(ब्यूरो कार्यालय)
लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दानवीर भामाशाह की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘व्यापारी कल्याण दिवस‘ कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने सर्वाधिक राजस्व कर देने वाले व्यापारियों को ‘भामाशाह सम्मान‘ से नवाजा और समाज में विशेष योगदान देने वाले व्यापारियों को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी देश स्वदेश, स्वाभिमान और स्वधर्म की रक्षा के लिए महाराणा प्रताप को याद करेगा, दानवीर भामाशाह का नाम स्वतः ही सबकी जुबान पर होगा। उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अकबर का पूरी क्षमता से सामना किया, भले ही उन्हें लंबे समय तक जंगलों में रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने विदेशी हुकूमत के सामने सिर नहीं झुकाया।
योगी आदित्यनाथ ने भामाशाह के त्याग को याद करते हुए कहा कि दानवीर भामाशाह ने अपनी सारी संपत्ति महाराणा प्रताप को सेना के पुनर्गठन के लिए अर्पित कर दी थी। उन्होंने इस देशभक्ति के भाव को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘राष्ट्र प्रथम‘ के रूप में आगे बढ़ाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जब देश सुरक्षित रहेगा, तभी धर्म सुरक्षित रहेगा और जब धर्म सुरक्षित रहेगा, तभी हम सुरक्षित रहेंगे।
भामाशाह का त्याग और वर्तमान परिप्रेक्ष्य
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भगवद्गीता का हवाला देते हुए कहा कि देश, धर्म, लोक कल्याण और गरीब कल्याण के लिए किया जाने वाला दान हमेशा सार्थक होता है। उन्होंने वर्तमान पीढ़ी को महाराणा प्रताप और भामाशाह के बारे में बताने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने प्रदेश सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर‘ (एक जनपद, एक नदी) की परिकल्पना के तहत हर जनपद की एक-एक नदी के पुनरुद्धार और वृक्षारोपण अभियान से प्रदेश भर के व्यापारियों को जुड़ने का आह्वान किया।
‘व्यापारी कल्याण दिवस‘ का महत्व
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि भामाशाह की जयंती 29 जून को हर साल मनाई जानी चाहिए और ‘व्यापारी कल्याण दिवस‘ के अवसर पर प्रदेश के हर जनपद में सर्वाधिक जीएसटी देने वाले 10-10 व्यापारियों को सम्मानित किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि दानवीर भामाशाह का जन्म 29 जून, 1547 को भक्ति और शक्ति की धरती राजस्थान में हुआ था। वे व्यापारिक वृत्ति के थे और उनकी निष्ठा मेवाड़ राजवंश के प्रति थी। उन्हें महामंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और मेवाड़ राजवंश के सभी दान पत्र उन्हीं द्वारा लिखे जाते थे।
अकबर से संघर्ष और भामाशाह का योगदान
मुख्यमंत्री ने हल्दीघाटी के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि जब अकबर का लालच और विद्वेष का भाव बढ़ता गया और अनेक राजाओं ने उसकी अधीनता स्वीकार कर ली, तब भी मेवाड़ जैसा राजवंश देश और धर्म की रक्षा के लिए विदेशी दासता के अधीन कार्य करने को सहमत नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप ने 20 हजार सैनिकों के साथ लाखों की अकबर की सेना का सामना किया, लेकिन चेतक के गिरने के बाद उन्हें जंगलों में जाना पड़ा।
उन्होंने याद दिलाया कि महाराणा प्रताप को लंबे समय तक जंगलों में जीवन-यापन करना पड़ा और कई दिनों तक घास की रोटी भी खानी पड़ी, लेकिन उन्होंने देश और धर्म की रक्षा के लिए विदेशी हुकूमत के सामने सिर नहीं झुकाया। उस समय उनका एकमात्र लक्ष्य मेवाड़ की रक्षा करना और स्वाधीनता की लौ को जलाए रखना था, जिसमें उन्हें अरावली के जंगलों की विभिन्न जनजातियों का साथ मिला।
मुख्यमंत्री ने भामाशाह के अतुलनीय सहयोग का वर्णन करते हुए कहा कि जब महाराणा प्रताप को सेना के संगठन की आवश्यकता थी, तब दानवीर भामाशाह अपनी सारी संपत्ति देने के लिए उपस्थित हुए। भामाशाह ने कहा कि उन्होंने यह संपत्ति इसी देश से अर्जित की है, इसलिए वह इसे देश के लिए समर्पित कर रहे हैं। इस सहयोग से 25 हजार सैनिकों के लिए 12 वर्षों तक वेतन, रहने-खाने की व्यवस्था और युद्ध सामग्री उपलब्ध कराना संभव हो सका। इसी के बल पर महाराणा प्रताप ने फिर से सेना संगठित की और अकबर द्वारा जीते गए मेवाड़ व चित्तौड़गढ़ के किले और दुर्ग वापस लिए।
दान का महत्व और राष्ट्र प्रथम का भाव
मुख्यमंत्री ने धन की तीन गतियों – दान, भोग और नाश का उल्लेख करते हुए कहा कि दान व्यक्ति को यशस्वी बनाता है। उन्होंने कहा कि आज भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देशभक्ति के इसी ‘राष्ट्र प्रथम‘ के भाव को आगे बढ़ा रहे हैं।
जातिवाद पर प्रहार
मुख्यमंत्री ने उन लोगों की आलोचना की जो समाज को जाति के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं और जिन्होंने पहले माफियाओं के सामने घुटने टेके थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था पर संकट लाने वाले लोगों से सख्ती से निपटा है और अब जो भी बहन-बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पहले प्रदेश पहचान के संकट से गुजर रहा था, लेकिन आज सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण है और प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से डबल इंजन सरकार सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने ‘एक जनपद, एक उत्पाद‘ योजना का भी जिक्र किया, जिससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिला है और व्यापारियों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक मंच मिला है।
व्यापारियों से आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि भामाशाह की जयंती 29 जून को हर साल मनाई जानी चाहिए और ‘व्यापारी कल्याण दिवस‘ पर प्रदेश के हर जनपद में सर्वाधिक जीएसटी देने वाले 10-10 व्यापारियों का सम्मान होना चाहिए। साथ ही, प्रदेश स्तर पर सर्वाधिक जीएसटी देने वाले व्यापारियों का भव्य समारोह में सम्मान होना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस दिवस पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा चुके ऐसे व्यापारियों के आश्रितों को, जो दुर्भाग्यवश किसी दुर्घटना का शिकार हो गए हों, व्यापारी कल्याण बोर्ड के माध्यम से 10 लाख रुपये की सुरक्षा बीमा राशि वितरित की जानी चाहिए।
उन्होंने सभी व्यापारियों से रोजगार सृजन और प्रदूषण मुक्त व्यवस्था देने जैसे कार्यों से जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने ‘एक जनपद, एक नदी‘ अभियान से जुड़ने और प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ लक्ष्य को सफल बनाने की भी अपील की।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने संबोधन में भामाशाह के त्याग और मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में बनाए गए व्यापार अनुकूल माहौल की सराहना की। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, विधायक श्री नीरज बोरा, श्री राजेश्वर सिंह और व्यापारीगण उपस्थित थे।

हर्ष वर्धन वर्मा का नाम टीकमगढ़ जिले में जाना पहचाना है. पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय तक सक्रिय रहने के बाद एक बार फिर पत्रकारिता में सक्रियता बना रहे हैं हर्ष वर्धन वर्मा . . .
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