केंद्र सरकार क्या कुछ बड़ा करने जा रही है . . .

दिल्ली में सियासी बियावान के सन्नाटे से उपज रहे अनेक अनुत्तरित सवाल . . .
(लिमटी खरे)
देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली की सियासी फिजा में कुछ दिनों से बहुत ही ज्यादा एवं अजीब सा सन्नाटा पसरा दिख रहा है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री आदि के कदमताल भी लोगों की समझ से परे ही नजर आ रहे हैं। सत्ता के शीर्ष केंद्रों से भी छन छनकर जो बातें बाहर आती दिख रही हैं, वे भी कुछ संकेत करती दिख रही हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रविवार की रात लगभग आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से भेंट की। इनके बीच किन मसलों पर चर्चा की गई है यह बात अभी तक बाहर नहीं आ सकी है।
इधर, प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो हर सप्ताह बुधवार को मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ बैठते थे और कैबनेट की बैठक हुआ करती थी, वह इस सप्ताह स्थगित कर दी गई। इसे स्थगित क्यों किया गया! अब यह कब होगी यह बात भी किसी को नहीं बताई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को कटरा, काश्मीर के भ्रमण पर जाना था वह भी रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने ऑफ द रिकार्ड चर्चा के दौरान समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक सप्ताह के सारे कार्यक्रम निरस्त रखे गए हैं।
सत्ता के शीर्ष केंद्र साऊथ ब्लाक के एक अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि इन सारी बातों के एक साथ घटने को महज संयोग तो नहीं ही माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि सब कुछ इतनी तेजी से घट रहा है और बाहर कोई भी बात निकलकर नहीं आ रही है, इससे अब कयास ही लगाए जा सकते हैं कि क्या कुछ बड़ा होने वाला है!
उनका मानना था कि हो सकता है कि बंगलादेश की सीमा पर कुछ बड़ा कदम उठाया जा सकता है क्योंकि जिस तरह बंगलादेश के लोग पश्चिम बंगाल में घुसकर कोहराम मचा रहे हैं उसे रोकने की दिशा में ठोस कदम भी उठाए जा सकते हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की संभावनाएं भी जमकर व्यक्त की जा रही हैं, जिसकी संभावनाएं कम ही दिख रही है।
वहीं, कानून के एक जानकार ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि भारतीय न्यायपालिका में कोई नया रिफार्म आ सकता है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि शीर्ष न्यायालय की दो न्यायधीशों की बैंच ने राष्ट्रपति के लिए हिट मेंडेट जारी कर दिया गया है। उनका मानना था कि राष्ट्रपति और राज्यपाल को इन सबसे बरी रखा गया है, अर्थात न्यायालयों के द्वारा उसमें हस्ताक्षेप नहीं किया जा सकता है। अगर कुछ करना भी है तो शीर्ष अदालत की सात न्यायधीशों वाली संवैधानिक बैंच ही यह कर सकती है। दरअसल, तमिलनाडू के गर्वनर के द्वारा तमिलनाडू विधानसभा में पारित बिल को राष्ट्रपति को भेजा और राष्ट्रपति कार्यालय में वह होल्ड की पोजीशन में है। न्यायालय का कहना है कि इसे होल्ड नहीं किया जा सकता, राष्ट्रपति को तय समय सीमा में कोई न कोई स्टेंड इस पर लेना ही होगा।
कुल मिलाकर एक सप्ताह से देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में जो हो रहा है उसे लेकर सत्ता पर बारीक नजर रखने वालों के द्वारा भी कयास ही लगाए जा रहे हैं। इस मामले में अगर कुछ हुआ तो वह एक पखवाड़े के अंदर ही होने की उम्मीद जताई जा रही है।
(साई फीचर्स)

लिमटी खरे

43 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. दिल्ली, मुंबई, नागपुर, सिवनी, भोपाल, रायपुर, इंदौर, जबलपुर, रीवा आदि विभिन्न शहरों में विभिन्न मीडिया संस्थानों में लम्बे समय तक काम करने का अनुभव, वर्तमान में 2008 से लगातार "समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया" के 'संस्थापक संपादक' हैं. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.