(मनोज राव)
महाकुंभ नगर (साई)। प्रयागराज में आयोजित हो रहा महाकुंभ 2025 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। लाखों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पापों का निवारण करते हैं। आइए जानते हैं इस महाकुंभ के बारे में कुछ रोचक तथ्य।
कहां करें स्नान?
संगम: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।
अरैल घाट: यह घाट भी स्नान के लिए काफी प्रसिद्ध है।
दशाश्वमेध घाट: यह घाट अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
राम घाट और हनुमान घाट: ये घाट धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध हैं।
क्या करें महाकुंभ में?
संतों की शोभायात्रा: विभिन्न अखाड़ों के संत अपनी भव्य शोभायात्रा निकालते हैं।
योग और ध्यान: प्रसिद्ध योग गुरुओं द्वारा निःशुल्क योग और ध्यान शिविर आयोजित किए जाते हैं।
धार्मिक प्रवचन: संत महात्मा धर्म और आध्यात्म पर प्रवचन देते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: भारतीय संगीत, नृत्य और लोक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
पुस्तक मेला: धार्मिक और आध्यात्मिक पुस्तकों की प्रदर्शनी लगती है।
महाकुंभ की विशेषताएं
स्मार्ट सिटी प्रयाग: प्रयागराज को स्मार्ट सुविधाओं से लैस किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण: प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित है और इको-फ्रेंडली सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।
डिजिटल सुविधाएं: डिजिटल टिकटिंग, मोबाइल ऐप और क्यूआर कोड जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सुरक्षा व्यवस्था: घाटों पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती है। ड्रोन से भी निगरानी की जाती है।
हाईलाईट्स
महाकुंभ का इतिहास हजारों साल पुराना है।
महाकुंभ के दौरान लाखों लीटर गंगा जल का उपयोग होता है।
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में चार प्रमुख स्थानों पर होता है: प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक।
क्यों जाएँ महाकुंभ?
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक समागम है बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव भी है। यहां आप विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से रूबरू हो सकते हैं। यह आध्यात्मिक विकास और आत्मशुद्धि का भी एक अवसर है।
अतिरिक्त जानकारी:
आवास: महाकुंभ के दौरान आवास की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भोजन: विभिन्न प्रकार के भोजन की व्यवस्था की जाती है।
यात्रा: प्रयागराज तक पहुंचने के लिए विभिन्न परिवहन के साधन उपलब्ध हैं।
प्रयागराज महाकुंभ एक अद्वितीय अनुभव है। यह धर्म, संस्कृति और आध्यात्म का एक संगम है। अगर आप कभी भी भारत आते हैं तो महाकुंभ में जरूर शामिल हों।
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