इलेक्ट्रिक वाहनों को रखा जाएगा पंजीयन शुल्क से मुक्त!

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को तेजी से बढ़ावा देना चाहती है। हाल में नीति आयोग ने साल 2030 के बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री का प्रस्ताव दिया था। अब सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज (पंजीकरण शुल्क) माफ करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाने में तेजी आए।

सेंट्रल मोटर वीइकल रूल्स 1989 में संशोधन के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि बैटरी से चलने वाली गाड़ियों को रजिस्ट्रेशन फीस से छूट दी जाएगी। यह नए रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन रिन्यूवल, दोनों के लिए होगा। यह छूट टू-वीलर सहित सभी कैटिगरी की गाड़ियों पर लागू होगी। मंत्रालय ने सीएमवीआर ब्डटत् में संशोधन के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसमें ऐसी छूट के लिए नियम 81 में संशोधन प्रस्तावित है।

मांगे सुझाव और आपत्तियां : इस प्रस्ताव को लागू करने से पहले सरकार ने स्टेकहोल्डर्स से एक महीने के अंदर सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। इस समय सीमा के दौरान किसी भी व्यक्ति से मिलने वाली आपत्ति या सुझाव पर केंद्र सरकार विचार करेगी। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव के लागू होने से इलेक्ट्रिक गाड़ियां लोगों के लिए सस्ती होंगी, जिससे इनका इस्तेमाल बढ़ने की उम्मीद है।

पिछले साल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक खाका तैयार किया गया है। अगले पांच सालों में कुल ऑटोमोबाइल का 15 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक गाड़ियों का होगा।

2030 के बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियों का प्रस्ताव : बता दें कि हाल में नीति आयोग ने प्रस्ताव दिया है कि 2030 के बाद देश में सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेची जाएं। नीति आयोग ने क्लीन फ्यूल टेक्नॉलजी के दायरे को टू-वीलर और थ्री-वीलर से आगे बढ़ाते हुए यह प्रस्ताव दिया है।

कमिटी ने एक कैबिनेट नोट जारी किया है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के लिए जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई है। साथ ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को 2030 तक डीजल और पेट्रोल गाड़ियों की बिक्री रोकने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रस्ताव दिया गया है।