इंडियाज मोस्ट वांटेड फिल्म रिव्यू

 

 

 

 

 

दमदार है अर्जुन कपूर की एक्टिंग

फिल्म इंडियाज मोस्ट वॉन्टेड

कलाकार – अर्जुन कपूर,राजेश शर्मा,गौरव मिश्रा

निर्देशक -राज कुमार गुप्ता

अर्जुन कपूर की मोस्ट अवेटेड फिल्म इंडियाज मोस्ट वॉन्टेड आज सिनेमा घरों में आ गई है। फिल्म की कहानी रियल बेस्ड है , जिसमें खुफिया ऑपरेशन और आतंकवादियों को कैसा पकड़ा गया यह दिखाया गया है। इंडियाज़ मोस्ट वांटेड के साथ राजुकमार गुप्ता एक दिलचस्प कहानी पेश की है। फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है जहां अर्जुन कपूर एक इंटेलिजेंस ऑफिसर की भूमिका में है। पटना का ये जांबाज़ ऑफिसर खुद ज़िम्मेदारी लेता है, भारत के सबसे खूंखार आतंकवादी को पकड़ने की।

कहानी

फिल्म इंडियाज़ मोस्ट वांटेड’, एक अच्छी थ्रिलर फिल्म है और आपको बाँध के रखती है। कहानी ये है कि इंडिया में लगातार अलग-अलग शहरों में हो रहे सीरियल बम-ब्लास्ट के पीछे किसका हाथ है, ये पता लगाने में हर जांच एजेंसी नाकाम है। किसी के पास उसका नाम, पता तो क्या, उसका चेहरा भी नहीं है, इसलिए सब उसे घोस्टबुलाते हैं। प्रभात (अर्जुन कपूर) आई बी में एक ऑफिसर हैं, जिन्हें नेपाल में उनके एक इनफॉर्मर से इस घोस्टके बारे में एक क्लू मिलता है। अर्जुन 4 लोगों की अपनी टीम को लेकर अपने बॉस राजेश सिंह के पास परमिशन के लिए जाते हैं। राजेश अपने सीनियर्स को पूरा माजरा बताते हैं, लेकिन उन्हें टीम को नेपाल भेजने की परमिशन नहीं मिलती। लेकिन उसके बाद यह दुष्कर प्रभात खुद उठाता है । और पांच लोगों की एम टीम बनाता है, जिसे यह काम महज चार दिनों में पूरा करना है और वह भी बिना किसी सरकारी बैकअप, सुरक्षा और हथियार के। प्रभात को टिप मिलती है कि वह आतंकवादी नेपाल में छिपा हुआ है तो यह टीम अपने सामर्थ्य के बलबूते पर नेपाल पहुंचती है, जहां उनकी घेराबंदी हो जाती है। हालात ऐसे बनते हैं कि इनकी जान भी जा सकती है। फिल्म में इस ट्रैक के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को भी जोड़ा गया है। कहानी में आप ये देख सकते हैं कि हमारे इंटेलिजेंस अफसर विषम परिस्थितियों में भी अपने फर्ज के जज्बे को कैसे कायम रखते हैं। क्या प्रभात विषम परिस्थितियों में अपने मिशन में कामयाब होता है यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

डायरेक्शन

फिल्म की कहानी जितनी इंटरेस्टिंग है उनता है फिल्म भी है। आमिर‘, ‘नो वन किल्ड जेसिका‘, ‘रेडजैसी रियलिस्टिक फिल्मों में अपनी साख बना चुके राजकुमार गुप्ता ने अपनी इस फिल्म के पेस और माहौल को भी रियलिस्टिक रखा है। ये फिल्म बिलकुल ग्राउंड रियलिटी से शुरू होती है। और अर्जुन कपूर के एंट्री सीन के अलावा आखिर तक वैसी ही बनी रहती है। इसे देखते हुए कहीं भी भारीपन महसूस नहीं होता. लेकिन थोड़ा खिंचा हुआ सा लगने लगता है। आगे क्या होने वाला है, ये पता होने के बावजूद देखने वाले की दिलचस्पी फिल्म में बनी रहती है। इंडियाज़ मोस्ट वॉन्टेडमें आपको पूरा नेपाल देखने को मिलता है। पहाड़ से लेकर पानी, जंगल और गलियों तक। फिल्म के दूसरे हाफ में एक सीन है।

एक्टिंग

प्रभात  की रोल में आपको अर्जुन बेहद सीरियस नजर आएंगे।फिल्म में वह एक एंग्रीमैन की तरह नजर आ रहे हैं, लेकिन यह फिल्म अर्जुन की परफॉरमेंस उनके करियर का टर्निंग पॉइंट होने का दम रखती है। उनके साथ सपोर्टिंग कास्ट में राजेश शर्मा, प्रवीण सिंह सिसोदिया, बजरंग बली सिंह, और गौरव मिश्रा जैसे कलाकारों ने हर फ्रेम में बेहतरीन काम किया है। नेपाल में इनफॉर्मर के रोल में जीतेंद्र शास्त्री उर्फ़ नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के जीतू दा ने कमाल का काम किया है। राजेश शर्मा ने हमेशा की तरह अच्छा काम किया है।

संवाद और गाने

आपको बता दें कि राजकुमार की पिछली सभी फिल्मों की तरह इस फिल्म का म्यूज़िक भी अमित त्रिवेदी ने किया है। फिल्म में गानों के लिए कोई स्पेस नहीं है लेकिन दो गाने हैं। एक बॉलीवुड को ट्रिब्यूट और दूसरी नए लिरिक्स के साथ वंदे मातरम, लेकिन फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बहुत बैलेंस्ड है। कई बार बैकग्राउंड म्यूज़िक लाइव स्पॉयलर बन जाते हैं। फिल्म के डायलॉग्स भी सॉर्टेड हैं। जैसे फिल्म के आखिर में अर्जुन कपूर का किरदार कोई भारी बात कहता है। जिसके जवाब में उसे फिल्मी डायलॉग न मारने की सलाह दे दी जाती है।

(साई फीचर्स)