कैसे बनती हैं महिला नागा साधु, किन किन नियमों का करना होता है उन्हें पालन . . .

जानिए क्या महिलाएं भी बन सकती हैं नागा साधु . . .
आप देख, सुन और पढ़ रहे हैं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज के धर्म प्रभाग में विभिन्न जानकारियों के संबंद्ध में . . .
नागा साधुओं का नाम आते हैं सभी के मन में कौतुहल जागना स्वाभिक ही है। और अगर बात महिला साधुओं की हो तो यह जिज्ञासा और भी बढ़ जाती है। वर्तमान में कई अखाड़ों मे महिलाओं को भी नागा साधू की दीक्षा दी जाती है। इनमे विदेशी महिलाओं की संख्या भी काफी है। वैसे तो महिला नागा साधू और पुरुष नाग साधू के नियम कायदे समान ही है। फर्क केवल इतना ही है की महिला नागा साधू को एक पिला वस्त्र लपेट केर रखना पड़ता है और यही वस्त्र पहन कर स्नान करना पड़ता है। नग्न स्नान की अनुमति नहीं है, यहाँ तक की कुम्भ मेले में भी नहीं।
इस आलेख को वीडियो को साई न्यूज चेनल में देखने के लिए क्लिक कीजिए . . .

https://www.youtube.com/watch?v=h1PVRxY_0yc
प्रयागराज में 2025 में महाकुंभ के मेले का आयोजन होने जा रहा है। ऐसे आयोजनों में अक्सर आपने नागा साधु अवश्य ही देखे होंगे। आप लोगों ने नागा साधुओं के बारे में अवश्य ही सुना और पढ़ा भी होगा, लेकिन शायद कुछ लोग ही महिला नागा साधुओं के बारे में जानते हैं। दरअसल, जिस तरह पुरुष नागा साधु होते हैं। उसी तरह महिला नागा साधु भी होती हैं। पुरुषों की तरह महिलाएं भी नागा साधु बनती हैं।
महाकुंभ को लेकर तरह-तरह की बातें आपने सुन ली होंगी। महाकुंभ की बात हो और नागा साधु की बात ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। नागा साधु निर्वस्त्र रहते हैं यह तो हमें पता है, लेकिन क्या आपको पता है कि महिला नागा साधु भी होती हैं?
महाकुंभ का समय है और अब इससे जुड़ी कई बातें आपको गाहे-बगाहे पता चलती होंगी। महाकुंभ एक ऐसा जमघट है जो धर्म से जुड़ा है और लोगों की आस्था का प्रतीक भी है। महाकुंभ में नागा साधुओं का स्नान सबसे ज्यादा चर्चित होता है। नागा साधु जो सैन्य विध्याओं में महारत हासिल कर लेते हैं। नागा साधु जिनके जीवन और उनकी तपस्या के बारे में लोग बार-बार जानने की कोशिश करते हैं। नागा साधु हमेशा ही लोगों की चर्चा का विषय रहते हैं। क्या आपको पता है कि महिला नागा साधु भी होती हैं? इनकी तपस्या और इनसे जुड़े नियम अलग होते हैं। इन्हें साधु बनने के लिए बहुत ही कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
महिला नागा साधु भी अपनी पूरी जिदंगी भगवान को अर्पित कर देती हैं। वो भी सारी जिंदगी भगवान की भक्ति में लीन रहती हैं। पुरुष नागा साधु की तरह ही महिला नागा साधुओं के जीवन से भी रहस्य का पर्दा आज तक नहीं उठ पाया है। आखिर महिला कैसे नागा साधु बन जाती है। महिला नागा साधुओं का दैनिक जीवन कैसा होता है। उनकी दिनचर्या क्या होती है। आज हम आपको महिला नागा साधुओं से जुड़े ऐसे ही सवालों का जवाब देंगे।
महिला नागा साधु बनना आसान क्यों नहीं होता है यह जानिए,
कहा जाता है कि महिला नागा साधु बनना आसान नहीं होता। महिलाओं के नागा साधु बनने की प्रक्रिया सरल नहीं होती। ये बेहद कठिन और मुश्किल होती है। महिला नागा साधु बेहद मुश्किल तप करती हैं। महिला नागा साधु का सारा जीवन भगवान के लिए होता है। महिला नागा साधु बाहरी दुनियां में बहुत ही कम दिखाई देती हैं। महिला नागा साधु जंगलों और अखाड़ों में रहती हैं। ये कई सालों तक कठिन तप करती हैं।
क्या महिला नागा साधुओं को भी रहना होता है निर्वस्त्र?
जानकारों का कहना है कि महिला नागा साधु अगर चाहें, तो निर्वस्त्र रह सकती हैं, लेकिन अगर उन्हें वस्त्र धारण करना है, तो वह पीले रंग का कोई कपड़ा होगा। उन्हें एक ही कपड़ा पहनना होता है जो सिला हुआ ना हो। एक ही पीले रंग का कपड़ा हर मौसम के लिए होता है। भले ही सर्दी कड़ाके की पड़ रही हो फिर भी महिला नागा साधु इससे ज्यादा और कुछ नहीं पहन सकती हैं।
महाकुंभ में शाही स्नान को लेकर महिला साधुओं के लिए है नियम जानिए,
महाकुंभ समिति के नियमों के अनुसार, महिला नागा साधु बिना कपड़ों के स्नान नहीं कर सकती हैं। उन्हें एक कपड़ा पहनना जरूरी है। किसी भी महिला साधु को निर्वस्त्र स्नान करने की सख्त मनाही है।
जानिए किन नियमों का करना होता है पालन
किसी महिला के मन में अगर नागा साधु बनने की इच्छा होती है, तो उसके लिए पहले 6 से 12 वर्ष तक ब्रम्हचर्य का पालन करना आवश्यक माना जाता है। जो महिला ऐसा करने में सफलता प्राप्त कर लेती है उसे गुरुओं की ओर से नागा साधु बनने की इजाजत दी जाती है। जो महिला नागा साधु बनती है उसकी पिछले जीवन के बारे में जानकारी ली जाती है। साथ ही जो महिला नागा साधु बनती है उसे अपने गुरुओं को अपनी योग्यता का यकीन दिलाना पड़ता है।
महिला नागा साधुओं को रोज करना होता है कौन से काम करने होते हैं यह जानिए,
महिला नागा साधुओं के लिए तपस्या जरूरी है। उन्हें अग्नि के सामने बैठकर हमेशा तपस्या करनी होती है। वह जंगलों में या अखाड़ों में रहती हैं। महिला नागा साधुओं को सबसे पहले अखाड़ा समिति को अपने जीवन की जानकारी देनी होती है। उसके बाद उन्हें गुरुओं को ढूंढकर अपनी योग्यता के बारे में बताना होता है। महिला नागा साधुओं को भी अपने शरीर में भस्म लगानी होती है। अगर कोई महिला नागा साधु बनती है, तो उसे माता कहकर संबोधित किया जाता है। उन्हें माथे पर तिलक लगाया जाता है। दशनाम सन्यासिनी अखाड़ा महिला नागा साधुओं का गढ़ माना जाता है। इस अखाड़े में सबसे ज्यादा नागा साधु होती हैं।
क्या महिला नागा साधुओं को भी अपना ही पिंडदान होता है करना,
इतना ही नहीं जो भी महिला नागा साधु बनती है उसका पहला सिर मुंडवा दिया जाता है। नागा साधु बनने का सबसे अहम पड़ाव है पिंडदान करना। महिला नागा साधु बनने के लिए जीते जी महिला का पिंडदान करा दिया जाता है। पिंडदान के बाद महिला को उस जीवन से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाती है। इसके बाद महिला नागा साधु ये स्वीकार कर लेती है कि वो अब एक अध्यात्म के सफर पर निकल पड़ती हैं और अब उसका सारा जीवन ईश्वर को समर्पित होता है।
महिला नागा साधु पहनती हैं गेरुआ वस्त्र
पुरुष नागा साधु तो नग्न ररते हैं, लेकिन महिला नागा साधुओं को गेरुआ वस्त्र धारण करने की इजाजत होती है, लेकिन वो वस्त्र भी कहीं से सिला नहीं होता है। महिला नागा साधुओं के माथे पर तिलक होता है। वो भी अपने पूरे शरीर पर भस्म लगाती हैं। नागा साधुओं की तरह ही, लेकिन अलग जगह पर शाही स्नान करती हैं। महिला नागा साधु सादा जीवन जीती हैं। हरि ओम,
अगर आप भगवान विष्णु जी एवं भगवान श्री कृष्ण जी की अराधना करते हैं और अगर आप विष्णु जी एवं भगवान कृष्ण जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय विष्णु देवा, जय श्री कृष्ण, हरिओम तत सत, ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः लिखना न भूलिए।
यहां बताए गए उपाय, लाभ, सलाह और कथन आदि सिर्फ मान्यता और जानकारियों पर आधारित हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि किसी भी मान्यता या जानकारी की समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा पुष्टि नहीं की जाती है। यहां दी गई जानकारी में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं, धर्मग्रंथों, दंत कथाओं, किंव दंतियों आदि से संग्रहित की गई हैं। आपसे अनुरोध है कि इस वीडियो या आलेख को अंतिम सत्य अथवा दावा ना मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया पूरी तरह से अंधविश्वास के खिलाफ है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
अगर आपको समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में खबरें आदि पसंद आ रही हो तो आप इसे लाईक, शेयर व सब्सक्राईब अवश्य करें। हम नई जानकारी लेकर फिर हाजिर होंगे तब तक के लिए इजाजत दीजिए, जय हिंद, . . .
(साई फीचर्स)

ASHISH KOSHAL

आशीष कौशल का नाम महाराष्ट्र के विदर्भ में जाना पहचाना है. पत्रकारिता के क्षेत्र में लगभग 30 वर्षों से ज्यादा समय से सक्रिय आशीष कौशल वर्तमान में समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के नागपुर ब्यूरो के रूप में कार्यरत हैं . समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 में किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.