहित की गई हैं। यहां काला जादू आदि के संबंध में बताई जानकारियां प्रचलित कथाओं के आधार पर सिर्फ और सिर्फ आपके सामान्य ज्ञान के लिए हैं, इनका उपयोग कतई न करें, आपसे अनुरोध है कि इस वीडियो या आलेख को अंतिम सत्य अथवा दावा ना मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया पूरी तरह से अंधविश्वास के खिलाफ है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें।
अगर आपको समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में खबरें आदि पसंद आ रही हो तो आप इसे लाईक, शेयर व सब्सक्राईब अवश्य करें। हम नई जानकारी लेकर फिर हाजिर होंगे तब तक के लिए इजाजत दीजिए, जय हिंद, . . .
(साई फीचर्स)